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नरेंद्र सिंह तोमर और कमलनाथ पर हाई कोर्ट के आदेश पर दर्ज होगी FIR

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. दोनों नेताओं पर कोविड 19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने का आरोप है.

Court orders to register FIR
कोर्ट ने FIR दर्ज करने दिए आदेश
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Published : Oct 21, 2020, 3:11 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 7:19 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कोविड 19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के मामले में FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने FIR दर्ज करने दिए आदेश

हाईकोर्ट ने अपने चार बिंदुओं के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि राजनीतिक आयोजनों के लिए कोई रैली जुलूस और आमसभा नहीं की जाए. इसके लिए वर्चुअल और आधुनिक संचार संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा. जहां वर्चुअल मीटिंग नहीं ली जा सकती है. वहां कारण बताते हुए राजनीतिक दल जिला कलेक्टर को मीटिंग के लिए आवेदन सौपेंगे. जिसके बाद कलेक्टर और चुनाव आयोग की इजाजत मिलने पर राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रम करने की सशर्त अनुमति दी जाएगी.

पढ़ें:केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कमलनाथ समेत कई नेताओं पर दर्ज होगी FIR, ये है मामला

चुनावी सभा एवं मीटिंग में मौजूद रहने वाले लोगों के लिए पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी राजनीतिक दलों को करनी पड़ेगी. इसके लिए जिला प्रशासन के पास दोगुनी राशि के सैनिटाइजर और मास्क की कीमत जमा करनी होगी.

गौरतलब है कि ग्वालियर के अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने कोरोना काल में राजनीतिक दलों द्वारा केंद्र, राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर संबंधित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है. जिस पर कोर्ट ने पूर्व में 3 अधिवक्ताओं को न्याय मित्र भी बनाया था. न्याय मित्र और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में पेश की गई फोटो वीडियोग्राफी के बाद कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कोविड 19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने के मामले में FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने FIR दर्ज करने दिए आदेश

हाईकोर्ट ने अपने चार बिंदुओं के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि राजनीतिक आयोजनों के लिए कोई रैली जुलूस और आमसभा नहीं की जाए. इसके लिए वर्चुअल और आधुनिक संचार संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा. जहां वर्चुअल मीटिंग नहीं ली जा सकती है. वहां कारण बताते हुए राजनीतिक दल जिला कलेक्टर को मीटिंग के लिए आवेदन सौपेंगे. जिसके बाद कलेक्टर और चुनाव आयोग की इजाजत मिलने पर राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रम करने की सशर्त अनुमति दी जाएगी.

पढ़ें:केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कमलनाथ समेत कई नेताओं पर दर्ज होगी FIR, ये है मामला

चुनावी सभा एवं मीटिंग में मौजूद रहने वाले लोगों के लिए पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था भी राजनीतिक दलों को करनी पड़ेगी. इसके लिए जिला प्रशासन के पास दोगुनी राशि के सैनिटाइजर और मास्क की कीमत जमा करनी होगी.

गौरतलब है कि ग्वालियर के अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने कोरोना काल में राजनीतिक दलों द्वारा केंद्र, राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर संबंधित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है. जिस पर कोर्ट ने पूर्व में 3 अधिवक्ताओं को न्याय मित्र भी बनाया था. न्याय मित्र और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में पेश की गई फोटो वीडियोग्राफी के बाद कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है.

Last Updated : Oct 21, 2020, 7:19 PM IST
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