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शिवराज के मिनी मंत्रिमंडल में कमल पटेल को मिली जगह, जानें सियासी सफर

हरदा के राता तलाई के रहने वाले कमल पटेल को शिवराज सिंह की कैबिनेट में जगह मिली है, शिवराज सिंह के मिनी कैबिनेट में पांच सदस्यों को जगह मिली है.

KAMAL PATEL
कमल पटेल
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Published : Apr 21, 2020, 12:38 PM IST

हरदा। शिव'राज' के मिनी कैबिनेट में कमल पटेल को जगह मिली है, राजभवन में आयोजित सादे समारोह में कमल पटेल को राज्यपाल ने मंत्री पद की शपथ दिलाई. कमल पटेल हरदा से पांच बार विधानसभा सदस्य चुने जा चुके हैं. उन्हें बाबूलाल गौर के नेतृत्व वाली सरकार में एक जून 2005 चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. बाद में उन्हें पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राजस्व, धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती और पुनर्वास विभागों का प्रभार दिया गया. कमल पटेल ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाते हैं.

वे किसान के बेटे हैं और छात्र राजनीति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हिस्सा बन कर राजनीति में प्रवेश किए. उन्होंने छात्रों की समस्या उठाते हुए अपनी विशेष पहचान बनाकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष के पद पर रहते हुए आंदोलनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. वे हरदा से लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने नर्मदा नदी में हो रहे अवैध खनन के मुद्दे को उठाते हुए अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, जिसके बाद उनके इस मुद्दे ने पिछली शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था. विधायक पटेल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित भाजपा के कई कद्दावर नेताओं के चहेते हैं.

पहली बार जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने, तब कमल पटेल को कैबिनेट में जगह मिली और राजस्व मंत्रालय मिला, जहां उन्होंने आरबीसी 6/4 में परिवर्तन करते हुए किसानों की मुआवजा राशि को बढ़ाया. अब उन्हें फिर मंत्री पद से नवाजा गया है, उसका सबसे बड़ा कारण है कि प्रशासनिक क्षमता जिसके लिए वे जाने जाते हैं.

हरदा। शिव'राज' के मिनी कैबिनेट में कमल पटेल को जगह मिली है, राजभवन में आयोजित सादे समारोह में कमल पटेल को राज्यपाल ने मंत्री पद की शपथ दिलाई. कमल पटेल हरदा से पांच बार विधानसभा सदस्य चुने जा चुके हैं. उन्हें बाबूलाल गौर के नेतृत्व वाली सरकार में एक जून 2005 चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. बाद में उन्हें पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राजस्व, धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती और पुनर्वास विभागों का प्रभार दिया गया. कमल पटेल ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाते हैं.

वे किसान के बेटे हैं और छात्र राजनीति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हिस्सा बन कर राजनीति में प्रवेश किए. उन्होंने छात्रों की समस्या उठाते हुए अपनी विशेष पहचान बनाकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष के पद पर रहते हुए आंदोलनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. वे हरदा से लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने नर्मदा नदी में हो रहे अवैध खनन के मुद्दे को उठाते हुए अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, जिसके बाद उनके इस मुद्दे ने पिछली शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था. विधायक पटेल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित भाजपा के कई कद्दावर नेताओं के चहेते हैं.

पहली बार जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने, तब कमल पटेल को कैबिनेट में जगह मिली और राजस्व मंत्रालय मिला, जहां उन्होंने आरबीसी 6/4 में परिवर्तन करते हुए किसानों की मुआवजा राशि को बढ़ाया. अब उन्हें फिर मंत्री पद से नवाजा गया है, उसका सबसे बड़ा कारण है कि प्रशासनिक क्षमता जिसके लिए वे जाने जाते हैं.

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