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भारी बारिश के बाद चौपट हुईं फसलें, मुआवजे के लिए आस में बैठे किसान

हरदा में भारी बारिश और कीट व्याधि से किसानों की कड़ी मेहनत से तैयार की गई फसल अचानक खराब होने से किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

Cropped crops after heavy rains
भारी बारिश के बाद चौपट फसलें
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Published : Sep 5, 2020, 9:44 PM IST

हरदा। खरीफ की फसल से जिले के किसानों को काफी उम्मीदें थीं कि इस साल अच्छी पैदावार होगी लेकिन भारी बारिश और कीट व्याधि से किसानों की कड़ी मेहनत से तैयार की गई फसल अचानक खराब होने से किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. हरदा जिले में किसानों के द्वारा लगाई गई खरीफ की फसल का कृषि विभाग और राजस्व विभाग के द्वारा नजरी आकलन पूरा कर लिया गया है. जिसमें सोयाबीन की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. जिला प्रशासन के द्वारा नजर आकलन की रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है.

भारी बारिश के बाद चौपट फसलें

हालांकि अभी खरीफ फसल के खराब होने को लेकर प्रशासन के द्वारा सर्वे शुरू नहीं किया गया है. जिले में किसानों ने 167000 हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी की थी. जिसमें नजर आकलन के दौरान प्रथम दृष्टया 55000 हेक्टेयर सोयाबीन खराब होना पाई गई है. वहीं करीब 9000 हेक्टेयर में लगाइए उड़द में से 900 हेक्टेयर में लगी उड़द की फसल पूरी तरह खराब हो गई है. वहीं 12000 हेक्टेयर में लगी मक्का की फसल में से 430 सेक्टर में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. इसी तरह सोयाबीन फसल के विकल्प के रूप में लगाई गई 350 हेक्टर में राम तिल की फसल लगाई गई थी. जिसमें 60 हेक्टेयर की फसल खराब हो चुकी है. आलम यह है कि कई गांव के किसानों ने अपने खेतों में लगी फसल को पशुओं के हवाले कर दिया है वही कुछ गांवों के किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर खेतों को साफ करना शुरू कर दिया है.

जिले में हुई खराब फसल को लेकर प्रशासन के द्वारा निजी आकलन पूरा करने के बाद कलेक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि प्रथम दृष्टया 50 प्रतिशत फसल खराब होना पाया गया है लेकिन सर्वे में आंकड़ा बढ़कर 90% होने का अनुमान है हमारे द्वारा राज्य शासन को खराब हुई फसल की प्रथम रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है.

हरदा। खरीफ की फसल से जिले के किसानों को काफी उम्मीदें थीं कि इस साल अच्छी पैदावार होगी लेकिन भारी बारिश और कीट व्याधि से किसानों की कड़ी मेहनत से तैयार की गई फसल अचानक खराब होने से किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. हरदा जिले में किसानों के द्वारा लगाई गई खरीफ की फसल का कृषि विभाग और राजस्व विभाग के द्वारा नजरी आकलन पूरा कर लिया गया है. जिसमें सोयाबीन की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. जिला प्रशासन के द्वारा नजर आकलन की रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है.

भारी बारिश के बाद चौपट फसलें

हालांकि अभी खरीफ फसल के खराब होने को लेकर प्रशासन के द्वारा सर्वे शुरू नहीं किया गया है. जिले में किसानों ने 167000 हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी की थी. जिसमें नजर आकलन के दौरान प्रथम दृष्टया 55000 हेक्टेयर सोयाबीन खराब होना पाई गई है. वहीं करीब 9000 हेक्टेयर में लगाइए उड़द में से 900 हेक्टेयर में लगी उड़द की फसल पूरी तरह खराब हो गई है. वहीं 12000 हेक्टेयर में लगी मक्का की फसल में से 430 सेक्टर में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. इसी तरह सोयाबीन फसल के विकल्प के रूप में लगाई गई 350 हेक्टर में राम तिल की फसल लगाई गई थी. जिसमें 60 हेक्टेयर की फसल खराब हो चुकी है. आलम यह है कि कई गांव के किसानों ने अपने खेतों में लगी फसल को पशुओं के हवाले कर दिया है वही कुछ गांवों के किसानों ने अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर खेतों को साफ करना शुरू कर दिया है.

जिले में हुई खराब फसल को लेकर प्रशासन के द्वारा निजी आकलन पूरा करने के बाद कलेक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि प्रथम दृष्टया 50 प्रतिशत फसल खराब होना पाया गया है लेकिन सर्वे में आंकड़ा बढ़कर 90% होने का अनुमान है हमारे द्वारा राज्य शासन को खराब हुई फसल की प्रथम रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है.

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