ग्वालियर| अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने ग्वालियर अंचल में दुर्लभ वन्यजीव 'स्याहगोश कैराकल' की मौजूदगी की संभावना जताई है. वन विभाग की टीम ने ग्वालियर, भिंड, मुरैना और शिवपुरी के जंगलों में इस दुर्लभ बिल्ली की तलाश शुरू कर दी है.
स्याहगोश जंगली बिल्ली की एक प्रजाति है. इसकी खोज के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टर लगाए गए हैं. वहीं कुछ क्षेत्रों में नाइट विजन कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. इसकी तलाश के लिए वन विभाग के अफसर से लेकर वन रक्षकों तक की टीम बना दी गई है. वन विभाग के मुताबिक ये प्रजाति संकट ग्रस्त है और प्रदेश में इसे अभी तक देखा नहीं गया है. इसलिए वन विभाग फोटो के जरिए तलाश कर रहा है.
जंगली बिल्ली की खासियत ये है कि रात में घूमती है. शहरी बिल्लियों से ज्यादा बड़ी होती है. खुले मैदान में रहना पसंद करती है, लिहाजा पठारी इलाकों में इसकी मौजूदगी की संभावना जताई गई है. ग्वालियर डीएफओ का कहना है कि प्रत्येक दुर्लभ प्रजाति मानव जीवन से सीधा ताल्लुक रखती है. ऐसे में इन दुर्लभ जीवों का विलुप्त हो जाना मानव जीवन पर भी संकट खड़ा कर सकता है.