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Gwalior PHE Scam: ग्वालियर में हुए पीएचई घोटाले में ट्रेजरी ने पुलिस को जांच रिपोर्ट सौंपी. 7 इंजीनियर सहित 74 पर FIR

ग्वालियर में पीएचई घोटाले में ट्रेजरी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें वेतन और भक्तों के नाम पर पीएचई विभाग में 16.42 करोड़ रुपए का घोटाला पकड़ा गया था. जानें क्या है पूरा मामला...

Gwalior PHE Scam
ग्वालियर पीएचई स्कैम
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 16, 2023, 6:17 PM IST

ग्वालियर. ग्वालियर में हुए पीएचई घोटाले में ट्रेजरी ने पुलिस को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. लंबे समय से पुलिस को इस जांच रिपोर्ट का इंतजार था. ट्रेजरी ने पिछले करीब पांच साल में रहे डीडीओ सहित 74 लोगों को जांच रिपोर्ट में दोषी बताया है. इसी के आधार पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने 74 लोगों पर पुरानी एफआईआर में नाम शामिल कर लिए है. सभी के नाम इस घोटाले में शामिल होने के आधार पर जिन लोगों को ट्रेजरी ने दोषी माना है. उन सभी पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है.

इतने करोड़ का घोटाला आया था सामने: आपको बता दें कि 16.42 करोड़ रुपये का घोटला सामने आया था. इसमें वेतन और भत्तों के नाम पर पीएचई विभाग में 16.42 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ा गया था. इस मामले में क्राइम ब्रांच थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी. डीडीओ संजय सोलंकी एफआइआर में फरियादी थे. ट्रेजरी ने इस इस घोटाले की जांच की. इसमें डीडीओ सहित उन 74 लोगों की संलिप्तता पाई गई, जिनके नाम पर बैंक खाते खोले गए थे. इसके चलते ऐसे बैंक खातों में रकम गई थी.

एसपी राजेश चंदेल का कहना है कि ट्रेजरी की रिपोर्ट को विवेचना में शामिल किया गया है. रिपोर्ट सौंप दी गई है. इसमें डीडीओ सहित 74 लोगों की संलिप्तता ट्रेजरी ने जांच में पाई है. इस आधार पर सभी आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है.

ये भी पढ़ें...


जांच में मुख्य रूप से यह मिली है गड़बड़ी

  • मृत और लापता कर्मचारियों के एम्पलाई कोड में बैंक डिटेल बदलकर फर्जी खाते में पैसा डाला
  • मई 2017 से अगस्त 2018 तक वेतन एफवीसी प्रकार से भुगतान के बावजूद कई कर्मचारियों के वेतन उनके एम्पलाई कोड में खाता बदलकर भुगतान किया.
  • सबसे बड़ा कारण डीडीओ द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर एंप्लॉय कोड में नाम और बैंक खाता परिवर्तन करना.

ग्वालियर. ग्वालियर में हुए पीएचई घोटाले में ट्रेजरी ने पुलिस को जांच रिपोर्ट सौंप दी है. लंबे समय से पुलिस को इस जांच रिपोर्ट का इंतजार था. ट्रेजरी ने पिछले करीब पांच साल में रहे डीडीओ सहित 74 लोगों को जांच रिपोर्ट में दोषी बताया है. इसी के आधार पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने 74 लोगों पर पुरानी एफआईआर में नाम शामिल कर लिए है. सभी के नाम इस घोटाले में शामिल होने के आधार पर जिन लोगों को ट्रेजरी ने दोषी माना है. उन सभी पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है.

इतने करोड़ का घोटाला आया था सामने: आपको बता दें कि 16.42 करोड़ रुपये का घोटला सामने आया था. इसमें वेतन और भत्तों के नाम पर पीएचई विभाग में 16.42 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ा गया था. इस मामले में क्राइम ब्रांच थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी. डीडीओ संजय सोलंकी एफआइआर में फरियादी थे. ट्रेजरी ने इस इस घोटाले की जांच की. इसमें डीडीओ सहित उन 74 लोगों की संलिप्तता पाई गई, जिनके नाम पर बैंक खाते खोले गए थे. इसके चलते ऐसे बैंक खातों में रकम गई थी.

एसपी राजेश चंदेल का कहना है कि ट्रेजरी की रिपोर्ट को विवेचना में शामिल किया गया है. रिपोर्ट सौंप दी गई है. इसमें डीडीओ सहित 74 लोगों की संलिप्तता ट्रेजरी ने जांच में पाई है. इस आधार पर सभी आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है.

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जांच में मुख्य रूप से यह मिली है गड़बड़ी

  • मृत और लापता कर्मचारियों के एम्पलाई कोड में बैंक डिटेल बदलकर फर्जी खाते में पैसा डाला
  • मई 2017 से अगस्त 2018 तक वेतन एफवीसी प्रकार से भुगतान के बावजूद कई कर्मचारियों के वेतन उनके एम्पलाई कोड में खाता बदलकर भुगतान किया.
  • सबसे बड़ा कारण डीडीओ द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर एंप्लॉय कोड में नाम और बैंक खाता परिवर्तन करना.
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