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नशा नहीं कैंसर-डायबिटीज का नाश करेगी ये शराब, जीवाजी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने की तैयार - cancer

जीवाजी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आम के पत्तों से शराब बनाई है, जो कि डायबिटीज और कैंसर की रोकथाम में बहुत लाभकारी है.

आम के पत्तों से बनी शराब बीमारियों को रखेगी दूर
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Published : Jun 11, 2019, 5:03 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी के हेल्थ डिपार्टमेंट के छात्रों ने आम के पत्तों से शराब बनाई है. शराब में 15 से 20 फीसदी तक अल्कोहल मिलाया गया है. ये शराब डायबिटीज की रोकथाम, कैंसर का प्रभाव कम करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है.

आम के पत्तों से बनी शराब के बारे में बताती शोध में शामिल छात्रा

आम के पत्तों से शराब तैयार करने का फॉर्मूला बनाने वाली प्रोफेसर जीवीकेएस प्रसाद और शोध छात्रा रूपाली दत्त ने 6 महीने तक डायबिटीज के मरीजों पर परीक्षण किया था. ये शराब उन मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हुई है.
जेयू प्रबंधन इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए किसी कंपनी के साथ फॉर्मूले का MOU साइन करने की कोशिश कर रहा है. इसे बनाने में 45 से 50 दिन का समय लगा था. इसे ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के किंडवन द्वारा बनाया गया है. खास बात ये है कि आम के पत्ते साल भर उपलब्ध रहते हैं, जिससे ये शराब किसी भी सीजन में बनाई जा सकती है.

प्रोफेसर ने बताया कि आम के पत्तों की शराब में मैंगो फैरीज होता है. जिससे डायबिटीज की रोकथाम होती है, शरीर का फैट कम होता है, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, इसलिए ये मरीजों के लिए अत्यंत लाभदायक हैं.

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी के हेल्थ डिपार्टमेंट के छात्रों ने आम के पत्तों से शराब बनाई है. शराब में 15 से 20 फीसदी तक अल्कोहल मिलाया गया है. ये शराब डायबिटीज की रोकथाम, कैंसर का प्रभाव कम करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है.

आम के पत्तों से बनी शराब के बारे में बताती शोध में शामिल छात्रा

आम के पत्तों से शराब तैयार करने का फॉर्मूला बनाने वाली प्रोफेसर जीवीकेएस प्रसाद और शोध छात्रा रूपाली दत्त ने 6 महीने तक डायबिटीज के मरीजों पर परीक्षण किया था. ये शराब उन मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हुई है.
जेयू प्रबंधन इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए किसी कंपनी के साथ फॉर्मूले का MOU साइन करने की कोशिश कर रहा है. इसे बनाने में 45 से 50 दिन का समय लगा था. इसे ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के किंडवन द्वारा बनाया गया है. खास बात ये है कि आम के पत्ते साल भर उपलब्ध रहते हैं, जिससे ये शराब किसी भी सीजन में बनाई जा सकती है.

प्रोफेसर ने बताया कि आम के पत्तों की शराब में मैंगो फैरीज होता है. जिससे डायबिटीज की रोकथाम होती है, शरीर का फैट कम होता है, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, इसलिए ये मरीजों के लिए अत्यंत लाभदायक हैं.

Intro:ग्वालियर - ग्वालियर जिले की जीवाजी यूनिवर्सिटी में हेल्थ डिपार्टमेंट के छात्रों ने आम के पत्तों से शराब बनाई है। शराब में 15 से 20 फ़ीसदी तक अल्कोहल शामिल किया है। यह शराब डायबिटीज की रोकथाम , कैंसर को कम करने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है। आम के पत्तों से शराब तैयार करने का फॉर्मूला बनाने वाली प्रोफेसर जीवीकेएस प्रसाद और शोध छात्रा रूपाली दत्त ने 6 महीने तक डायबिटीज के मरीजों पर परीक्षण किया था तो यह शराब उन मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हुई । जेयू प्रबंधन अब इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए किसी कंपनी के साथ फार्मूले का एमओयू साइन करने का प्रयास कर रहा है जल्द ही अगर कोई कंपनी साइन करती है तो यह शराब आम लोगों की बीमारियों से निजात दिलाएगी।


Body:बता दे जीवन यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर प्रभारी जी बी के एस प्रसाद और कुछ छात्रों ने आम के पत्तों पर शोध कर शराब तैयार की है आम के पत्तों से शराब 6 महीने तक लगातार किये गए प्रयोग के बाद बनाई गई है जो यह शरीर को निरोगी रखने के लिए लाभदायक है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है। इसके निर्माण में 45 से 50 दिन का समय लगा था इसे ग्लूकोस कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के किंडवन के द्वारा बनाया गया है। खास बात यह है की आम के पत्ते पूरे साल भर उपलब्ध रहते हैं जिससे यह सर आप किसी भी सीजन में बनाई जा सकती है। प्रोफेसर ने बताया कि आम के पत्तों की शराब में मैंगो फैरीज होता है। इससे डायबिटीज की रोकथाम होती है शरीर का फैट कम होता है इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी होती है। इसलिए मरीजों के लिए अत्यंत ही लाभदायक है



Conclusion:बाईट - जेबीकेएस प्रसाद , प्रोपेसेर

बाईट - दत्ता , शोध छात्रा
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