हरदा। दो दिवसीय भुआणा उत्सव के समापन पर देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति से जुड़े पारंपरिक नृत्य देखने को मिले. हंडिया के नर्मदा तट पर आयोजित इस कार्यक्रम में गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यों की जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी गई. इस दौरान जिले के स्कूली बच्चों ने भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया.
हंडिया के प्राचीन नर्मदा मंदिर के तट पर देर शाम शुरू हुई सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न अंचलों से आये कलाकारों ने विविधता में एकता की छटा बिखेरी. राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति को भी दर्शकों ने खूब सराहा.
गुजरात की राठवां जनजातीय के मराठ नृत्य के कलाकारों के हैतरंगेज करतबों ने दर्शकों का मन मोह लिया. वहीं भरिया जनजातीय के सेताम नृत्य के माध्यम से विशिष्ट जनजातीय संस्कृति से दर्शकों को रूबरू करवाया गया. साथ ही हरदा के सेंट मेरी स्कूल के छात्र-छात्राओं के बंगाली नृत्य ने दुर्गा पूजा का संस्मरण करवाया.