ग्वालियर। एसटीएफ की टीम ने खाद्य विभाग के साथ मिलकर नारियल के बुरादे में केमिकल, अरारोट, ग्लूकोस और रवा मिलाकर नारियल पावडर बनाने का धंधा पकड़ा है. गोरखधंधा यातायात नगर में सिद्धेश्वर फूड्स नाम के कारखाने में मजदूर सड़े बुरादे को कैमिकल से साफ कर अलग-अलग कंपनियों के नाम से उसकी पैकिंग कर रहे थे. जिसे लेकर खाद्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
सड़े बुरादे को किया जाता है चमकदार और खुशबूदार
दरअसल ग्वालियर एसटीएफ को सूचना मिली थी कि यातायात नगर मे सिद्धेश्वर फूड्स नाम के कारखाने में गोरखधंधा चल रहा है. जब एसटीएफ ने खाद्य विभाग की सूचना कर कारखाने में रेड मारी तो, पता चला कि यहां कारखाना सुनील जेसवानी नाम के व्यक्ति का है और वहां मजदूर, सड़े बुरादे को कैमिकल से साफ करके ब्रांडेड कंपनियों के नाम से उसकी पैकिंग कर रहे थे. इस रेड में टीम को 12 कंपनियों की पैकिंग होती मिली है. रंगे हाथ पकड़े जाने पर मजदूरों ने खुलासा किया की कारखाना मालिक नारियल के उस बुरादे का इस्तेमाल करता है, जिसे कबाड़ में फेंका जाता है. उसे यहां लाकर केमिकल के जरिए चमक और खुशबूदार बनाकर इसे मिठाइयां और खाने पीने सामान बनाने में इस्तेमाल करने लायक बताकर बेचा जाता है.
पड़ताल में सामने आया कि कारखाने में नारियल पाउडर मंगाया जा रहा है. वो कबाड़ के भाव आता है. लेकिन उसे असली पावडर बताकर करीब 400 रु. किलो तक बेचा जाता है. वहीं तलााशी में जो सामान मिला उसे जब्त कर लिया गया है. खाद्य विभाग ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है. रिपोर्ट आने पर इस कारखाना संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.