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बेमौसम बारिश ने रोकी नालों की सफाई, कांक्रीटीकरण का भी काम रुका

ग्वालियर मेंबेमौसम बारिश के कारण यह काम पिछड़ता चला गया. नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि जल्द ही नालों की सफाई शुरू करा दी जाएगी, क्योंकि साइक्लोनिक रेन का किसी को अंदेशा नहीं था.

drains in gwalior
नालों की सफाई
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Published : May 22, 2021, 10:54 PM IST

ग्वालियर। बारिश पूर्व नालों की सफाई और उनके निर्माण का काम अटक गया है. ग्वालियर में हर साल की तरह इस बार भी मानसून के पहले संभागीय आयुक्त ने नालों की साफ सफाई के निर्देश दिए थे, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण यह काम पिछड़ता चला गया. वहीं कुछ नालों के समतलीकरण और कंक्रीटीकरण का भी काम रुक गया है. नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि जल्द ही नालों की सफाई शुरू करा दी जाएगी, क्योंकि साइक्लोनिक रेन का किसी को अंदेशा नहीं था.

बारिश के कारण पिछड़ा काम.

बेमौसम बारिश से लगा गंदगी का अंबार
इस बेमौसम बारिश से जहां भले ही तीन दिन का पानी तिघराबांध में जरूर बढ़ गया है, लेकिन शहर के नालों की स्थिति खराब हो गई है. बारिश का पानी और गंदगी के कारण नलों में जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं. मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है. नगर निगम प्रशासन ने कहा है कि वर्षा पूर्व नालों की सफाई उनकी प्राथमिकता में हैं जल्द से जल्द यहां काम शुरू कराया जाएगा, ताकि बारिश के दौरान जलभराव नहीं हो.

बारिश से बेहाल: घरों में घुसा पानी, गुस्साए ग्रामीण प्रशासन पर बरसे

गौरतलब है कि शहर में कई निचले इलाकों में हर बारिश में पानी भर जाता है. पिछले साल भी ऐसे ही मौकों पर नालें उफन गए थे, जिसमें लोगों का सामान बह गया था.नगर निगम प्रशासन ने इस बार जल भराव रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं. इस काम को जून के मध्य तक निपटाने का आदेश अफसरों ने दिया है. गौरतलब है कि ग्वालियर का शहर के बीच से बहने वाला स्वर्ण रेखा नाला है, जो तकरीबन 14 किलोमीटर में फैला हुआ है. वहीं इस वर्ष छोटे और बड़े कुछ अन्य नाले भी आकर मिलते हैं. यह स्वर्णरेखा नाला वीरपुर बांध से शुरू होकर जलालपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर जाकर खत्म होता है.

ग्वालियर। बारिश पूर्व नालों की सफाई और उनके निर्माण का काम अटक गया है. ग्वालियर में हर साल की तरह इस बार भी मानसून के पहले संभागीय आयुक्त ने नालों की साफ सफाई के निर्देश दिए थे, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण यह काम पिछड़ता चला गया. वहीं कुछ नालों के समतलीकरण और कंक्रीटीकरण का भी काम रुक गया है. नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि जल्द ही नालों की सफाई शुरू करा दी जाएगी, क्योंकि साइक्लोनिक रेन का किसी को अंदेशा नहीं था.

बारिश के कारण पिछड़ा काम.

बेमौसम बारिश से लगा गंदगी का अंबार
इस बेमौसम बारिश से जहां भले ही तीन दिन का पानी तिघराबांध में जरूर बढ़ गया है, लेकिन शहर के नालों की स्थिति खराब हो गई है. बारिश का पानी और गंदगी के कारण नलों में जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं. मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है. नगर निगम प्रशासन ने कहा है कि वर्षा पूर्व नालों की सफाई उनकी प्राथमिकता में हैं जल्द से जल्द यहां काम शुरू कराया जाएगा, ताकि बारिश के दौरान जलभराव नहीं हो.

बारिश से बेहाल: घरों में घुसा पानी, गुस्साए ग्रामीण प्रशासन पर बरसे

गौरतलब है कि शहर में कई निचले इलाकों में हर बारिश में पानी भर जाता है. पिछले साल भी ऐसे ही मौकों पर नालें उफन गए थे, जिसमें लोगों का सामान बह गया था.नगर निगम प्रशासन ने इस बार जल भराव रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं. इस काम को जून के मध्य तक निपटाने का आदेश अफसरों ने दिया है. गौरतलब है कि ग्वालियर का शहर के बीच से बहने वाला स्वर्ण रेखा नाला है, जो तकरीबन 14 किलोमीटर में फैला हुआ है. वहीं इस वर्ष छोटे और बड़े कुछ अन्य नाले भी आकर मिलते हैं. यह स्वर्णरेखा नाला वीरपुर बांध से शुरू होकर जलालपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर जाकर खत्म होता है.

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