ग्वालियर। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा से, लेकिन योग प्रशिक्षकों ने इसकी मौजूदा दौर में जरूरत को बताते हुए लोगों को योग से जुड़ने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि किस तरह से कोरोना काल में योग के माध्यम से अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति को स्वस्थ रखा जा सकता है और किसी भी तरह के डिप्रेशन से दूर रहा जा सकता है.
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ग्वालियर में रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सामूहिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए, लेकिन योगाचार्यों ने सोशल मीडिया के जरिए अपने परिचितों, साथियों और स्टूडेंट्स को योग के अलग अलग आसनों के बारे में जानकारी दी और अभ्यास कराया. इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव भी किया. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते एक बार फिर टोटल लॉकडाउन शुरू हो चुका है. रविवार को सुबह 10 बजे से लॉकडाउन के चलते शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति रही. ऐसे में लोगों ने घरों में रहकर ही योग की विधाओं को सीखा.
योगाचार्यों ने अलग-अलग स्थानों पर योग कार्यक्रमों का आयोजन किया. सीमित सदस्यों की संख्या में इस कार्यक्रम को सोशल मीडिया के जरिए प्रशिक्षणार्थियों के बीच प्रसारण भी किया गया. योगाचार्य अरुण कुमार ने बताया कि योग करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए शारीरिक और मानसिक मजबूती भी शरीर को मिलती है. वहीं मौजूदा दौर में डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी योग के माध्यम से निपटा जा सकता है.