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गणतंत्र दिवस पर तिरंगा लगा भूले हुक्मरान, राष्ट्रीय ध्वज का हो रहा अपमान

ग्वालियर में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आया है. नियम के अनुसार तिरंगे के पास अंधेरा कभी नहीं रहना चाहिए, लेकिन यहां सिरौल पहाड़ी पर लगे राष्ट्रीय ध्वज की देखरेख कोई नहीं कर रहा, जिसके चलते तिरंगे के पास अंधेरा रहता है.

राष्ट्रीय ध्वज
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Published : Sep 18, 2019, 4:56 PM IST

ग्वालियर। कलेक्ट्रट के पास सिरौल पहाड़ी पर लगे राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आया है. तिरंगे को स्थापित करने का नियम है, कि उसे कभी भी अंधेरे में नहीं रखा जाएगा, लेकिन यहां लगे तिरंगे की देखरेख के लिए कोई नहीं है, जिसके कारण रात में तिरंगे के पास लाइट की कोई व्यवस्था नहीं. कलेक्ट्रट से महज एक किलोमीटर की दूरी पर होने के बाबजूद तिरंगे का अपमान प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है.

ग्वालियर में हो रहा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान

आपको बता दें कि इस पहाड़ी पर कलेक्टर अनुराग चौधरी कई बार वृक्षारोपण कर चुके हैं और जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी और समाजसेवी यहां की मॉनिटरिंग करते हैं. इसके बावजूद किसी भी अधिकारी को दिन के उजाले में ये झंडा नहीं दिखाई दिया, रात में तो इसके दिखने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

क्यों नहीं दिखता तिरंगा?'

इसके अलावा इस पहाड़ी को शासन ने ऑक्सीजन जोन घोषित करने की तैयारी कर ली है और यहां हर रोज कोई न कोई अधिकारी और नेतागण पौधारोपण करने आते रहते हैं. लेकिन किसी भी व्यक्ति को 15 अगस्त 2019 से लेकर आज तक ये ध्वज दिखाई नहीं दिया.

जब ईटीवी भारत ने यहां उपस्थित माली से बात की, तो उसने इस विषय पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. माली के मुताबिक इस तिरंगे झंडे को किसने लगाया कब लगाया उसे कुछ भी पता नहीं है.

कलेक्टर की सफाई

इस संबंध में कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज के विषय में गूगल सर्च की मदद लेकर पता किया जाएगा कि इस ध्वज को किसने और कब लगाया है. लगाने वाले के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कलेक्टर और अधिकारियों के कई बार मौके पर जाने के बाद भी झंडा उन्हें नजर नहीं आया. इस सवाल का जवाब उन्होंने भी नहीं दिया.

ग्वालियर। कलेक्ट्रट के पास सिरौल पहाड़ी पर लगे राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आया है. तिरंगे को स्थापित करने का नियम है, कि उसे कभी भी अंधेरे में नहीं रखा जाएगा, लेकिन यहां लगे तिरंगे की देखरेख के लिए कोई नहीं है, जिसके कारण रात में तिरंगे के पास लाइट की कोई व्यवस्था नहीं. कलेक्ट्रट से महज एक किलोमीटर की दूरी पर होने के बाबजूद तिरंगे का अपमान प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है.

ग्वालियर में हो रहा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान

आपको बता दें कि इस पहाड़ी पर कलेक्टर अनुराग चौधरी कई बार वृक्षारोपण कर चुके हैं और जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी और समाजसेवी यहां की मॉनिटरिंग करते हैं. इसके बावजूद किसी भी अधिकारी को दिन के उजाले में ये झंडा नहीं दिखाई दिया, रात में तो इसके दिखने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

क्यों नहीं दिखता तिरंगा?'

इसके अलावा इस पहाड़ी को शासन ने ऑक्सीजन जोन घोषित करने की तैयारी कर ली है और यहां हर रोज कोई न कोई अधिकारी और नेतागण पौधारोपण करने आते रहते हैं. लेकिन किसी भी व्यक्ति को 15 अगस्त 2019 से लेकर आज तक ये ध्वज दिखाई नहीं दिया.

जब ईटीवी भारत ने यहां उपस्थित माली से बात की, तो उसने इस विषय पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. माली के मुताबिक इस तिरंगे झंडे को किसने लगाया कब लगाया उसे कुछ भी पता नहीं है.

कलेक्टर की सफाई

इस संबंध में कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज के विषय में गूगल सर्च की मदद लेकर पता किया जाएगा कि इस ध्वज को किसने और कब लगाया है. लगाने वाले के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कलेक्टर और अधिकारियों के कई बार मौके पर जाने के बाद भी झंडा उन्हें नजर नहीं आया. इस सवाल का जवाब उन्होंने भी नहीं दिया.

Intro:एंकर-: ग्वालियर शहर के बीचों बीच डीएम ऑफिस के बिलकुल नजदीक देश की अस्मिता के प्रतीक हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे झंडे के अपमान का बड़ा मामला सामने आया है और ये हुआ है जिला प्रशासन की नाक के नीचे इसमें साफ तौर पर जिला प्रशासन की गंभीर लापरवाही दिखाई दे रही है!
Body:वीओ1-: हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को फहराया जाता है लेकिन यहाँ कलेक्टरेट के ठीक एक किलोमीटर की दूरी पर सिरौल पहाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज के लिए पक्का रैम्प बनाया और झंडा फहरा कर उसे ऐसे ही छोड दिया गया जब हमने सुबह इस जगह पर माली समेत यहाँ के रखवाली करने वालों से बात की और आधी रात को भी जब हम इस जगह पर पहुँचे तो तिरंगा झंडा अपने देश की प्रशासनिक व्यवस्था की नाकारा बद इंतजामी पर गमगीन था, तिरंगे को स्थापित करने का नियम ये है कि उसे कभी भी अंधेरे में नहीं रखा जाएगा, जब कि एक महीने तक ध्वज ऐसे ही दिन रात लगा रहा तो हमने इसकी पड़ताल की वहाँ उपस्थित एक माली ने इस विषय पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया माली के मुताबिक इस तिरंगे झंडे को किसने लगाया कब लगाया उसे कुछ भी पता नहीं है,

वीओ2-: आपको बता दें कि इस पहाड़ी पर कलेक्टर अनुराग चौधरी कई बार वृक्षारोपण कर चुके हैं और जिला प्रशासन के तमाम वरिष्ठ अधिकारी और समाजसेवी यहाँ की मॉनीटरिंग करते हैं बावजूद इसके किसी भी अधिकारी को दिन के उजाले में ये झंडा नहीं दिखाई दिया रात में तो इसे दिखने का सवाल ही पैदा नहीं होता,
इसके अलावा इस पहाड़ी को शासन ने ऑक्सीजन जोन घोषित करने की तैयारी कर ली है और यहाँ हर रोज कोई न कोई अधिकारी और नेतागण पौधारोपण करने आते रहते हैं लेकिन किसी भी व्यक्ति को 15 अगस्त 2019 से लेकर आज तक ये ध्वज दिखाई नहीं दिया,
Conclusion:वीओ3-: वहीं इस संबंध में कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज के विषय में गूगल सर्च की मदद लेकर पता किया जाएगा इस ध्वज को किसने और कब लगाया है लगाने वाले के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी लेकिन कलेक्टर और अधिकारियों के कई बार मौके पर जाने के बाद भी झंडा उन्हें नजर नहीं आया इस सवाल का जवाब उन्होंने भी नहीं दिया!

बाइट-1 अनुराग चौधरी (कलेक्टर, ग्वालियर)

बाइट-2 रामरतन (माली)

बाइट-3 दिलीप सिंह (स्थानीय चरवाहा)

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