हरदा। बीते 48 घंटों से हो रही लगातार बारिश के चलते पूरे जिले में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. नर्मदा नदी खतरे के निशान से करीब ढाई मीटर ऊपर बह रही है. जिले की हंडिया तहसील मुख्यालय सहित कई गांव में पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. ऐसे में यहां फंसे 250 लोगों को प्रशासन ने नाव के जरिए रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
लोगों के घर में पानी भरने से प्रशासन ने पूरी रात लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाने का काम किया. वहीं लोगों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन के द्वारा होमगार्ड और पुलिस के जवानों को तैनात किया गया. हरदा जिला मुख्यालय की निचली बस्तियां भी जलमग्न हो गई थी,लेकिन आज सुबह धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली है.
बीते 24 घंटे के दौरान हरदा जिले में कोई 7 इंच बारिश दर्ज की गई. वहीं तवा डैम सहित अन्य डैमों के पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी ने उफान पर है. जिसके बाद एहतियात के तौर पर नर्मदा नदी के पुल से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है.
वहीं कलेक्टर संजय गुप्ता,जिला पंचायत सीईओ दिलीप कुमार यादव,एडीएम डॉ प्रियंका गोयल सहित अन्य अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते रहे. हंडिया में करीब ढाई सौ लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया गया है. कलेक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि हंडिया में नर्मदा नदी का जलस्तर रविवार सुबह 274.800 मीटर है जो खतरे के निशान से करीब ढाई मीटर ऊपर है. उन्होंने कहा कि आगामी 8 घंटों के भीतर जलस्तर सामान्य होने की संभावना है. वहीं उनका कहना है कि साल 2013 में आई बाढ़ से भी अधिक इस बार नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ा, लेकिन जिले में कहीं कोई जनहानि नहीं हुई है.