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बंद होने की कगार पर पहुंचा जीवाजी विश्वविद्यालय का डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान, कई कोर्स हुए बंद

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Published : Jun 11, 2019, 1:13 PM IST

यूजीसी ने डिस्टेंस कोर्सेज के लिए भी शिक्षकों का होना अनिवार्य कर दिया था, जिसके बाद ही मान्यता देने की बात कही थी. इसके चलते जीवाजी विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान के करीब 26 कोर्स बंद हो चुके हैं.

जीवाजी विश्वविद्यालय

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय का डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान अब बंद होने की कगार पर पहुंच गया है. पहले से ही बदहाली की मार झेल रहे संस्थान को बगैर डायरेक्टर के संचालित किया जा रहा है. लापरवाही के कारण डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान के लगभग 26 कोर्स बंद हो चुके हैं, जिसमें 10 हजार के करीब छात्र प्रवेश लेते थे. बता दें कि UGC ने डिस्टेंस कोर्सेज के लिए भी शिक्षकों का होना अनिवार्य कर दिया था, जिसके बाद ही मान्यता देने की बात कही थी.

दूरस्थ शिक्षा संस्थान में पढ़ने वाली छात्राओं से जीवाजी विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपए की आय होती थी, जो अब बंद हो चुकी है. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए बने जीवाजी विश्वविद्यालय की आय का मुख्य स्रोत बंद हो जाएगा. संस्थान के प्रति लापरवाह रवैया अपनाए जाने से निजी कॉलेजों में प्राइवेट फॉर्म भरने के लिए छात्र मजबूर हैं.

बंद होने की कगार पर जीवाजी विवि का डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान

सबसे खास बात यह है कि डिस्टेंस एजुकेशन के साथ स्टडी सेंटर के 1994 में स्थापित हुए विभाग ने इतने बुरे दिन कभी नहीं देखे. एक ओर जहां निजी कॉलेज संचालक सेंटर बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जीवाजी विश्वविद्यालय के डिस्टेंस भवन को लावारिस छोड़ दिया गया है. यही हाल रहा तो संस्थान कभी भी बंद हो सकता है.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय का डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान अब बंद होने की कगार पर पहुंच गया है. पहले से ही बदहाली की मार झेल रहे संस्थान को बगैर डायरेक्टर के संचालित किया जा रहा है. लापरवाही के कारण डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान के लगभग 26 कोर्स बंद हो चुके हैं, जिसमें 10 हजार के करीब छात्र प्रवेश लेते थे. बता दें कि UGC ने डिस्टेंस कोर्सेज के लिए भी शिक्षकों का होना अनिवार्य कर दिया था, जिसके बाद ही मान्यता देने की बात कही थी.

दूरस्थ शिक्षा संस्थान में पढ़ने वाली छात्राओं से जीवाजी विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपए की आय होती थी, जो अब बंद हो चुकी है. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए बने जीवाजी विश्वविद्यालय की आय का मुख्य स्रोत बंद हो जाएगा. संस्थान के प्रति लापरवाह रवैया अपनाए जाने से निजी कॉलेजों में प्राइवेट फॉर्म भरने के लिए छात्र मजबूर हैं.

बंद होने की कगार पर जीवाजी विवि का डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान

सबसे खास बात यह है कि डिस्टेंस एजुकेशन के साथ स्टडी सेंटर के 1994 में स्थापित हुए विभाग ने इतने बुरे दिन कभी नहीं देखे. एक ओर जहां निजी कॉलेज संचालक सेंटर बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जीवाजी विश्वविद्यालय के डिस्टेंस भवन को लावारिस छोड़ दिया गया है. यही हाल रहा तो संस्थान कभी भी बंद हो सकता है.

Intro:ग्वालियर- जीवाजी विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान एग्जाम के कारण अब बंद होने की कगार पर पहुंच गया है पहले से ही बदहाली की मार झेल रहे संस्थान को बगैर डायरेक्टर की संचालित किया जा रहा है बीते दिनों प्रोफेसर एसके श्रीवास्तव के परीक्षा नियंत्रण बनाने के बाद डिस्टेंस एजुकेशन डिपार्टमेंट डायरेक्टर भी हो गया है यदि यही हाल रहा तो संस्थान कभी भी बंद हो सकता है।लापरवाही के कारण डिस्टेंस के लगभग 26 कोर्स बंद हो चुके हैं जिसमें 10 हजार के करीब छात्र प्रवेश लेते थे ।


Body:आपको बता दें दूरस्थ शिक्षा संस्थान में पढ़ने वाली छात्राओं से जीवाजी विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपए की आय होती थी जो कि अब बंद हो चुकी है अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए बना जीवाजी विश्वविद्यालय की आय का मुख्य स्रोत बंद हो जाएगा। संस्थान के प्रति लापरवाह रवैया अपनाए जाने से निजी कॉलेजों में प्राइवेट फॉर्म भरने के लिए छात्र मजबूर हैं। सबसे खास बात यह है कि डिस्टेंस एजुकेशन के साथ स्टडी सेंटर के 1994 में स्थापित हुए विभाग ने इतनी बुरी दिन कभी नहीं देखे। एक और जहां निजी कॉलेज संचालक सेंटर बनाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जीवाजी विश्वविद्यालय के डिस्टेंस भवन को लावारिस छोड़ दिया है।


Conclusion:बाईट- शान्तिदेव सिसोदिया , पीआरओ जेयू
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