हरदा। जिला प्रशासन ने गौवंश की सुरक्षा को लेकर एक अनूठी पहल शुरू की है. गौवंश को तस्करों से बचाने के लिए उन्हें अब वीआईपी सुरक्षा के साथ गौ-अभ्यारण्य (Cow Sanctuary) भेजा जा रहा है. हंडिया तहसीलदार डॉक्टर अर्चना शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले करीब 40 से अधिक आवारा मवेशियों को एकत्र कराया है, इन सभी को हंडिया की मंडी परिसर में एकत्रित कराकर उन्हें एकसाथ वीआईपी सुरक्षा के साथ तहसीलदार शर्मा के नेतृत्व में टेमा गांव स्थित गौ-अभ्यारण्य भेजा जा रहा है.
हरदा की सड़कों पर वीआईपी सुरक्षा में गोवंश गौ-अभयारण्य की ओर जाते दिख रहे हैं, नागरिकों द्वारा दूध नहीं देने वाले गोवंश को सड़क पर छोड़ दिया जाता है, जिसके चलते आए दिन वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए तहसीलदार अर्चना शर्मा ने स्थानीय लोगों से विचार विमर्श करने के बाद इन मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए खुद जिम्मेदारी लेकर उन्हें गौ अभ्यारण्य भिजवा रही है.
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हंडिया से टेमागांव की दूरी करीब 50 किलोमीटर है, जिसके चलते तहसीलदार शर्मा ने खुद करीब 350 से भी अधिक मवेशियों को आगे पुलिस और प्रशासन की मदद से पूरी सुरक्षा के साथ भेजा है, गौवंशीय पशुओं के सड़क पर बैठने से अनेकों बार दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है, जबकि गौ तस्करों से बचाने को लेकर यह पहल की गई है. कृषि मंत्री कमल पटेल के प्रयासों से टेमा गांव के पास करीब 10 एकड़ से अधिक क्षेत्र में गायों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन द्वारा गौ-अभ्यारण्य बनाया गया है, जहां भोजन-पानी के साथ साथ उनके स्वास्थ्य का भी देखभाल की जाती है.
हंडिया तहसील में अमावस्या-पूर्णमासी पर बहुत सारे गोवंश छोड़ जाते हैं, उससे ट्रैफिक बाधित होता है, पर एक घटना ने उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया, कुछ दिन पहले एक गाय का एक्सीडेंट हो गया था, गाय की जो हालत थी वो अच्छा नहीं लगा, कुछ दिन तक मंडी प्रांगण में आवारा पशुओं को रखा गया, साथ ही जो लोग अपने गोवंश को छोड़ गए थे, उन पर पैनेल्टी भी लगाई गई है, बाकी गोवंश को गौशाला में भेजा जा रहा है.
डॉ. अर्चना शर्मा, तहसीलदार हंडिया