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सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से शहर में लगा कचरे का ढेर - gwalior news

ग्वालियर में शनिवार को नगर निगम के सफाई कर्मी ,आउटसोर्स कर्मचारी और इको ग्रीन कंपनी के विनियमित किए गए कर्मचारियों ने मिलकर संयुक्त रूप से हड़ताल कर दी.

Sweeper strike
सफाई कर्मियों की हड़ताल
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Published : Jan 2, 2021, 1:20 PM IST

ग्वालियर। नगर निगम के सफाई कर्मी ,आउटसोर्स कर्मचारी और इको ग्रीन कंपनी के विनियमित किए गए कर्मचारियों ने मिलकर संयुक्त रूप से शनिवार को हड़ताल कर दी. जिससे शहर में सफाई व्यवस्था एक बार फिर लड़खड़ा गई है. यह कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला है.

सफाई कर्मियों की हड़ताल

सफाई कर्मियों की हड़ताल

नगर निगम में ठेका प्रथा खत्म करने सफाई कर्मियों सहित आउटसोर्स कर्मचारियों और इकोग्रीन के कर्मचारियों की संयुक्त हड़ताल के कारण डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली गाड़ियां नहीं चली. सभी कर्मचारी शनिवार सुबह 6 बजे से महाराज बाड़े पर एकत्रित होकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद वे सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के घर पहुंचे और वहां उन्होंने सांसद की गैरमौजूदगी में उनके घर बाहर बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया.

सांसद विवेक शेजवलकर के घर बाहर किया प्रदर्शन

इको ग्रीन कंपनी की तर्ज पर नगर निगम के अधिकारी भी सफाई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं. वह दो पारियों में 400 कर्मचारियों से रोज काम ले रहे हैं, लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं. ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी और इकोग्रीन के कर्मचारियों को बार-बार हड़ताल करना पड़ रही है. कचरा सेंटर पर लगे सुरक्षा गार्डों को भी लंबे रास्ते से वेतन नहीं मिला है. हड़ताली कर्मचारियों को नगर निगम आयुक्त ने 24 घंटे में वेतन देने का भरोसा दिया था, लेकिन वह भी उनके खाते में नहीं पहुंचा. शहर के 21 वार्डों में 100 फ़ीसदी कचरा कलेक्शन नहीं होने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. शहर में शुक्रवार रात तक 200 से भी ज्यादा कचरा विभिन्न स्थानों पर पड़ा रहा. वहीं सांसद विवेक शेजवलकर ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि वे नगर निगम कमिश्नर से बात करके उनकी समस्या दूर करने का प्रयास करेंगे.

ग्वालियर। नगर निगम के सफाई कर्मी ,आउटसोर्स कर्मचारी और इको ग्रीन कंपनी के विनियमित किए गए कर्मचारियों ने मिलकर संयुक्त रूप से शनिवार को हड़ताल कर दी. जिससे शहर में सफाई व्यवस्था एक बार फिर लड़खड़ा गई है. यह कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें सिवाय आश्वासन के अभी तक कुछ नहीं मिला है.

सफाई कर्मियों की हड़ताल

सफाई कर्मियों की हड़ताल

नगर निगम में ठेका प्रथा खत्म करने सफाई कर्मियों सहित आउटसोर्स कर्मचारियों और इकोग्रीन के कर्मचारियों की संयुक्त हड़ताल के कारण डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली गाड़ियां नहीं चली. सभी कर्मचारी शनिवार सुबह 6 बजे से महाराज बाड़े पर एकत्रित होकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद वे सांसद विवेक नारायण शेजवलकर के घर पहुंचे और वहां उन्होंने सांसद की गैरमौजूदगी में उनके घर बाहर बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया.

सांसद विवेक शेजवलकर के घर बाहर किया प्रदर्शन

इको ग्रीन कंपनी की तर्ज पर नगर निगम के अधिकारी भी सफाई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं. वह दो पारियों में 400 कर्मचारियों से रोज काम ले रहे हैं, लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं. ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी और इकोग्रीन के कर्मचारियों को बार-बार हड़ताल करना पड़ रही है. कचरा सेंटर पर लगे सुरक्षा गार्डों को भी लंबे रास्ते से वेतन नहीं मिला है. हड़ताली कर्मचारियों को नगर निगम आयुक्त ने 24 घंटे में वेतन देने का भरोसा दिया था, लेकिन वह भी उनके खाते में नहीं पहुंचा. शहर के 21 वार्डों में 100 फ़ीसदी कचरा कलेक्शन नहीं होने से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. शहर में शुक्रवार रात तक 200 से भी ज्यादा कचरा विभिन्न स्थानों पर पड़ा रहा. वहीं सांसद विवेक शेजवलकर ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि वे नगर निगम कमिश्नर से बात करके उनकी समस्या दूर करने का प्रयास करेंगे.

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