हरदा। पीएम आवास योजना के तहत हरदा नगर पालिका की सीमा में आने वाले करीब 1 हजार 237 हितग्राहियों को पिछले 6 महीने से भी ज्यादा समय से दूसरी किस्त नहीं मिल पाने से खासी मुश्किलें पैदा हो गई हैं. इन परिवारों को बिना छत वाले मकान में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं कुछ परिवारों को किराए के मकान में रहने से आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. वहीं प्रशासन का कहना है कि मिली हुई रकम का उपयोग नहीं करने के कारण दूसरी किस्त नहीं दी जा रही है.
नपा के साधारण सम्मेलन में नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने बैठक में मौजूद पार्षदों को पीएम आवास योजना की राशि के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राशि के जल्द आवंटन की मांग करने की मांग की है. साथ ही पत्र की प्रति मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी भेजी है.
नगर पालिका की सीमा के अंतर्गत कुल 4 हजार 376 हितग्राहियों को पीएम आवास योजना के तहत पात्र माना गया है. शासन ने मिली राशि में से नगर पालिका ने 3 हजार 298 हितग्राहियों को पहली, 2 हजार 61 हितग्राहियों को दूसरी किस्त भी जारी कर दी गई है. लेकिन कुल हितग्राहियों में से पहली किस्त के पात्र 1 हजार 78 हितग्राहियों को अब तक पहली किस्त नहीं मिल पाई है. वहीं 1 हजार 237 हितग्राहियों को दूसरी किस्त नहीं मिल पाई है.
राशि न मिलने का कारण
हरदा नगर पालिका में बीजेपी शासित है. वहीं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, जिसकी वजह से राजनेताओं को अपनी पार्टी की वाह- वाही लूटने के चक्कर में आम जनता को परेशान किया जा रहा है. दूसरी किस्त के लिए हितग्राहियों को कलेक्ट्रट ऑफिस और नगर पालिका के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें हर बार खाली हाथ लौटना पड़ रहा.
नगर पालिका के उपयंत्री श्रीकिशन बोहरे ने बताया कि जैसे ही 75 प्रतिशत हितग्राहियों के द्वारा छत लेवल तक मकान तैयार कर लिया जाएगा. उन मकानों की जियो टेकिंग सिस्टम में डिस्प्ले किया जाएगा, जिसके बाद राशि मिलनी शुरू हो जाएगी. राशि नहीं मिलने का मूलकारण 75 हितग्राहियों के द्वारा राशि का उपयोग नहीं किया जाना है. पोर्टल पर फोटो डलने के साथ ही राशि मिलनी शुरू हो जाएगी.
एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
हरदा नगर पालिका के साधारण सम्मेलन में जहां पर बीजेपी पार्षद विवेक बादर और कांग्रेस पार्षद सईद खान के बीच तीखी नोक-झोंक हुई. जहां कांग्रेस पार्षद खान के द्वारा पीएम आवास योजना की राशि नहीं मिलने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी पार्षद विवेक बादर ने राशि नहीं मिलने को लेकर कमलनाथ सरकार की नाकामी बताया गया.