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इम्यूनिटी से हारा कोरोना, बच्चों पर नहीं दिखा तीसरी लहर का अधिक प्रभाव - ग्वालियर में बच्चों में संक्रमण

बताया जा रहा था कि तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों पर हावी होगी. इस लहर में देखने में आया कि बच्चों ने हंसते-खेलते ही संक्रमण को मात दे दी. जिले में लगभग 50 से 60 फीसदी ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने परिवार के कोरोना की तीसरी लहर को निकाल दिया. (corona third wave impact on children in gwalior)

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कोरोना
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Published : Feb 4, 2022, 5:32 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 7:30 PM IST

भोपाल/ग्वालियर। पूरे प्रदेश में अब कोरोना की तीसरी लहर में आंकड़े तेजी से घटते जा रहे हैं. सबसे सुखद बात यह है कि जिस तरह से बताया जा रहा था कि तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों पर हावी होगी. इस लहर में देखने में आया कि बच्चों ने हंसते-खेलते ही संक्रमण को मात दे दी है. जिले में लगभग 50 से 60 फीसदी ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने कोरोना की तीसरी लहर को निकाल दिया और बच्चों की इम्युनिटी के आगे कोरोना हार गया. (corona third wave impact in gwalior)

बच्चों ने दी कोरोना को मात

खत्म हो रही कोरोना की तीसरी लहर
पॉजीटिव मरीजों से ज्यादा ठीक होने वाले मरीजों की संख्या दिख रही है. पॉजीटिविटी और डिस्चार्ज रेट में अंतर लगातार कम हो रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या नए पॉजीटिव मरीजों से ज्यादा हो जाए तो माना जाता है कि संक्रमण कम हो रहा है. इधर, स्वास्थ्य विभाग का भी मानना है कोरोना की तीसरी लहर का पीक 1 सप्ताह पहले ही खत्म हो चुका है. अब कोरोना संक्रमण खत्म होने की और बढ़ रहा है.

22-23 जनवरी को मिले सर्वाधिक मरीज
आंकड़ों के अनुसार भोपाल में पॉजीटिविटी रेट लगभग स्थिर है. ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है. विशेषज्ञों ने 20 जनवरी से 28 जनवरी के बीच कोरोना के पीक पर होने की उम्मीद जताई थी. 21 जनवरी को शहर में डिस्चार्ज रेट महज 11 प्रतिशत ही था, जो 28 जनवरी को बढ़कर 53.4 हो गया. इस दौरान पॉजीटिविटी रेट 25 के आसपास ही स्थिर है. कोरोना का ग्राफ अब नीचे आ रहा है. विभाग का अनुमान था कि पीक 24 जनवरी को आएगा लेकिन 22-23 जनवरी को सर्वाधिक मरीज मिलने के बाद नए मरीज कम हो रहे हैं.

जिले में 200 से अधिक बच्चे हुए थे संक्रमित
शुरुआती दिनों में कोरोना की तीसरी लहर में लगातार अंचल में संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ा. इससे जिला प्रशासन के साथ-साथ सरकार भी चिंतित हो गई. इसके साथ ही सरकार ने बच्चों के लिए स्कूल और उनकी देखने के लिए निर्देश जारी कर दिए. बच्चों की इम्युनिटी के आगे यह संक्रमण कुछ भी नहीं कर पाया. जिले में दिसंबर से लेकर अभी तक 200 से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित हुए. इनमें से सिर्फ पांच फीसदी बच्चे भर्ती किए गए. गंभीर अवस्था में कोई भी बच्चा नहीं पहुंचा. लगभग सभी बच्चे ठीक होकर अपने घर भी आ गए. (corona cases in gwalior)

क्या कहते हैं पीडियाट्रिक्स
जयारोग्य अस्पताल समूह के कमलाराजा विभागाध्यक्ष के पीडियाट्रिक्स विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़ ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर धीमी होने के कारण शुरुआती दिनों में ही यह काफी तेजी से ऊपर पहुंची. इस संक्रमण में शुरुआती दिनों में ही बच्चे चपेट में आ गए. घरों में रहने वाले बच्चों में सर्दी, खांसी, जुकाम के लक्षण पाए गए. यही लक्षण कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के थे. (corona third wave on children)

अब एमपी के स्कूलों में लगेगी 'हैप्पीनेस की क्लास' 9-12वीं के छात्रों को पढ़ाया जाएगा जीवन में आनंद का महत्व

डॉ. अजय गौड़ ने बताया कि बच्चों की इम्युनिटी के आगे संक्रमण कमजोर है, लेकिन इस समय देखने में आ रहा है कि ज्यादातर बच्चों के माता-पिता बच्चों में लक्षण होने के बावजूद भी कोरोना टेस्ट नहीं करा रहे हैं. यह घातक हो सकता है. अगर बच्चों में दो दिन तक बुखार खांसी जुकाम या दस्त जैसी शिकायत है, तो बच्चों का कोरोना टेस्ट अवश्य कराएं. ताकि डॉक्टर उचित इलाज कर सकें.

20 से लेकर 28 जनवरी तक कोरोना आंकड़े

तारीखसैम्पल पॉजीटिव मरीजपॉजीटिविटी रेटडिस्चार्ज मरीजडिस्चार्ज रेट
28 जनवरी4298 150835 %229753.4 %
27 72121857 25.71728 23.9
267627204926.7 1992 26.1
25 7752 2095 27.01344 17.3
247003202428.31349 19.2
23 7831212827.1117615.0
22 6662 191028.6 1174 17.6
218291210725.4 918 11.0
20 5650199135.2 1124 19.8

भोपाल/ग्वालियर। पूरे प्रदेश में अब कोरोना की तीसरी लहर में आंकड़े तेजी से घटते जा रहे हैं. सबसे सुखद बात यह है कि जिस तरह से बताया जा रहा था कि तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों पर हावी होगी. इस लहर में देखने में आया कि बच्चों ने हंसते-खेलते ही संक्रमण को मात दे दी है. जिले में लगभग 50 से 60 फीसदी ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने कोरोना की तीसरी लहर को निकाल दिया और बच्चों की इम्युनिटी के आगे कोरोना हार गया. (corona third wave impact in gwalior)

बच्चों ने दी कोरोना को मात

खत्म हो रही कोरोना की तीसरी लहर
पॉजीटिव मरीजों से ज्यादा ठीक होने वाले मरीजों की संख्या दिख रही है. पॉजीटिविटी और डिस्चार्ज रेट में अंतर लगातार कम हो रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या नए पॉजीटिव मरीजों से ज्यादा हो जाए तो माना जाता है कि संक्रमण कम हो रहा है. इधर, स्वास्थ्य विभाग का भी मानना है कोरोना की तीसरी लहर का पीक 1 सप्ताह पहले ही खत्म हो चुका है. अब कोरोना संक्रमण खत्म होने की और बढ़ रहा है.

22-23 जनवरी को मिले सर्वाधिक मरीज
आंकड़ों के अनुसार भोपाल में पॉजीटिविटी रेट लगभग स्थिर है. ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है. विशेषज्ञों ने 20 जनवरी से 28 जनवरी के बीच कोरोना के पीक पर होने की उम्मीद जताई थी. 21 जनवरी को शहर में डिस्चार्ज रेट महज 11 प्रतिशत ही था, जो 28 जनवरी को बढ़कर 53.4 हो गया. इस दौरान पॉजीटिविटी रेट 25 के आसपास ही स्थिर है. कोरोना का ग्राफ अब नीचे आ रहा है. विभाग का अनुमान था कि पीक 24 जनवरी को आएगा लेकिन 22-23 जनवरी को सर्वाधिक मरीज मिलने के बाद नए मरीज कम हो रहे हैं.

जिले में 200 से अधिक बच्चे हुए थे संक्रमित
शुरुआती दिनों में कोरोना की तीसरी लहर में लगातार अंचल में संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ा. इससे जिला प्रशासन के साथ-साथ सरकार भी चिंतित हो गई. इसके साथ ही सरकार ने बच्चों के लिए स्कूल और उनकी देखने के लिए निर्देश जारी कर दिए. बच्चों की इम्युनिटी के आगे यह संक्रमण कुछ भी नहीं कर पाया. जिले में दिसंबर से लेकर अभी तक 200 से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित हुए. इनमें से सिर्फ पांच फीसदी बच्चे भर्ती किए गए. गंभीर अवस्था में कोई भी बच्चा नहीं पहुंचा. लगभग सभी बच्चे ठीक होकर अपने घर भी आ गए. (corona cases in gwalior)

क्या कहते हैं पीडियाट्रिक्स
जयारोग्य अस्पताल समूह के कमलाराजा विभागाध्यक्ष के पीडियाट्रिक्स विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़ ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर धीमी होने के कारण शुरुआती दिनों में ही यह काफी तेजी से ऊपर पहुंची. इस संक्रमण में शुरुआती दिनों में ही बच्चे चपेट में आ गए. घरों में रहने वाले बच्चों में सर्दी, खांसी, जुकाम के लक्षण पाए गए. यही लक्षण कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के थे. (corona third wave on children)

अब एमपी के स्कूलों में लगेगी 'हैप्पीनेस की क्लास' 9-12वीं के छात्रों को पढ़ाया जाएगा जीवन में आनंद का महत्व

डॉ. अजय गौड़ ने बताया कि बच्चों की इम्युनिटी के आगे संक्रमण कमजोर है, लेकिन इस समय देखने में आ रहा है कि ज्यादातर बच्चों के माता-पिता बच्चों में लक्षण होने के बावजूद भी कोरोना टेस्ट नहीं करा रहे हैं. यह घातक हो सकता है. अगर बच्चों में दो दिन तक बुखार खांसी जुकाम या दस्त जैसी शिकायत है, तो बच्चों का कोरोना टेस्ट अवश्य कराएं. ताकि डॉक्टर उचित इलाज कर सकें.

20 से लेकर 28 जनवरी तक कोरोना आंकड़े

तारीखसैम्पल पॉजीटिव मरीजपॉजीटिविटी रेटडिस्चार्ज मरीजडिस्चार्ज रेट
28 जनवरी4298 150835 %229753.4 %
27 72121857 25.71728 23.9
267627204926.7 1992 26.1
25 7752 2095 27.01344 17.3
247003202428.31349 19.2
23 7831212827.1117615.0
22 6662 191028.6 1174 17.6
218291210725.4 918 11.0
20 5650199135.2 1124 19.8
Last Updated : Feb 4, 2022, 7:30 PM IST
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