हरदा। खिरकिया तहसील के चौकड़ी गांव की रहने वाली विधवा महिला को जब बार-बार अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी उसकी बेटी नहीं मिली तो मजबूर होकर महिला परिजनों के साथ तहसील मुख्यालय के सामने धरने पर बैठ गई. धरने पर बैठी महिला ने प्रशासन से बेटी को वापसी दिलाए जाने की मांग की. पीड़ित महिला का कहना है कि जब तक उसे उसकी बेटी नहीं मिलेगी वह धरने पर बैठे रहेगी, हालांकि इस मामले को लेकर खिरकिया एसडीएम का कहना है कि हमारे द्वारा महिला को 8 तारीख की पेशी दी गई है, तब तक पुलिस वॉरंट तामिल कर देगी.
चौकड़ी गांव की रहने वाली रोहिणी विश्नोई की शादी खंडवा जिले की छनेरा तहसील के वरमलाय गांव में मोहित मंजू से हुआ था, लेकिन बीते साल जून माह में उसकी मौत हो गई, जिसके बाद ननद ने महिला को उसके मायके में लाकर छोड़ दिया गया. इस दौरान उसकी बेटी का अपने दादा दादी के पास जाना जारी रहा लेकिन एक अगस्त को उसके ससुराली उसकी 5 साल की बेटी सुहाना को दादा-दादी से मिलाने के लिए ले गए, लेकिन उसके बाद उनकी बेटी को वापस नहीं भेजा.
बेटी के वापस नहीं आने पर महिला अपनी बेटी को पाने के लिए दर दर भटकने लगी. इस दौरीन पीड़िता ने एसडीएम से गुहार लगाई, उसकी वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे परेशान होकर महिला खिरकिया तहसील कार्यालय के सामने अपने पिता के साथ धरने पर बैठ गई.
अपनी बेटी को पाने के लिए रोहिणी ने एसडीएम कोर्ट में गुहार लगाई थी, जिसके बाद 10 अगस्त को एसडीएम कोर्ट से छीपाबड़ पुलिस को 10 अगस्त को सर्च वारंट जारी किया गया था, लेकिन पुलिस के द्वारा कोर्ट के सर्च पर कार्रवाई नहीं की है. इस मामले में एसडीएम का कहना है कि उन्होंने महिला को बुलाकर 8 सितंबर की तारीख पेशी के लिए दी है क्योंकि उन्होंने शुक्रवार को ही ज्वॉइन किया है.