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किसान और कृषि विभाग की सतर्कता लाई रंग, मूंग को नहीं पहुंचा नुकसान - हरदा न्यूज

हरदा जिले के किसानों ने करीब 77 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाई है. टिड्डी दल की आहट से ही किसानों के हाथ पांव फूल गए थे. लेकिन जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारियों के द्वारा टिड्डी प्रभावित खेतों में कीटनाशक दवाओं का स्प्रे भी किया था. किसानों ने खेतों में कचरा जलाकर टिड्डी दलों को भागने की कोशिश कर रहे हैं.

Agriculture Minister Kamal Patel
कृषि मंत्री कमल पटेल
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Published : Jun 1, 2020, 1:29 PM IST

हरदा। पाकिस्तान से उड़ान भरने वाला टिड्डी दल राजस्थान के रास्ते मध्यप्रदेश के जिलों में घुसपैठ कर रहा है. जिसमें इस दल ने कई जिलों की फसलों को मिनटों में चट कर दिया है. जिससे अन्य जिलों के किसानों को भी टिड्डी दल का डर सता रहा है. लेकिन हरदा के किसानों के पास स्थिति काबू में है. जहां हरदा जिले के जोगा गांव के जंगलों में टिड्डी दल ने प्रवेश किया था लेकिन किसानों ने कई तरह के जतन करके उन्हें भगाने में विजय प्राप्त कर ली है.

किसान और कृषि विभाग की सतर्कता रंग लाई

हरदा जिले के किसान करीब 77 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाई है. टिड्डी दल की आहट से ही किसानों के हाथ पांव फूल गए थे. लेकिन जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारियों के द्वारा टिड्डी प्रभावित खेतों में कीटनाशक दवाओं का स्प्रे भी किया था. किसानों खेतों में कचरा जलाकर टिड्डी दलों को भागने में जुटे हैं.

किसानों के द्वारा जिन जिन गांवों में टिड्डी दल के आने की सूचना मिली थी वहां रतजगा कर टिड्डियों को आगे खदेड़ा था, किसानों के द्वारा मूंग की फसल पर छिड़काव की गई कीटनाशक दवाई के प्रभाव से टिड्डी दल मूंग की फसल पर नहीं बैठ पाया वहीं विभाग के द्वारा जंगलों में पेड़ों पर बैठी टिड्डियों को स्प्रे कर खत्म किया गया है.

अधिकारी बनाए रखे हैं हालात पर नजर

उधर कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा जिले में टिड्डी दल की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए रखी हुई है. हरदा में अब तक किसी किसान के द्वारा अपने खेत में लगी मूंग की फसल पर किसी तरह का नुकसान होने की कोई शिकायत नहीं की है. जिले में मूंग की फसल अब कटने लगी है. हरदा में मूंग की फसल से किसानों को करीब 700 करोड़ रुपए की आमदनी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

कृषि मंत्री कर चुके हैं फसल का निरीक्षण

कृषि मंत्री कमल पटेल ने हरदा जिले के मसन गांव में बीती 25 मई को निरीक्षण किया था. इस दौरान मंत्री ने किसानों से टिड्डी दल के प्रकोप के बारे में चर्चा की थी. मंत्री कमल पटेल ने कहा कि वैसे तो हरदा जिले में टिड्डी दल का कोई प्रभाव नहीं है लेकिन यदि किसी किसान को नुकसान हुआ है तो उसे आरबीसी की धारा 6-4 के तहत नुकसानी की भरपाई की जाएगी.

हरदा। पाकिस्तान से उड़ान भरने वाला टिड्डी दल राजस्थान के रास्ते मध्यप्रदेश के जिलों में घुसपैठ कर रहा है. जिसमें इस दल ने कई जिलों की फसलों को मिनटों में चट कर दिया है. जिससे अन्य जिलों के किसानों को भी टिड्डी दल का डर सता रहा है. लेकिन हरदा के किसानों के पास स्थिति काबू में है. जहां हरदा जिले के जोगा गांव के जंगलों में टिड्डी दल ने प्रवेश किया था लेकिन किसानों ने कई तरह के जतन करके उन्हें भगाने में विजय प्राप्त कर ली है.

किसान और कृषि विभाग की सतर्कता रंग लाई

हरदा जिले के किसान करीब 77 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाई है. टिड्डी दल की आहट से ही किसानों के हाथ पांव फूल गए थे. लेकिन जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारियों के द्वारा टिड्डी प्रभावित खेतों में कीटनाशक दवाओं का स्प्रे भी किया था. किसानों खेतों में कचरा जलाकर टिड्डी दलों को भागने में जुटे हैं.

किसानों के द्वारा जिन जिन गांवों में टिड्डी दल के आने की सूचना मिली थी वहां रतजगा कर टिड्डियों को आगे खदेड़ा था, किसानों के द्वारा मूंग की फसल पर छिड़काव की गई कीटनाशक दवाई के प्रभाव से टिड्डी दल मूंग की फसल पर नहीं बैठ पाया वहीं विभाग के द्वारा जंगलों में पेड़ों पर बैठी टिड्डियों को स्प्रे कर खत्म किया गया है.

अधिकारी बनाए रखे हैं हालात पर नजर

उधर कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा जिले में टिड्डी दल की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए रखी हुई है. हरदा में अब तक किसी किसान के द्वारा अपने खेत में लगी मूंग की फसल पर किसी तरह का नुकसान होने की कोई शिकायत नहीं की है. जिले में मूंग की फसल अब कटने लगी है. हरदा में मूंग की फसल से किसानों को करीब 700 करोड़ रुपए की आमदनी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

कृषि मंत्री कर चुके हैं फसल का निरीक्षण

कृषि मंत्री कमल पटेल ने हरदा जिले के मसन गांव में बीती 25 मई को निरीक्षण किया था. इस दौरान मंत्री ने किसानों से टिड्डी दल के प्रकोप के बारे में चर्चा की थी. मंत्री कमल पटेल ने कहा कि वैसे तो हरदा जिले में टिड्डी दल का कोई प्रभाव नहीं है लेकिन यदि किसी किसान को नुकसान हुआ है तो उसे आरबीसी की धारा 6-4 के तहत नुकसानी की भरपाई की जाएगी.

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