ग्वालियर। मध्यप्रदेश का ग्वालियर- चंबल अंचल राजनीतिक दिग्गजों की रसूख के लिए जाना जाता है. अब दिग्गजों का रसूख ग्वालियर जिला पंचायत की कुर्सी के लिए आपस में टकरा रहा है. दिग्गजों के सामने अपने समर्थकों को अध्यक्ष दिलवाना सबसे अहम हो गया है. जिला पंचायत सदस्यों के जो नतीजे आए हैं, उसमें गांव की सरकार बीजेपी के पक्ष में है. ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी किस नेता की समर्थक की होगी. इसको लेकर दिग्गजों की लॉबिंग शुरू हो गई है.
नेहा मुकेश परिहार का नाम आगे : ग्वालियर में गांव की सरकार बनने की तस्वीर आज साफ हो गई है. ग्वालियर में जिला पंचायत के 13 वार्ड के सदस्यों को मिले वोट का समीकरण साफ हो गया है. यहां मुरार डबरा ब्लॉक में भाजपा समर्थक प्रत्याशी ज्यादा जीते हैं. जिला पंचायत में भाजपा का बोर्ड बनना तय हो गया है. कुल 13 वार्ड हैं और अध्यक्ष बनाने के लिए 7 सदस्यों का समर्थन चाहिए, जबकि भाजपा समर्थित 8 सदस्य लगभग जीत चुके हैं. 13 वार्ड में से 8 भाजपा, 4 कांग्रेस और जबकि एक निर्दलीय है. जिला पंचायत अध्यक्ष की सबसे ज्यादा संभावना वार्ड 7 की नेहा मुकेश परिहार की है. वे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की खास मानी जाती हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और इमरती देवी की भी पसंद हैं
दुर्गेश जाटव का नाम भी चल रहा है : वहीं वार्ड 3 की दुर्गेश जाटव केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह की खास मानी जाती हैं. ऐसे में यहां मंत्रियों में सीधा मुकाबला भी देखने को मिल रहा है. पर खेल यहीं खत्म नहीं होता है कांग्रेस भी निर्दलीय के अलावा कुछ भाजपा समर्थित सदस्यों के संपर्क में है. दावा है कि उनके पास सात नंबर का फिगर है पर सही समय का इंतजार है, लेकिन भाजपा का दावा जिला पंचायत पर उसका ज्यादा पुख्ता नजर आ रहा है.
कौन कितना पैसे वाला : वहीं ग्वालियर जिला पंचायत में जीते हुए सदस्यों की संपत्ति को लेकर अगर बात करें तो जिला पंचायत में 4 सदस्य ऐसे हैं जो करोड़पति हैं. 8 सदस्य लखपति हैं. इसके साथ ही एक सदस्य के पास कोई संपत्ति नहीं है. सबसे अमीर सदस्य वार्ड 4 से जीती पिंकी शिवराज यादव हैं. यह 12वीं पास हैं और इसकी कुल चल अचल संपत्ति लगभग 11 करोड़ है. वहीं बाढ़ क्रमांक 3 से जीती दुर्गेश कुंवर सिंह पर न तो कोई संपत्ति है और न ही उसके पास कोई बैंक बैलेंस है. (Two names of BJP for Panchayat President) (Gwalior District Panchayat President lobbying)