ETV Bharat / state

हरदा: अतिवृष्टि से खराब हो रही किसान की फसलें, प्रशासन नहीं ले रहा सुध - खराब हो रही किसान की फसलें

हरदा में अतिवृष्टि से किसान की फसलें खराब हो रही हैं, लेकिन प्रशासन के द्वारा अभी तक सर्वे शुरू नहीं किया गया है. जिससे किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रहीं हैं.

हरदा
author img

By

Published : Sep 16, 2019, 8:05 PM IST

हरदा। पिछले तीन सालों से कम बारिश होने से लोग काफी परेशान थे, लेकिन इस साल हुई अतिवृष्टि से खेतों में जलभराव के चलते किसानों की फसलें सड़ने लगी हैं. इससे किसानों के सामने गहरा संकट खड़ा हो गया है. वहीं जिले के सैकड़ों गावों से फसलों के खराब होने की सूचनाएं मिलने के बाद भी प्रशासन के द्वारा सर्वे शुरू नहीं किया गया है.

अतिवृष्टि से खराब हो रही किसान की फसलें

जिले में किसानों के द्वारा 1 लाख 54 हजार 600 हेक्टेयर में सोयाबीन,16 हजार 200 हेक्टेयर में मक्का और करीब 2850 हेक्टेयर में उड़द की बुवाई की गई है. जिले में सामान्य बारिश 1261.7 मिलीमीटर के मुकाबले अब तक 1663.6 हो गई है. जो कि 401.9 मिलीमीटर अधिक है. जिसके चलते खेतों में लगी खड़ी फसलें बर्बाद होने लगी हैं.
किसानों के द्वारा प्रशासन और सरकार से खराब हो चुकी फसलों को शीघ्र सर्वे कराकर बीमा और मुआवजा दिलाने की मांग की जा रही है. किसानों का कहना है कि यदि अब भी बारिश नहीं रुकी, तो उनकी पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी. किसानों के द्वारा अच्छे उत्पादन के लिए महंगी दवाओं का छिड़काव भी किया गया था, लेकिन अतिवृष्टि की वजह से छिड़काव का भी कोई असर नहीं होता दिखाई दे रहा है.

राज्य सरकार से नहीं मिले कोई निर्देश

कृषि विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी राज्य सरकार से किसी तरह के निर्देश नहीं मिलने के कारण कोई भी बयान देने से बच रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि धूप निकलने के बाद ही नुकसान का आंकलन संभव है. वहीं कलेक्टर एस विश्वनाथन के मुताबिक मौसम के साफ होते ही प्रशासन की टीम नुकसान का आंकलन कर शासन को अवगत कराएगी.

हरदा। पिछले तीन सालों से कम बारिश होने से लोग काफी परेशान थे, लेकिन इस साल हुई अतिवृष्टि से खेतों में जलभराव के चलते किसानों की फसलें सड़ने लगी हैं. इससे किसानों के सामने गहरा संकट खड़ा हो गया है. वहीं जिले के सैकड़ों गावों से फसलों के खराब होने की सूचनाएं मिलने के बाद भी प्रशासन के द्वारा सर्वे शुरू नहीं किया गया है.

अतिवृष्टि से खराब हो रही किसान की फसलें

जिले में किसानों के द्वारा 1 लाख 54 हजार 600 हेक्टेयर में सोयाबीन,16 हजार 200 हेक्टेयर में मक्का और करीब 2850 हेक्टेयर में उड़द की बुवाई की गई है. जिले में सामान्य बारिश 1261.7 मिलीमीटर के मुकाबले अब तक 1663.6 हो गई है. जो कि 401.9 मिलीमीटर अधिक है. जिसके चलते खेतों में लगी खड़ी फसलें बर्बाद होने लगी हैं.
किसानों के द्वारा प्रशासन और सरकार से खराब हो चुकी फसलों को शीघ्र सर्वे कराकर बीमा और मुआवजा दिलाने की मांग की जा रही है. किसानों का कहना है कि यदि अब भी बारिश नहीं रुकी, तो उनकी पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी. किसानों के द्वारा अच्छे उत्पादन के लिए महंगी दवाओं का छिड़काव भी किया गया था, लेकिन अतिवृष्टि की वजह से छिड़काव का भी कोई असर नहीं होता दिखाई दे रहा है.

राज्य सरकार से नहीं मिले कोई निर्देश

कृषि विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी राज्य सरकार से किसी तरह के निर्देश नहीं मिलने के कारण कोई भी बयान देने से बच रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि धूप निकलने के बाद ही नुकसान का आंकलन संभव है. वहीं कलेक्टर एस विश्वनाथन के मुताबिक मौसम के साफ होते ही प्रशासन की टीम नुकसान का आंकलन कर शासन को अवगत कराएगी.

Intro:हरदा जिले में बीते तीन सालों से रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए लोगों के द्वारा तरह तरह के जतन किए गए थे।लेकिन इंद्रदेव ने अपनी कृपा बरसाते हुए किसानों पर संकट के बादल छा दिए है। जिले में अतिवृष्टि से किसानों की खड़ी फसलें सड़ने लगी है।वही नदियों और नालों के खेतों की फसलें जलभराव के चलते सड़ने लगी है।कृषि प्रधान हरदा जिले में फसलों के खराब होने से पूरा व्यवसाय चौपट होने की आशंका जताई जा रही है।जिले के सैकड़ों ग्रामों से फसलों के खराब होने की सूचनाओं के मिलने के बाद भी अब तक प्रशासन के द्वारा सर्वे शुरू नही किया जा सका है।जिले में किसानों के द्वारा 1 लाख 54 हजार 600 हेक्टेयर में सोयाबीन,16 हजार 200 हेक्टेयर में मक्का एवं करीब 2850 हेक्टेयर में उड़द की बुवाई की गई है।


Body:जिले में सामान्य वर्षा 1261.7मिलीमीटर के मुकाबले अब तक 1663.6 हो गई है।जो कि 401.9मिलीमीटर अधिक है।जिसके चलते खेतों में लगी खड़ी फसलें ओर किसानों की कड़ी मेहनत बर्बाद होने लगी है।किसानों के सामने अब आर्थिक संकट आने लगा है।किसानों के द्वारा फसलों में लगाई लागत ही निकल पाने और खेतों से फसलों को काटने के लिए कर्ज लेने की नोबत आन पड़ी है।जिले के किसानों के द्वारा प्रशासन और सरकार से खराब हो चुकी फसलों को शीघ्र सर्वे कराकर बीमा ओर मुआवजा दिलाने की मांग की जा रही है।किसानों के खेतों में लगी फसल जलभराव के कारण काली पड़ने लगी है।वही उड़त की फसल में लगी फलियों में दोबारा से अंकुरण होने लगा है।किसानों का कहना है कि यदि अब भी बारिश नही रुकी तो उनकी पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी।किसानों के द्वारा अच्छा उत्पादन के लिए महंगी दवाओं का छिड़काव भी किया गया था।लेकिन अति बारिश की वजह से छिड़काव का भी कोई असर नही होता दिखाई दे रहा है।
बाईट - अमृत पटेल ग्राम भैरोपुर
बाईट - देवीसिंह खेरवा ग्राम आलमपुर


Conclusion:उधर कृषि विभाग और जिलाप्रशासन के अधिकारियों के द्वारा राज्य सरकार से किसी तरह के निर्देश नही मिलने को लेकर इस मामले को लेकर बयान देने से बचा जा रहा है।कृषिविभाग के अधिकारियों का कहना है कि धूप निकलने के बाद ही नुकसानी का आंकलन सम्भव है।वही कलेक्टर एस विश्वनाथन के मुताबिक मौसम के साफ होते ही प्रशासन की टीम नुकसानी का आंकलन कर शासन को अवगत कराएंगी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.