ग्वालियर(Gwalior)।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh L. Mandaviya) के मंगलवार को संसद में दिए गए बयान के बाद विपक्ष हमलावर है. ग्वालियर में भी 27 अप्रैल को कमला राजा चिकित्सालय में ऑक्सीजन की(oxygen shortage in gwalior) कमी के चलते भयावह तस्वीर सामने आई थी. जब 3 मरीजों की एक ही वार्ड में मौत हो गई थी. परिजनों के आक्रोश के चलते वार्ड से डॉक्टर नर्स और वार्ड बॉय भी गायब हो गए थे. उन्हें हमले का डर सता रहा था. हालात ऐसे बने कि डॉक्टरों को पुलिस की मौजूदगी में ड्यूटी करना पड़ी. अप्रैल का महीना कोरोनावायरस की दूसरी लहर के लिए बेहद डरावना रहा है.मनसुख मांडविया ने संसद में ऑक्सीजन की कमी पर कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत हुई. राज्यों से इसकी सूची नहीं मिली. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन डॉ. सुनील अग्रवाल के तब के बयान के बाद से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अपने दिए बयान से ही घिरते नजर आ रहें है.
मंत्री मनसुख मांडविया के ऑक्सीजन की कमी को लेकर बयान पर ग्वालियर में हंगामा
अप्रैल में मरीजों का आंकड़ा 1 दिन में डेढ़ हजार तक पहुंच गया था. स्थिति ऐसी उत्पन्न हुई कि सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड की कमी पड़ने लगी थी. इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन के प्लांट पर लोगों का जमावड़ा हो गया था पहले सिलेंडर लेने के लिए लोग आपस में उलझ गए थे. सबसे ज्यादा स्थिति जया रोग अस्पताल परिसर में स्थित सुपर स्पेशलिटी वार्ड और कमलाराजा अस्पताल में खराब हुई थी. जहां कई मरीजों ने ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ दिया था.
27 अप्रैल को कमला राजा चिकित्सालय में ऑक्सीजन की कमी के चलते तीन मरीजों की हुई थी मौत
मौके पर कांग्रेस के दोनों विधायक प्रवीण पाठक और सतीश सिकरवार भी पहुंचे थे. उनके साथ कार्यकारी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामनिवास रावत भी अस्पताल की डरावनी स्थिति को लेकर वहां पहुंचे थे. इसी दिन कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने उड़ीसा से आए ऑक्सीजन टैंकर को रास्ता दिलाने और धक्का देने जैसे काम करने से सुर्खियां बटोरी थी. कमलाराजा अस्पताल की दूसरी मंजिल पर एक ही वार्ड में जयप्रकाश सिंघल सहित तीन अन्य मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई थी. मृतक जयप्रकाश सिंघल के बेटे आयुष सिंघल ने आरोप लगाया था कि डॉक्टरों की लापरवाही और समय पर ऑक्सीजन नहीं देने से उनके पिता की मौत हुई है.
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वार्ड में तैनात डाक्टर और नर्स तक वहां से भाग खड़े हुए थे. प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे भी तो भारी पुलिस बल के साथ वहां आए थे. डॉक्टरों ने काम करने से हाथ खड़े कर दिए थे. क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा का खतरा था डॉक्टरों ने कहा था कि ऑक्सीजन की कमी दवाओं की कमी या अन्य कारणों से मरीजों का आक्रोश उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है इसलिए वे पुलिस सुरक्षा में ही ड्यूटी करेंगे.
सरकार ने संसद में क्या बयान दिया जिसको लेकर विपक्ष हमलावर है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा था, ''ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत हुई, राज्यों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली.''जिसके विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावार है.