ग्वालियर। देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी कोविड महामारी के टीकाकरण को लगभग 5 महीने होने जा रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी टीकाकरण को लेकर लोग जागरुक नहीं है. यही वजह है कि अभी तक 50 फीसदी से कम टीकाकरण हो पाया है. लेकिन इस टीकाकरण में सबसे चिंता का विषय महिलाओं का बना हुआ है. क्योंकि महिलायें अभी भी वैक्सीन के टीके को लेकर डरी और सहमी हुई है. यही वजह है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं टीका लगवाने में काफी पीछे हैं. महिलाएं अभी भी टीका लगवाने के लिए सेंटर पर नहीं पहुंच रही है. वह कई तरह के बहाने बनाकर कहीं ना कहीं की टीका लगवाने से बचती नजर आ रही है. ग्वालियर में अब तक एक लाख 72 हजार से अधिक पुरुष और एक लाख 32 हजार महिलाओं का टीकाकरण हो चुका है. यह आंकड़े बताते हैं कि पुरुष के मुकाबले महिलाओं का टीकाकरण कम हुआ है.
महिलाओं में जागरुकता की कमी
वैक्सीन को लेकर अभी भी महिलाएं जागरूक नहीं है. भले ही कोरोना की वैक्सीन के टीकाकरण को 5 महीने होने जा रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद अभी भी महिलाएं जागरूक नहीं है. यही वजह है कि महिलायें वैक्सीन लगवाने के नाम पर वह तरह-तरह के बहाने बना रही है. महिलाओं को डर है कि वैक्सीन लगाने के बाद अधिकतर लोगों को बुखार जैसी समस्या आ रही है. इसके साथ ही कुछ उपाय तो ऐसी अफवाएं फैल रही है कि वैक्सीन ने लगने के बाद मौत हो रही है.
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महिलाओं का वैक्सीन लगवाने से इनकार
यही वजह है कि महिलाएं वैक्सीन को लेकर कहीं ना कहीं डरी और सहमी है. इस कारण वैक्सीन लगवाने के नाम पर ज्यादातर महिलाएं या तो बहाने बना रही है या फिर आगे आने वाले समय मे वैक्सीन लगाने की बात कर रही है. अधिकतर महिलाओं का कहना है कि वह घर पर ही रहती है. इस कारण से उन्हें वैक्सीन की कोई आवश्यकता नहीं है. यही कारण है कि लगातार शहरी क्षेत्र के साफ-साफ ग्रामीणों में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का टीकाकरण कम हुआ है.
वैक्सीन को लेकर फैल रही है तरह-तरह की अफवाहें
वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैल रही है और यही वजह है कि यह अफवाहों की वजह से महिलाओं के दिमाग पर सबसे ज्यादा असर डाल रही है. समाज में वैक्सीन के टीकाकरण को लेकर यह अफवाह फैल रही है कि इससे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. इसके साथ ही जो महिलाएं किसी बीमारी से ग्रस्त हैं. वह भी टीका लगाने से कतरा रही है कि कहीं उन्हें और अधिक बीमारी ना हो जाए. इसके साथ ही एक और समस्या सामने आ रही है.
बुखार या बहाना
उनका कहना है कि अध्यक्ष जल्दी तैयार हुई है तो पता नहीं कितना असरदार होगी. इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इसके साथ ही सबसे ज्यादा परेशानी बुखार को लेकर हो रही है. क्योंकि व्यक्ति लगाने के बाद अधिकतर लोगों को 3 से 4 दिन तक बुखार और दर्द रहता है इस वजह से महिलाएं वैक्सीन नहीं लगवा रही है.
35 से 40 फीसदी महिलाओं ने लगवाई वैक्सीन
पिछले 15 दिनों से ग्वालियर में टीकाकरण को लेकर लोगों का रिस्पॉन्स से काफी अच्छा मिल रहा है. ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण सेंटर में पहुंच रहे हैं. लेकिन इनमें महिलाएं सबसे पीछे हैं. जिला स्वास्थ्य अधिकारी के आंकड़ों की अगर बात करें तू जिले में अब तक 50,4,591 लोगों को टीके लगाएं गए हैं. इनमें से 30,4,102 टीके पुरुषों को लगाए गए हैं और 20,9,911 टीके महिलाओं को लगे हैं. इस तरह ग्वालियर में 56 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिलाओं ने टीका लगाया है.
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स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हो चुके हैं हमले
इसमें सबसे अधिक महिलाएं शामिल है जो टीकाकरण सेंटर तक पहुंच रही है. ग्रामीण इलाकों में और भी हालात खराब है. क्योंकि वहां पर महिलाएं टीकाकरण को लेकर कम जागरूक है और ना ही स्वास्थ्य की तरफ से कोई अभियान चलाया जा रहा है. ताकि इन्हें टीकाकरण सेंटर तक पहुंचाया जा सके. ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को समझाने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम पर कई बार हो चुके हैं. हमले शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण को लेकर हालात और खराब है क्योंकि कई बार देखा गया है कि स्वास्थ विभाग की तरफ से नर्स पैरामेडिकल स्टाफ, ग्रामीण इलाकों में जाकर वैक्सीन लगवाने को लेकर जागरूक कर रहा है, तो गांव की महिलाओं ने उन्हें खदेड़ दिया.
डरी और सहमी है महिलाएं
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन लगवाने के लिए ग्रामीण लोगों को जागरुक किया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऊपर भी लाठी-डंडों से हमले किए हैं. यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में महिलाएं टीकाकरण को लेकर डरी और सहमी है. कई कारणों के चलते महिलाएं टीकाकरण सेंटर पर नहीं पहुंच रही है.
ग्रामीण स्तर पर चलेगा अभियान
महिलाओं में टीकाकरण के कम रुझान को लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि यह बात सही है कि महिलाएं अभी भी वैक्सीन को लेकर डरी और सहमी है. उनके मन में अभी भी वैक्सीन को लेकर कई भ्रांतियां है. यही वजह है कि वह व्यक्ति सेंटर तक नहीं पहुंच रही है. इसको लेकर ग्रामीण स्तर पर अभियान चलाएंगे, ताकि महिलाएं वैक्सीन लगवाने के लिए सेंटर तक पहुंचे.