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कोरोना के बाद गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का अटैक, पुणे में 100 से अधिक मरीज मिले, अलर्ट पर एमपी - GUILLAIN BARRE SYNDROME

दुर्लभ बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम को लेकर मध्य प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर है. स्वास्थ्य विभाग बीमारी को डिटेक्ट करने की कोशिश कर रहा है.

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गुइलेन-बैरे सिंड्रोम(प्रतीकात्मक) (Etv bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 2:28 PM IST

Updated : Feb 1, 2025, 4:03 PM IST

भोपाल: देश में कोरोना के बाद अब महाराष्ट्र में दुर्लभ बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानि जीबीएस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस संक्रामक बीमारी को देखते हुए देश भर में राज्य सरकारें भी अलर्ट पर हैं. मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य अमला भी इस बीमारी को डिटेक्ट करने का प्रयास कर रहा है. साथ ही लोगों को सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जा रही है. इस बीमारी का सबसे अधिक असर अब तक महाराष्ट्र के पुणे में सामने आया है, जहां 100 से अधिक संक्रमित पाए गए हैं. वहीं महाराष्ट्र के ही सोलापुर में एक व्यक्ति की मृत्यु भी हुई है.

ये लक्षण सामने आते ही डाक्टरों की सलाह लें

जेपी अस्पताल के पूर्व अधीक्षक आईके चुघ ने बताया "गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ तंत्रिका तंत्र विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है. इसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और कभी-कभी पैरालिसिस हो सकता है. इसके साथ ही मरीज को दस्त, पेट दर्द, बुखार और उल्टी की समस्या हो सकती है. यदि किसी को ऐसे लक्षण समझ आते हैं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए."

अस्पतालों में की जा रही मरीजों की स्क्रीनिंग

सीएमएचओ भोपाल प्रभाकर तिवारी ने बताया "यदि समय पर बीमारी पता चल जाती है, तो इसका आसानी से उपचार किया जा सकता है. इससे घबराने की जरुरत नहीं है. ज्यादातर मरीज दो से 3 सप्ताह में ठीक हाने लगते हैं. हालांकि लंबे समय तक कमजोरी बनी रहती है. प्रशासन भी अलर्ट है. हम अस्पतालों में ऐसे लक्षणों को देखते हुए सघन स्क्रीनिंग कर रहे हैं. यदि मांसपेशियों में खिंचाव के साथ कमजोरी हो तो ऐसे मरीजों को डाक्टरों को दिखाना जरूरी है."

इस तरह कर सकते हैं बीमारी से बचाव

डॉक्टरों ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए पानी उबालकर पिएं. खुला हुआ या बासी खाना खाने से बचें. चीज और पनीर जैसी चीजों को अच्छे तरीके से धोने के साथ अच्छे से पकाकर खाएं. इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को अपनी इम्युनिटी का ख्याल रखना भी जरूरी है. कच्चे मासं का सेवन करने से बचें और खाना खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धुलें.

भोपाल: देश में कोरोना के बाद अब महाराष्ट्र में दुर्लभ बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानि जीबीएस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस संक्रामक बीमारी को देखते हुए देश भर में राज्य सरकारें भी अलर्ट पर हैं. मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य अमला भी इस बीमारी को डिटेक्ट करने का प्रयास कर रहा है. साथ ही लोगों को सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जा रही है. इस बीमारी का सबसे अधिक असर अब तक महाराष्ट्र के पुणे में सामने आया है, जहां 100 से अधिक संक्रमित पाए गए हैं. वहीं महाराष्ट्र के ही सोलापुर में एक व्यक्ति की मृत्यु भी हुई है.

ये लक्षण सामने आते ही डाक्टरों की सलाह लें

जेपी अस्पताल के पूर्व अधीक्षक आईके चुघ ने बताया "गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ तंत्रिका तंत्र विकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है. इसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नता और कभी-कभी पैरालिसिस हो सकता है. इसके साथ ही मरीज को दस्त, पेट दर्द, बुखार और उल्टी की समस्या हो सकती है. यदि किसी को ऐसे लक्षण समझ आते हैं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए."

अस्पतालों में की जा रही मरीजों की स्क्रीनिंग

सीएमएचओ भोपाल प्रभाकर तिवारी ने बताया "यदि समय पर बीमारी पता चल जाती है, तो इसका आसानी से उपचार किया जा सकता है. इससे घबराने की जरुरत नहीं है. ज्यादातर मरीज दो से 3 सप्ताह में ठीक हाने लगते हैं. हालांकि लंबे समय तक कमजोरी बनी रहती है. प्रशासन भी अलर्ट है. हम अस्पतालों में ऐसे लक्षणों को देखते हुए सघन स्क्रीनिंग कर रहे हैं. यदि मांसपेशियों में खिंचाव के साथ कमजोरी हो तो ऐसे मरीजों को डाक्टरों को दिखाना जरूरी है."

इस तरह कर सकते हैं बीमारी से बचाव

डॉक्टरों ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए पानी उबालकर पिएं. खुला हुआ या बासी खाना खाने से बचें. चीज और पनीर जैसी चीजों को अच्छे तरीके से धोने के साथ अच्छे से पकाकर खाएं. इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को अपनी इम्युनिटी का ख्याल रखना भी जरूरी है. कच्चे मासं का सेवन करने से बचें और खाना खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धुलें.

Last Updated : Feb 1, 2025, 4:03 PM IST
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