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इस मंदिर में मत्था टेककर पुलिस वाले करते है ड्यूटी की शुरुआत, नवरात्रि पर लगा रहता है भक्तों का तांता - kotwali police harda

हरदा के कोतवाली थाना परिसर में कामाख्या माता का मंदिर स्थित है. बताया जाता है कि इस मंदिर पर शहर की पुलिस की विशेष आस्था है. क्योंकि जब भी पुलिस किसी परेशानी में आती है. वे मां से अर्जी लगाते हैं और उनका काम हो जाता है.

कामाख्या देवी मंदिर
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Published : Oct 3, 2019, 11:05 AM IST

Updated : Oct 3, 2019, 1:32 PM IST

हरदा। माहिम दरगाह और मुंबई पुलिस कनेक्शन के बारे में आपने जरुर सुना होगा. लेकिन हरदा शहर में भी एक ऐसा मंदिर है जहां पुलिस स्टाफ रोजाना माता के दरबार में माथा टेकर ड्यूटी की शुरुआत करता है. जिसे कामाख्या देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है. ये मंदिर कोतवाली थाना परिसर में स्थित है और 20 साल पुराना है. तभी से पुलिस वाले इस परंपरा को निभा रहे हैं.

कामाख्या देवी मंदिर

ऐसा कहा जाता है कि कोतवाली पुलिस को कोई परेशानी आती है तो माता उनकी मदद करतीं हैं. पुलिस वालों के अलावा भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. एएसआई सीताराम पटेल ने बताया कि वे और उनका पूरा पुलिस स्टाफ माता के दर्शन के बाद ही काम की शुरुआत करते हैं.

वहीं पुजारी राधिका प्रसाद जोशी ने बताया कि शहर में ये इकलौता कामाख्या देवी का मंदिर है और वे कई सालों से माता की सेवा कर रहे हैं. नवरात्रि पर शहर का यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना रहता है जहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.

हरदा। माहिम दरगाह और मुंबई पुलिस कनेक्शन के बारे में आपने जरुर सुना होगा. लेकिन हरदा शहर में भी एक ऐसा मंदिर है जहां पुलिस स्टाफ रोजाना माता के दरबार में माथा टेकर ड्यूटी की शुरुआत करता है. जिसे कामाख्या देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है. ये मंदिर कोतवाली थाना परिसर में स्थित है और 20 साल पुराना है. तभी से पुलिस वाले इस परंपरा को निभा रहे हैं.

कामाख्या देवी मंदिर

ऐसा कहा जाता है कि कोतवाली पुलिस को कोई परेशानी आती है तो माता उनकी मदद करतीं हैं. पुलिस वालों के अलावा भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. एएसआई सीताराम पटेल ने बताया कि वे और उनका पूरा पुलिस स्टाफ माता के दर्शन के बाद ही काम की शुरुआत करते हैं.

वहीं पुजारी राधिका प्रसाद जोशी ने बताया कि शहर में ये इकलौता कामाख्या देवी का मंदिर है और वे कई सालों से माता की सेवा कर रहे हैं. नवरात्रि पर शहर का यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना रहता है जहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.

Intro:हरदा सिटी कोतवाली परिसर से सटे एसडीओपी कार्यालय परिसर में बने कामाख्या देवी के दरबार मे रोजाना अपनी ड्यूटी पर आने वाला पुलिस स्टाफ और अधिकारियों के द्वारा माता रानी के दरबार मे मत्था टेकने के बाद ही अपने काम की शुरुआत की जाती है।इस मंदिर में हर रोज हवन पूजन सहित दीयों से मंदिर को सँजोया जाता है।यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन गया है।यहां पुलिसवालों के साथ साथ उनके परिजन एवं शहर के आम लोग भी दर्शन को आने पर मनवान्छित फल की प्राप्ति करते है।


Body:बताया जाता है कि सालों पहले यहां पर एक नीम के पेड़ के नीचे देवी का प्राचीन स्थान है।जहां पर लोगों के द्वारा पूजा अर्चना की जाती थी।जिसको लेकर लगभग 20 साल पहले यहां माँ के मंदिर का निर्माण किया गया है।पंडित जोशी ने बताया कि वो असम के गोहाटी जाकर सर साल साधना किया करते थे जिसके चलते ही उन्हें यहां पर पूजाअर्चना करने का सौभाग्य चार साल से मिला है।यहां पर हर दिन हवन पूजन के साथ साथ 51 दियों की दीवाली मनाई जाती है।जिसमें सिटी कोतवाली के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा माता के दरबार मे सिर झुकाने के बाद ही अपने काम की शुरूआत की जाती है।यहां स्थान नगर का अद्भुत दैवीय स्थल है।यहां जो भी सच्चे मन से मुराद लेकर आता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है।
बाईट - राधिका प्रसाद जोशी
पुजारी,कामाख्या मंदिर,हरदा


Conclusion:सिटी कोतवाली के उपनिरीक्षक सीताराम पटेल ने बताया कि कामाख्या देवी का मंदिर इस क्षेत्र का प्रसिद्ध मंदिर है।यहां सिटी कोतवाली में पदस्थ सभी कर्मचारियों के द्वारा रोजाना अपने काम को शुरू करने से पहले माता रानी का आशिर्वाद लिया जाता है।यहां पुलिस के साथ साथ आमजन भी आकर दर्शन लाभ लेते है।
बाईट-सीताराम पटेल
उपनिरीक्षक सिटी कोतवाली,हरदा
Last Updated : Oct 3, 2019, 1:32 PM IST
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