हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा जिले की साइबर सखियां उलझे हुए अपराध सुलझाएंगी. इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हरदा से की गई है. शुरुआत में 1480 लडकियों और महिलाओं को इस ट्रेनिंग मे शामिल किया गया है. इनको ट्रेनिंग सायबर पुलिस हेड क्वार्टर के अधिकारियों ने देना शुरू किया है. Adgयोगेश देशमुख कहना है कि अभी तक साइबर पुलिस लोगों को वर्चुअली या फिर जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों को साइबर अपराध के बारे मे जागरुक करने का काम करते रहे हैं. उन्हे बताया जाता कि क्या करें और क्या न करें.
हरदा से शुरू हुई अनूठी पहल : ये पहली बार हो रहा है कि प्रदेश की पुलिस साइबर सखियों को ट्रेनिंग देकर उन्हें मास्टर ट्रेनर बनाएगी. हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने बताया कि जब मैंने हरदा में कलेक्टर के रूप में ज्वाइन किया तो कुछ इनोवेटिव करना चाहता था. जब मैंने देखा कि साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहे हैं और खासतौर से लड़कियों और महिलाएं सबसे ज्यादा इसकी शिकार हो रही है तो मैंने सोचा क्यों ना लड़कियों को ऐसी ट्रेनिंग दें, जिससे वह इस अपराध के खिलाफ लड़ सकें. इस वक्त आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है और हम सब मिलकर यह प्रयास कर रहे हैं कि हरदा जिला साइबर सहेलियों के नाम से प्रसिद्ध हो.
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दो साल से ट्रेनिंग कर रही हैं युवतियां : हरदा जिले की लड़कियां प्रदेश के अन्य हिस्सों में जाकर साइबर अपराध के खिलाफ लोगों को जागरुक करेंगी. इस प्रोजेक्ट के लिए हर गांव से दो साइबर सखी तैयार की जा रही हैं. पिछ्ले दो साल से साइबर अपराध को कैसे रोका जाएगा, इस पर सखियां काम कर रही हैं. अब गांवों में मोबाइल हैं और लोग इंटरनेट है. इससे साइबर अपराधों मे बढ़ोतरी हो रही है. सखी अभियान से लोग साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई लड़ सकेंगे और खुद को सुरक्षित महसूस कर सकेंगे.