ग्वालियर। मध्य प्रदेश में आगामी समय में विधानसभा का चुनाव होना है, ऐसे में सबसे ज्यादा सक्रियता अगर किसी नेता की है तो वह है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया. सिंधिया इस समय ग्वालियर में काफी सक्रिय है और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह सप्ताह में 2 बार ग्वालियर का दौरा कर रहे हैं. अपने दौरे में वह लगातार अलग-अलग समाज के लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार कर रहे हैं. सिंधिया के साथ उनके समर्थक मंत्री और कार्यकर्ता हमेशा कदम से कदम मिलाकर उनका साथ दे रहे हैं, लेकिन सबसे खास बात यह है कि तस्वीरों से बीजेपी के बड़े नेता और मूल कार्यकर्ता गायब नजर आ रहे हैं.
मेहनत करने में जुटे हैं सिंधिया: इस समय ग्वालियर अंचल में सिंधिया बीजेपी का सबसे बड़ा नेता साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, यही कारण है कि उनके बिना कोई आयोजन नहीं हो रहा है. ग्वालियर में हर बार दौरे पर वह अपने समर्थक मंत्री और कार्यकर्ताओं की फौज को साथ में लेकर चल रहे हैं और लगातार ग्वालियर में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ शहर के विकास कार्यों को लेकर समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही जगह-जगह जाकर निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं, पहले यह सब काम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किया करते थे और लगातार ग्वालियर में सक्रिय रहते थे, लेकिन सिंधिया बीते 4 महीने से इस अंचल में लगातार जबरदस्त मेहनत कर रहे हैं. अगर इस समय के उनके दौरे का विश्लेषण किया जाए तो उन्होंने हर माह का पांचवा दिन ग्वालियर अंचल में गुजारा है, जिसमें उन्होंने ज्यादातर समय ग्वालियर, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में बिताया है.
बीजेपी में सिंधिया गुट सक्रिय: सबसे खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की भर्ती सक्रियता ने बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं को हैरत में डाल दिया है, यही कारण है कि इस समय ग्वालियर में बीजेपी के बड़े नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह गायब दिखाई दे रहे हैं. सिर्फ बीजेपी में सिंधिया गुट सक्रियता बनाए हुए है, बीजेपी में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी अब धीरे-धीरे ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रमों से दूरी बनाने लगे हैं, तो वहीं बीजेपी के अन्य बड़े नेता जैसे जयभान सिंह पवैया, प्रभात झा, माया सिंह, नारायण सिंह, अनूप मिश्रा भी सिंधिया के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं, ये सब सिंधिया के कार्यक्रम में शामिल नहीं होते. इसके साथ ही बीजेपी के कार्यकर्ता भी बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहे हैं, सिंधिया लगातार शहर में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं लेकिन उसमें भी बीजेपी के मूल कार्यकर्ताओं ने दूरी बना रखी है.
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गुटबाजी के कारण बीजेपी परेशान: सबसे बड़ी बात यह है कि आगामी विधानसभा में चुनाव में सिंधिया की बढ़ती सक्रियता ने बीजेपी में तगड़ी गुटबाजी हावी कर दी है, इस समय ग्वालियर अंचल में बीजेपी और सिंधिया गुट आमने-सामने है. मतलब सिंधिया गुट के कार्यक्रम में बीजेपी के मूल नेता और कार्यकर्ता दूरी बनाए रखे हैं, तो वही बीजेपी के कार्यक्रम में सिंधिया भी इन लोगों से दूरी बनाकर रखते हैं. जानकारों की माने तो बीजेपी को "इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में झेलना पड़ सकता है और इसी गुटबाजी के कारण बीजेपी परेशान और हैरान नजर आ रही है.
बीजेपी गुटबाजी को लेकर पक्ष-विपक्ष: गुटबाजी को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कमल मखीजानी का कहना है कि "अंचल में बीजेपी में कोई गुटबाजी नहीं है. सिंधिया जी के साथ पूरी बीजेपी खड़ी है और कदम से कदम मिलाकर उनके साथ दे रही है." तो वहीं कांग्रेस इसको लेकर लगातार सवाल खड़े कर रही है कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि "बीजेपी में सिंधिया जी के आने के बाद बाकी नेता हाशिए पर चले गए हैं और उन्हें इस बात का पता है कि अगर सिंधिया जी यहां पर पॉवर में होते हैं तो बाकी बीजेपी के नेताओं का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा, इसलिए अंदर ही अंदर बीजेपी सिंधिया के खिलाफ एक बड़ी रणनीति तैयार कर रही है और इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा."