ग्वालियर। अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर लगातार 5 दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स को अब अपने गुरुजनों का भी साथ मिल गया है. Madhya Pradesh Medical Teachers Association के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने जूनियर डॉक्टर के साथ होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि इन बच्चों के गुरु होने के नाते वह जूनियर डॉक्टर के साथ हैं. मानवता के नाते तो इन लोगों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए, लेकिन सरकार भी अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. पिछले 4 साल से लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी जा रही.
- जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल में सरकार दोषी
मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है. वह पिछले 4 साल से लगातार अपनी मांग को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में यदि यह लोग हड़ताल पर गए हैं, तो इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार दोषी है. सरकार हठधर्मिता अपना रही है, यही वजह है कि यह सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. साथ ही उनका कहना है कि कोई भी डॉक्टर नहीं चाहते कि हड़ताल पर जाएं, मरीजों को परेशानी हो. लेकिन सरकार मानने को तैयार नहीं है. सरकार चाह रही है कि पहले यह हड़ताल खत्म कर दें, तो वही यह जूनियर डॉक्टर का कहना है कि सरकार पहले हमारी मांगों को मान ली है. दोनों की तरफ से हठधर्मिता अपनाई जा रही है.
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- जूनियर डॉक्टरों की चेतावनी, जारी रहेगी हड़ताल
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अगर हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो हमारी हड़ताल जारी रहेगी. क्योंकि सरकार ने हमारे खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. सरकार हम पर दबाव बना रही है, लेकिन हम झुकने वाले नहीं है क्योंकि जूनियर डॉक्टर का कारवां और लगातार बढ़ता जा रहा है. हमारी यह हड़ताल लगातार जारी रहेगी. साथ ही उनका कहना है कि सरकार स्वतंत्र है हमारे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए और सरकार ने कार्रवाई करना शुरू भी कर दिया है. हमारे थर्ड ईयर के छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया है, लेकिन वह भी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर हड़ताल में शामिल है.
- ग्वालियर में 300 से अधिक जूनियर डॉक्टरों ने कल दिया इस्तीफा
कल पूरे मध्य प्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर के जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के 300 से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. समीर गुप्ता को सौंप दिए थे. उसके बाद वह अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और उनकी हड़ताल लगातार जारी है. उनका आरोप है कि सरकार हठधर्मिता अपना रही हैं. लेकिन हम झुकने वाली नहीं है और सरकार से यही गुजारिश करेंगे कि जल्द से जल्द हमारी मांगों को मान लें, ताकि इस संकट की घड़ी मे लोगों को कोई परेशानी ना हो.
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- सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी किया काम बंद
जूनियर डॉक्टरों के साथ जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के जयारोग्य अस्पताल में पदस्थ 60 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी काम बंद कर इनके सपोर्ट में आ गए हैं. इस वजह से जयारोग्य अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. इसको लेकर जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ का कहना है कि सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को हड़ताल करने का कोई प्रावधान नहीं है, क्योंकि यह सरकारी डॉक्टर है और इनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मैं जीआरएमसी मेडिकल के अधीन डॉक्टर समीर गुप्ता से मिला हूं और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.