ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में कश्मीरी छात्रों की पीएचडी डिग्री निरस्त करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में इन छात्रों के प्रभारी रहे राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर एमपी चौहान को कुलपति ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.
बताया जा रहा है कि कश्मीरी छात्रों की उपस्थिति उनके द्वारा प्रमाणित की गई है, जबकि इस दौरान ये छात्र वहां के निजी कॉलेज में शिक्षण कार्य कर रहे थे. ऐसे में एक साथ दो जगह उपस्थिति कैसे संभव हो सकती है. दरअसल, साल 2014-15 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में चयनित छात्रों का अंग्रेजी वर्क कोर्स, एलएलबी कॉलेज में संचालित हुआ था. उस समय यह आठ छात्र वहां वर्क कोर्स में मौजूद नहीं हुए थे. इसी दौरान दूसरे कश्मीरी छात्र ने इसकी शिकायत कुलपति से की थी.
खास बात यह है कि जांच में यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि एलएलबी में हुए कोर्स वर्क में ये छात्र शामिल नहीं हुए थे. वहीं बाद में छात्रों को राजनीति विज्ञान विभाग में कोर्स वर्क पूरा करना बताया गया था. इस मामले के तूल पकड़ने पर जीवाजी प्रबंधन पहले से ही इन छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया को निरस्त कर चुका है.