ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा के लिए कंप्यूटर की खरीदी कर रहा है, इसके लिए टेंडर भी निकाले गए, लेकिन यह टेंडर अब विवादों में आ गया है. हालांकि कि मामला बढ़ता देख विश्वविद्यालय ने टेंडर की समय सीमा 6 दिनों से बढ़ाकर 17 दिनों तक कर दिया है. उधर फीचर और शर्तें लागू करने से अन्य वेंडर इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे. उन्होंने इसे लेकर आपत्ति जताई है. वहीं, कार्य परिषद के सदस्य मानते हैं कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, इसलिए इस मामले को ईओडब्ल्यू लोकायुक्त और जरूरत पड़ी तो कोर्ट तक जाएंगे.
इंदौर की एक फर्म को 5 करोड़ रुपए के कंप्यूटर खरीदी के लिए टेंडर देने की तैयारी कर ली गई है. यह टेंडर 10 अप्रैल को निकला था और इसकी अंतिम तारीख 16 अप्रैल थी, जबकि इतने बड़े टेंडर के लिए निविदा करों को औपचारिकता पूरी करने में ही करीब 15 दिन का समय लग जाता है. निविदा की विचित्र शर्तों के चलते कई कंपनियां सप्लाई में भाग नहीं ले पा रही हैं.
निविदा में सिर्फ इंटेल का प्रोसेसर मांगा गया है और नाइंथ जनरेशन मांगी गई है, जबकि बाजार में मौजूदा दौर में 10th जेनरेशन के कंप्यूटर मौजूद हैं. इस मामले की शिकायत अन्य वेंडर सहित कार्य परिषद के सदस्यों ने राज्यपाल और अन्य लोगों को की है. कार्य परिषद के सदस्य अनूप अग्रवाल कहते हैं कि वे इस मामले की शिकायत पहले भी कर चुके हैं. यदि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से टेंडर नहीं बुलाया, तो वह इसे लेकर लोकायुक्त ईओडब्ल्यू और कोर्ट भी जाएंगे.