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गजब याराना: कन्हैया बांट रहा है लियाकत के बेटे के निकाह की 'खुशियां' - निकाह

हरदा जिले में दो अलग अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले दोस्तों के घर में होने वाली शादी खूब सुर्खियां बटोर रही है. मुस्लिम दोस्त लियाकत के बेटे इमरान के निकाह का कार्ड हिंदू रीतिरिवाज से छपवाकर दोस्त कन्हैयालाल नाते रिश्तेदारों में बांट रहा है.

दोस्ती की अनोखी मिसाल
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Published : Apr 11, 2019, 9:34 PM IST

हरदा। धर्म और जाति के नाम पर आज के दौरा में जहां विवाद हो रहे हैं. तो वहीं मध्य प्रदेश के हरदा जिले में दो दोस्त ऐसी मिसाल पेश कर रहे हैं, जिन पर हम सभी को नाज है. कन्हैया और लियाकत की दोस्ती समाज को तोड़नेवालों के मुंह पर तमाचा है.हरदा जिले में दो अलग अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले दोस्तों के घर में होने वाली शादी खूब सुर्खियां बटोर रही है. मुस्लिम दोस्त लियाकत के बेटे इमरान के निकाह का कार्ड हिंदू रीतिरिवाज से छपवाकर दोस्त कन्हैयालाल नाते रिश्तेदारों में बांट रहा है.

दोस्ती की अनोखी मिसाल

14 अप्रैल को होने जा रहे निकाह के लिए कन्हैयालाल ने आमंत्रण पत्र में अपने परिवार वालों के नाम भी लिखवाये हैं. इतना ही नहीं दोस्त लियाकत के बेटे का निकाह के लिए लड़की भी कन्हैयालाल ने ही पसंद की है. ये दोनों परिवार दुकान से लेकर घर तक सारे फर्ज निभा रहे हैं. एक दोस्त अगर फर्नीचर का काम देख रहा है तो दूसरा दोनों परिवार के जरूरतों का ध्यान रखता है.यही नहीं लियाकत का कहना है कि निकाह में आने वाले लोगों से वो मतदान की भी अपील कर रहे हैं.

40 साल पुराने याराना का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि फर्नीचर का काम कर रहे दोनों दोस्तों ने अपनी दुकान का नाम भी याराना फर्नीचर रख दिया है. जहां एक लियाकत के बेटे के निकाह का निमंत्रण कार्ड बांटकर कन्हैया दोस्ती का फर्ज निभा रहा है तो वहीं लियाकत लोगों से वोटिंग की अपील कर लोकतंत्र की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है.

हरदा। धर्म और जाति के नाम पर आज के दौरा में जहां विवाद हो रहे हैं. तो वहीं मध्य प्रदेश के हरदा जिले में दो दोस्त ऐसी मिसाल पेश कर रहे हैं, जिन पर हम सभी को नाज है. कन्हैया और लियाकत की दोस्ती समाज को तोड़नेवालों के मुंह पर तमाचा है.हरदा जिले में दो अलग अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले दोस्तों के घर में होने वाली शादी खूब सुर्खियां बटोर रही है. मुस्लिम दोस्त लियाकत के बेटे इमरान के निकाह का कार्ड हिंदू रीतिरिवाज से छपवाकर दोस्त कन्हैयालाल नाते रिश्तेदारों में बांट रहा है.

दोस्ती की अनोखी मिसाल

14 अप्रैल को होने जा रहे निकाह के लिए कन्हैयालाल ने आमंत्रण पत्र में अपने परिवार वालों के नाम भी लिखवाये हैं. इतना ही नहीं दोस्त लियाकत के बेटे का निकाह के लिए लड़की भी कन्हैयालाल ने ही पसंद की है. ये दोनों परिवार दुकान से लेकर घर तक सारे फर्ज निभा रहे हैं. एक दोस्त अगर फर्नीचर का काम देख रहा है तो दूसरा दोनों परिवार के जरूरतों का ध्यान रखता है.यही नहीं लियाकत का कहना है कि निकाह में आने वाले लोगों से वो मतदान की भी अपील कर रहे हैं.

40 साल पुराने याराना का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि फर्नीचर का काम कर रहे दोनों दोस्तों ने अपनी दुकान का नाम भी याराना फर्नीचर रख दिया है. जहां एक लियाकत के बेटे के निकाह का निमंत्रण कार्ड बांटकर कन्हैया दोस्ती का फर्ज निभा रहा है तो वहीं लियाकत लोगों से वोटिंग की अपील कर लोकतंत्र की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है.

Intro:हरदा जिला मुख्यालय पर एक मुस्लिम परिवार में होने वाले निकाह की दावत के लिए हिंदू परिवार के द्वारा आमंत्रण पत्र छपवा कर लोगों का आने का आग्रह किया गया है।इतना ही नही हिन्दू परिवार के मुखिया कन्हैयालाल अपने दोस्त लियाकत के बेटे की शादी के में शामिल होने के लिए खुद के एवं दोस्त लियाकत के नाते रिश्तेदारों के घर घर जाकर न्यौता भी दे रहे हैं।वैसे भी हरदा शहर अपनी गंगाजमुनी तहज़ीब के लिए अपनी विशेष पहचान रखता है।लेकिन यहां पर फर्नीचर का काम करने वाले दो हिंदू मिस्लिम दोस्तों ने इस बात को यतार्थ में बदलकर दिखाया है।यहां पर अपने मुस्लिम दोस्त के बेटे की आगामी 14 अप्रैल को होने जा रहे निकाह के लिए हिन्दू दोस्त कन्हैयालाल ने आमंत्रण पत्र में अपने परिवार के सदस्यों के नाम लिखकर नाते रिश्तेदारों से दावत में आने का आग्रह किया गया है।शहर में होने वाली इस अनोखी शादी के कार्ड की पूरे नगर में खासी चर्चा हो रही है।


Body:हरदा के इन दो समुदाय में जन्मे दोस्तों का याराना 40 सालो पुराना है।दोस्ती पक्की होने की वजह से इनके द्वारा शुरू किए गए फर्नीचर के काम मे दुकान का नाम भी याराना फर्नीचर रख लिया।जिसके बाद अपने दोस्त लियाकत के लिए हिंदू दोस्त कन्हैया ने ही वधु का चयन किया है।इन दोनों दोस्तो के परिवारों के द्वारा चाहे ईद हो या दीवाली साथ साथ मनाए जाते हैं।वही रक्षाबंधन पर जिस तरह कन्हैया अपनी बहन के आने का इंतजार करता है उससे बढ़कर लियाकत भी रक्षाबंधन पर राखी बांधने की पूरे साल इंतजार करता है।इन दोनों के द्वारा अपनी अपनी जिम्मेदारियों को तय कर लिया है।जहां लियाकत दुकान के सारे काम करता है तो वही कन्हैया दोनों घरों में पढ़ने वाली जरूरतों की पूर्ति भी करता है।इन दोनों परिवारों में ससुराल से जब किसी आयोजन में कपड़े या अन्य सामान लाया जाता है तो दोनों दोस्तो के लिए हूबहू एक जैसा ही लाया जाता है।कन्हैया ओर लियाकत ने शादी के लिए दो तरह की पत्रिका तैयार की है।लियाकत मंसूरी के द्वारा मुस्लिम समुदाय में बाटे जाने वाली दावत में अपने दोस्त कन्हैया की ओर से निवेदन किया है।वही कन्हैया के द्वारा हिन्दू परिवारों में बाटे जा रहे कार्ड में लियाकत मंसूरी ओर उनके परिजनों के नाम लिखवाए गए हैं।


Conclusion:ईद पर बनने वाली सिवइयों की मिठास से कही कम नही है इन दोनों की दोस्ती।यही नहीं अब लियाकत के द्वारा अपने बेटे इमरान निक़ाह के दिन आने वाले लोगो ओर नाते रिश्तेदारों से लोकतंत्र के महापर्व आगामी लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतदान करने की भी अपील की जाएगी।
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