ETV Bharat / state

अजब एमपी का गजब स्कूल! दीवारों पर महापुरुषों के संदेश के बदले लिखी चेतावनी - सिंधिया के रियासत काल में तामीर की गई इमारत

आमतौर पर स्कूल की दीवारों पर महापुरुषों के चित्र छपे होते हैं, उनके संदेश लिखे होते हैं, जिनका बच्चों के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ता है, लेकिन सरकारी स्कूल की दीवारों पर खतरों से सावधान करती चेतावनी लिखी गयी है.

अजब एमपी का गजब स्कूल
author img

By

Published : Aug 20, 2019, 11:57 PM IST

ग्वालियर। अपनी बदहाली पर आंसू बहाता ये भवन सामान्य नहीं है क्योंकि इसी भवन में देश का भविष्य गढ़ा जाता है. यूं तो स्कूलों की हर दीवार पर महापुरुषों के चित्र बने होते हैं, उनके संदेश लिखे होते हैं, सर्व शिक्षा अभियान के स्लोगन लिखे होते हैं, लेकिन सिंधिया के रियासत काल में तामीर की गई इमारत में लंबे समय से सरकारी स्कूल संचालित किया जा रहा है, जिसकी दीवारों पर खतरों से बचने की चेतावनी लिखी गयी है, हर दीवार पर छात्रों को तालीम देने वाली लाइनों की जगह खतरों से बचने की हिदायद दी गई है.

जर्जर दो चुकी इमारतों में चल रहे हैं स्कूल

सरकारी हरि दर्शन स्कूल की इमारत सरकारी दावों की हकीकत के वास्तविक दर्शन कराने के लिए काफी है. जिसके जर्रे-जर्रे से खौफ की आहट सुनाई पड़ रही है, इसके बावजूद बच्चे अपने उज्जवल भविष्य की चाहत में खतरे की आहट को भी अनसुना कर रहे हैं और जिम्मेदार दीवारों पर चेतावनी लिख अपने दायित्वों से पीछा छुड़ा लिये.

स्कूल के प्राचार्य शिवम शर्मा ने बताया कि ऊपर की मंजिल की हालत जर्जर है, इसलिए ऊपर जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं, बारिश के समय भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि वह जब भी क्लास में बैठते हैं तो उन्हें यही डर सताता रहता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए.

ईटीवी भारत ने जब स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर से इस बावत पूछा तो उन्होंने कहा कि आपके जरिये ही जानकारी मिली है, अगली बैठक में इस मुद्दे को प्राथमिकता से रुखूंगा. वहीं, डीपीसी संजीव शर्मा का कहना है कि बारिश से पहले ही जर्जर भवनों को चिह्नित कर स्कूल प्रबंधकों को निर्देशित कर दिया गया है. जल्द ही इन भवनों की मरम्मत करा दी जायेगी और जिन भवनों करो शिफ्ट करना है, उन्हें शिफ्ट किया जायेगा.

आम तौर पर जिस परिवेश में बच्चे पलते हैं, उसी को अपने जीवन में उतार लेते हैं. ऐसे में दीवारों पर लिखी ये चेतावनी इन बच्चों के भविष्य पर क्या असर डालेगी, इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.

ग्वालियर। अपनी बदहाली पर आंसू बहाता ये भवन सामान्य नहीं है क्योंकि इसी भवन में देश का भविष्य गढ़ा जाता है. यूं तो स्कूलों की हर दीवार पर महापुरुषों के चित्र बने होते हैं, उनके संदेश लिखे होते हैं, सर्व शिक्षा अभियान के स्लोगन लिखे होते हैं, लेकिन सिंधिया के रियासत काल में तामीर की गई इमारत में लंबे समय से सरकारी स्कूल संचालित किया जा रहा है, जिसकी दीवारों पर खतरों से बचने की चेतावनी लिखी गयी है, हर दीवार पर छात्रों को तालीम देने वाली लाइनों की जगह खतरों से बचने की हिदायद दी गई है.

जर्जर दो चुकी इमारतों में चल रहे हैं स्कूल

सरकारी हरि दर्शन स्कूल की इमारत सरकारी दावों की हकीकत के वास्तविक दर्शन कराने के लिए काफी है. जिसके जर्रे-जर्रे से खौफ की आहट सुनाई पड़ रही है, इसके बावजूद बच्चे अपने उज्जवल भविष्य की चाहत में खतरे की आहट को भी अनसुना कर रहे हैं और जिम्मेदार दीवारों पर चेतावनी लिख अपने दायित्वों से पीछा छुड़ा लिये.

स्कूल के प्राचार्य शिवम शर्मा ने बताया कि ऊपर की मंजिल की हालत जर्जर है, इसलिए ऊपर जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं, बारिश के समय भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि वह जब भी क्लास में बैठते हैं तो उन्हें यही डर सताता रहता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए.

ईटीवी भारत ने जब स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर से इस बावत पूछा तो उन्होंने कहा कि आपके जरिये ही जानकारी मिली है, अगली बैठक में इस मुद्दे को प्राथमिकता से रुखूंगा. वहीं, डीपीसी संजीव शर्मा का कहना है कि बारिश से पहले ही जर्जर भवनों को चिह्नित कर स्कूल प्रबंधकों को निर्देशित कर दिया गया है. जल्द ही इन भवनों की मरम्मत करा दी जायेगी और जिन भवनों करो शिफ्ट करना है, उन्हें शिफ्ट किया जायेगा.

आम तौर पर जिस परिवेश में बच्चे पलते हैं, उसी को अपने जीवन में उतार लेते हैं. ऐसे में दीवारों पर लिखी ये चेतावनी इन बच्चों के भविष्य पर क्या असर डालेगी, इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.

Intro:ग्वालियर - शहर की कई बड़ी सरकारी स्कूल के बच्चे डर के माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं इनके डर की वजह है सरकारी स्कूल भवनों का जर्जर होना .... प्रशासन ने इन स्कूलों में जर्जर होने की सूचना दीवारों पर लिख कर अपने दायित्वों से छुटकारा पा लिया है जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि कैमरे के सामने इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि कई स्कूलों की जर्जर भवन है और उन्हें ठीक कराया जाएगा। लेकिन सवाल यही है कि अब जब बारिश का मौसम है तो इन भवनों को पहले ठीक क्यों नहीं कराया गया और यदि यह ठीक होने की स्थिति में नहीं है तो इन स्कूलों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम क्यों शुरू नहीं किया गया।



Body:दरअसल ग्वालियर शहर के कई बड़ी सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिन छात्र-छात्राओं की संख्या 1000 से ऊपर है और यह शहर के सबसे पुरानी स्कूल भी मानी जाते है यह स्कूल भवन सिंधिया रियासत काल में बनाए गए थे। तब से लेकर अब तक लगातार स्कूल संचालित हो रहे है। जब हमने ग्वालियर के हरी दर्शन स्कूल का रुख किया तो देखा कि भवन काफी जर्जर स्थिति में है और जर्जर भवन से दूर रहने के निर्देश दीवारों पर लगा दिए गए हैं या भवन दो मंजिला है इस भवन का ऊपरी मंजिल पूरी तरीके से जर्जर हो चुका है स्कूल के प्राचार्य की मानें तो ऊपर जाने के सभी रास्ते पर ताले लगा दिए गए हैं। किसी भी छात्र को ऊपर जाने की इजाजत नहीं है। लेकिन ऊपरी हिस्सा जर्जर है ऐसे में बरसात में हर समय यह डर लगा रहता है कि कभी भी कोई भी गंभीर हादसा हो सकता है। क्योंकि निचले तल पर बच्चे क्लास में बैठकर पढ़ते हैं। वहीं इस बारे में शिक्षा विभाग के मुखिया डीपीसी संजीव शर्मा का कहना है कि बरसात शुरू होने से पहले ही ऐसे भवनों को चिन्हित कर लिया गया है जो कि जर्जर हालत में है सभी स्कूल प्रबंधकों साफ तौर पर निर्देश दे दिए हैं की कक्षाओं में क्लास न लगाएं ।जहां भवन क्षतिग्रस्त है स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि वह जब भी क्लास में बैठते हैं तो उन्हें हमेशा इस बात का डर सताता रहता है कि कहीं कोई हादसा ना हो जाए ।इस बारे में जब ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सी बात कही उन्होंने कहा कि आप के माध्यम से हमें इस बात की जानकारी मिली है प्रशासन के साथ जब उनकी आगामी बैठक आयोजित होगी तो वह इस बिंदु को जरूर बैठक में शामिल करेंगे।




Conclusion:बाईट - संजीव शर्मा , डीपीसी

बाईट - विवेक नारायण शेजवालकर , सांसद

बाईट - शिवम शर्मा , टीचर

बाईट - रामहेत , स्कूल गार्ड

बाईट - छात्र

नोट - बाईट - विवेक नारायण शेजवालकर और बाईट - शिवम शर्मा , डीपीसी ......इन दोनों की बाईट की आवाज मोजो में न आने के कारण wrap से भेज दी है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.