ग्वालियर। इस समय पूरे प्रदेश में सड़कों को लेकर सियासी घमासान जारी है. ऐसे में ग्वालियर भी इससे अछूता नहीं हैय ग्वालियर हाई कोर्ट (gwalior high court) भी खराब सड़कों को लेकर निगम और पीडब्ल्यूडी को फटकार लगा चुका है. इसके बावजूद भी जिम्मेदार सड़कों को दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठा रहे हैं. इसके उलट जिन इलाकों में माननीय या अधिकारी निवास करते हैं. वहां की सड़कें चकाचक हैं. इसका ही ईटीवी भारत ने माननीय और आम लोगों की सड़कों का रियलिटी चेक (roads reality check in gwalior) किया.
ईटीवी ने किया सड़कों का रियलिटी चेक
ईटीवी भारत के इस रियलिटी चेक में साफ दिखाई दे रहा है कि सिंधिया के गढ़ में आम लोगों के साथ प्रशासन भेदभाव कर रहा है. इसका सीधा उदाहरण यह देखने को मिल रहा है कि जिन सड़कों पर माननीय या वीवीआईपी के बंगले हैं. वहां सड़कें चकाचक हैं, जबकि यह सड़कें पूरी तरह से खराब भी नहीं हुई थीं. वहीं शहर के उन इलाको में जहां पर आम लोग रहते हैं, उन इलाकों की वर्षों से सड़कें जर्जर पड़ी हुई हैं. आम लोगों की सड़कों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
वीवीआईपी को सड़कें चकाचक
शहर की दर्जनों भर वीआईपी सड़कें (gwalior vvip roads) ऐसी हैं, जिन पर दोबारा से डामरीकरण किया जा रहा है. मतलब यह सड़कें पूरी तरह ठीक हैं. थोड़ा बहुत पेच वर्क करने की आवश्यकता है, लेकिन प्रशासन ने इन सड़कों का दोबारा से डामरीकरण कर दिया. इनमें हाई कोर्ट रोड, रेस कोर्स रोड, गांधी रोड, नगर निगम दफ्तर रोड, जीवाजी रोड के अलावा कई ऐसी भी वीआईपी रोड हैं, जिन पर माननीय के बंगले हैं. वहीं किला गेट से हजीरा और फूल बाग से किला गेट जैसी- मुख्य सड़कें हैं, जो पिछले एक साल से खराब हैं. सड़क खराब होने से लोगों को आवागमन में तो परेशानी हुई रही है. बल्कि उनको आर्थिक और शारीरिक हानि भी उठानी पड़ रही है.
हाई कोर्ट भी लगा चुका है फटकार
बता दें कि शहर की दर्जनों भर सड़कें ऐसी हैं, जो पूरी तरह से बदहाल और जर्जर हैं. इसको लेकर खुद जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट अधिकारियों को कई बार फटकार लगा चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 10 दिन के अंदर शहर की सभी सड़कें दूरुस्त हो जाएंगे. उनके बयान को लगभग तीन महीने से अधिक हो चुका है, लेकिन हालात जस के तस हैं.
इसके अलावा ग्वालियर हाई कोर्ट भी खराब सड़कों को लेकर नगर निगम और पीडब्ल्यूडी को फटकार लगा चुका है. कोई भी सड़कों की स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहा है. शहर की खराब सड़कों को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता (mp congress spokesperson) आरपी सिंह का कहना है कि बीजेपी के मंत्री और जिला प्रशासन आपस में सांठगांठ कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, लेकिन शहर के विकास के लिए कोई भी उनके पास प्लान नहीं है.