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भुआणा उत्सव का समापन, देश की अलग-अलग संस्कृति की दिखी झलक

हरदा में आयोजित दो दिवसीय भुआणा उत्सव का बुधवार को समापन हुआ. इस दौरान देश के विभिन्न संस्कृतियों की झलक देखने को मिली.

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Published : Jan 15, 2020, 11:37 PM IST

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भुआणा उत्सव का समापन

हरदा। दो दिवसीय भुआणा उत्सव के समापन पर देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति से जुड़े पारंपरिक नृत्य देखने को मिले. हंडिया के नर्मदा तट पर आयोजित इस कार्यक्रम में गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यों की जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी गई. इस दौरान जिले के स्कूली बच्चों ने भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया.

भुआणा उत्सव का समापन

हंडिया के प्राचीन नर्मदा मंदिर के तट पर देर शाम शुरू हुई सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न अंचलों से आये कलाकारों ने विविधता में एकता की छटा बिखेरी. राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति को भी दर्शकों ने खूब सराहा.

गुजरात की राठवां जनजातीय के मराठ नृत्य के कलाकारों के हैतरंगेज करतबों ने दर्शकों का मन मोह लिया. वहीं भरिया जनजातीय के सेताम नृत्य के माध्यम से विशिष्ट जनजातीय संस्कृति से दर्शकों को रूबरू करवाया गया. साथ ही हरदा के सेंट मेरी स्कूल के छात्र-छात्राओं के बंगाली नृत्य ने दुर्गा पूजा का संस्मरण करवाया.

हरदा। दो दिवसीय भुआणा उत्सव के समापन पर देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति से जुड़े पारंपरिक नृत्य देखने को मिले. हंडिया के नर्मदा तट पर आयोजित इस कार्यक्रम में गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यों की जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी गई. इस दौरान जिले के स्कूली बच्चों ने भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया.

भुआणा उत्सव का समापन

हंडिया के प्राचीन नर्मदा मंदिर के तट पर देर शाम शुरू हुई सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न अंचलों से आये कलाकारों ने विविधता में एकता की छटा बिखेरी. राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति को भी दर्शकों ने खूब सराहा.

गुजरात की राठवां जनजातीय के मराठ नृत्य के कलाकारों के हैतरंगेज करतबों ने दर्शकों का मन मोह लिया. वहीं भरिया जनजातीय के सेताम नृत्य के माध्यम से विशिष्ट जनजातीय संस्कृति से दर्शकों को रूबरू करवाया गया. साथ ही हरदा के सेंट मेरी स्कूल के छात्र-छात्राओं के बंगाली नृत्य ने दुर्गा पूजा का संस्मरण करवाया.

Intro:हरदा जिलाप्रशासन के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय भुआणा उत्सव के समापन अवसर जिले के हंडिया के नर्मदा तट पर आयोजित कार्यक्रमों में देश के अलग अलग राज्यों की संस्कृति से जुड़े पारंपरिक नृत्य देखने को मिले।प्रशासन के द्वारा गुजरात,राजस्थान,सहित अन्य राज्यो के साथ साथ मध्यप्रदेश की जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की भी शानदार प्रस्तुति दी गई।इस दौरान जिले के स्कूली बच्चों ने भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से दर्शनों का मन मोह लिया।


Body:हरदा के हंडिया के प्राचीन नर्मदा मंदिर के तट पर देर शाम शुरू हुई सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न अंचलों से आये कलाकारों के द्वारा विविधता में एकता की छटा बिखेरी ।राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति को भी दर्शकों ने खूब सराहा।


Conclusion:गुजरात की राठवा जनजातीय म राठ नृत्य के कलाकारों के हैतरंगेज करतबों ने दर्शकों का मन मोह लिया।भरिया जन जातीय सेताम नृत्य के माध्यम से विशिष्ट जनजातीय संस्क्रति से दर्शक रूबरू हुए।हरदा के सेंट मेरी स्कूल के छात्र छात्राओं के बंगाली नृत्य ने दुर्गा पूजा का संस्मरण करवाया।
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