हरदा। लॉकडाउन के दौरान सूनी सड़कों पर मानवता का जनाजा लिए एक महिला घूमती रही, जिसके हाथों में ग्लूकोज की बॉटल है और ग्लूकोज उसको चढ़ रहा है, महिला जिला अस्पताल में भर्ती थी, लेकिन भूख ने उसे सड़क का भिखारी बना दिया और पेट भरने के लिए रोटी आदि सड़क पर घूम-घूम कर मांगने लगी. पर किसी की नजर उस पर नहीं पड़ी, वो भी तब जब कोरोना के चलते लॉकडाउन है, घर के बाहर घूमने वालों से पुलिस सख्ती से निपट रही है, ऐसे में ये महिला सड़क पर घूमकर भीख मांगती रही, जो लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासन की उदासीनता बयां कर रही है.
हरदा के पड़ोसी जिले खंडवा के छनेरा की रहने वाली ये महिला मजदूरी करने हरदा आई थी. पिछले कई दिनों से काम नहीं मिलने और तबीयत खराब होने के बाद जिला अस्पताल इलाज के लिए गई थी. जहां उसका इलाज चल रहा था, इस दौरान उसे भूख लगी तो अस्पताल में ग्लूकोज की बोतल हाथों में लेकर रोटी की तलाश में सड़क पर निकल पड़ी.
पीड़ित महिला सुमन ने बताया कि मजदूरी करने के लिए वो हरदा आई थी. पर उसे कई दिनों से काम नहीं मिल रहा था और वो यहां लोगों से भोजन मांगकर अपने दिन गुजार रही थी, लेकिन बीते तीन-चार दिनों से उसकी तबीयत खराब थी और हाथ-पैर में सूजन आ गया था. तब इलाज के लिए वह जिला अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टर बिना छुए स्टाफ को बोतल लगाने को कह दिए. कुछ देर बाद सुमन अस्पताल से निकलकर बोतल को गले में लटकाए सड़क पर रोटी के लिए घूमने लगी.
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर शिरीष रघुवंशी ने बताया कि ये महिला रविवार की रात करीब एक बजे जिला अस्पताल में उपचार के लिए आई थी. अस्पताल प्रबंधन ने उसे भर्ती किया, महिला ने बताया था कि उसके पति ने उसके साथ मारपीट की है. अस्पताल ने महिला का एक्सरे कराने की बात कही थी, लेकिन वो सुबह बिन बताए अस्पताल से भाग गई. अस्पताल में उसका उचित इलाज किया गया, पर शायद एमएलसी के डर से वह अस्पताल से भाग गई. ड्यूटी नर्स ने महिला के जाने की बात बताई थी.