ग्वालियर। CBI की विशेष कोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में दो भाइयों को 5-5 साल के कठोर कारावास से दंडित किया है, साथ ही उन पर 3700 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. बता दें कि पुलिस विभाग में आरक्षक के रूप में तैनात बड़े भाई ने छोटे भाई को आरक्षक बनाने के लिए इस साजिश रचा था लेकिन एक ही नाम एक ही पते और माता-पिता के नाम के कारण व्यापम ने इन भाइयों के रिजल्ट को रोक दिया था.
दरअसल पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में विज्ञापन निकलने के बाद 30 सितंबर 2012 को पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. पुलिस विभाग में आरक्षक के रूप में पदस्थ मुकेश कुशवाहा अपने छोटे भाई दिनेश कुशवाहा के नाम से अंबाह के ऑटोनॉमस कॉलेज में परीक्षा देने बैठा जबकि दिनेश कुशवाह मुरैना के जेएस पब्लिक स्कूल में परीक्षा देने गया था, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं की स्क्रूटनी के दौरान पता चला कि एक ही व्यक्ति एक ही माता-पिता एक ही पते से अलग अलग परीक्षा दे रहा है. इसके बाद एडीजी चयन ने मुरैना एसपी को पत्र लिखकर इस मामले में पड़ताल करने के निर्देश दिए थे.
ये है पूरा मामला
पुलिस पड़ताल में पता लगा कि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड पुलिस आरक्षक मुकेश कुशवाहा था, जो अपने छोटे भाई को आरक्षक बनाने के लिए कई दिनों से प्रयासरत था. उसने 30 सितंबर 2012 को खुद अंबाह से छोटे भाई के स्थान पर परीक्षा दी और छोटे भाई दिनेश ने मुरैना से परीक्षा दी. व्यापम ने गड़बड़ी की आशंका के चलते इन भाइयों का रिजल्ट रोक दिया था, बाद में पोरसा थाने में इन भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई गई थी.
पुलिस के बाद सीबीआई ने इस मामले को अपने जांच के दायरे में लिया और दोनों भाइयों के राइटिंग के नमूने, थंब इंप्रेशन, फोटो मैचिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराया गया. सीबीआई ने बाद में भाइयों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जहां शनिवार को दोनों भाइयों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई और उन पर अर्थदंड भी लगाया गया. फिलहाल दोनों भाइयों को जेल भेज दिया गया है.