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ग्वालियर जू प्रबंधन ने की पशु-पक्षियों के डायट चार्ट में बदलाव, गर्मी से राहत के लिए लगाए कूलर - चिड़ियाघर में कूलर लगा

ग्वालियर के चिड़ियाघर में प्रबंधन ने पशु-पक्षियों की डाइट में बदलाव किया है. साथ ही गर्मी से राहत दिलाने के लिए कूलर लगाए गए हैं. यहां आने वाले सैलानियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं.

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Published : May 15, 2019, 1:44 PM IST

ग्वालियर। मौसम में हो रहे बदलाव के चलते गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर प्रबंधन ने पशु-पक्षियों की फीडिंग डाइट में बदलाव किया है. साथ ही वन्य प्राणियों को गर्मी से बचाने के लिए खस की टटिया और स्प्रिंकलर चलाकर राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.


आने वाले दिनों में तापमान में होने वाली वृद्धि को देखते हुए बाघ, तेंदुआ, भालू और बाकी जानवरों के पिंजरे में कूलर लगा दिया गया है. साथ ही सैलानियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए भी वॉटर कूलर का इंतजाम किया गया है. चिड़ियाघर प्रभारी और चिकित्सक डॉ उपेंद्र यादव के अनुसार मौसम में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए जानवरों के पिंजरे के अंदर लगाए गए हिटिंग बल्ब्स शुरुआती गर्मी के दौर में ही हटा दिये गये हैं.

चिड़ियाघर प्रबंधन ने की व्यवस्था


साथ ही जानवरों की डाइट में भी परिवर्तन करते हुए उन्हें ऐसा आहार दिया जा रहा है, जिससे उनके शरीर में गर्मी के चलते पानी की कमी ना हो. जू प्रबंधन ने सैलानियों के लिए चिड़ियाघर परिसर के अंदर शेड लगाई गई है. वहीं दो अतिरिक्त वॉटर कूलर के लिए भी प्रस्ताव ऊपर के अधिकारियों को भेज दिया गया है.


बता दें कि बीते साल ग्वालियर अंचल में तापमान 47 डिग्री से ऊपर पहुंच गया था, जिसके चलते चिड़ियाघर प्रबंधन ने पशु-पक्षियों की देखभाल के लिए व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया है.

ग्वालियर। मौसम में हो रहे बदलाव के चलते गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर प्रबंधन ने पशु-पक्षियों की फीडिंग डाइट में बदलाव किया है. साथ ही वन्य प्राणियों को गर्मी से बचाने के लिए खस की टटिया और स्प्रिंकलर चलाकर राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.


आने वाले दिनों में तापमान में होने वाली वृद्धि को देखते हुए बाघ, तेंदुआ, भालू और बाकी जानवरों के पिंजरे में कूलर लगा दिया गया है. साथ ही सैलानियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए भी वॉटर कूलर का इंतजाम किया गया है. चिड़ियाघर प्रभारी और चिकित्सक डॉ उपेंद्र यादव के अनुसार मौसम में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए जानवरों के पिंजरे के अंदर लगाए गए हिटिंग बल्ब्स शुरुआती गर्मी के दौर में ही हटा दिये गये हैं.

चिड़ियाघर प्रबंधन ने की व्यवस्था


साथ ही जानवरों की डाइट में भी परिवर्तन करते हुए उन्हें ऐसा आहार दिया जा रहा है, जिससे उनके शरीर में गर्मी के चलते पानी की कमी ना हो. जू प्रबंधन ने सैलानियों के लिए चिड़ियाघर परिसर के अंदर शेड लगाई गई है. वहीं दो अतिरिक्त वॉटर कूलर के लिए भी प्रस्ताव ऊपर के अधिकारियों को भेज दिया गया है.


बता दें कि बीते साल ग्वालियर अंचल में तापमान 47 डिग्री से ऊपर पहुंच गया था, जिसके चलते चिड़ियाघर प्रबंधन ने पशु-पक्षियों की देखभाल के लिए व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया है.

Intro:एंकर-- ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर प्रबंधन द्वारा मौसम में हो रहे बदलाव को देखते हुए चिड़ियाघर के अंदर मौजूदा पशु पक्षियों की फीडिंग डाइट मैं बदलाव के साथ ही गर्मी से बचाव हेतु खसखस की टटिया व स्प्रिंगर चलाकर राहत प्रदान करना शुरू कर दी गई है वहीं आने वाले दिनों में तापमान में होने वाली और अधिक वृद्धि को देखते हुए बाघ तेंदुआ भालू आदि के लिए कूलरो को लगा दिया गया है। साथ ही सैलानियों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए भी विशेष बैठने के इंतजाम व वाटर कूलर ओं दुरुस्त करा दिया गया है।



Body:वीओ-- चिड़ियाघर प्रभारी एवं चिकित्सक डॉ उपेंद्र यादव के अनुसार मौसम में हो रहे परिवर्तन को देखते हुए जानवरों के पिंजरा के अंदर लगाए गए हिटिंग बल्ब्स शुरुआती गर्मी के दौर में ही हटा दिये गये है साथ ही जानवरों की डाइट में भी परिवर्तन करते हुए उन्हें ऐसा आहार प्रदान किया जा रहा है जिससे उनके शरीर में गर्मी के चलते पानी की कमी ना हो।जू प्रबंधन द्वारा आने वाले सैलानियों को गर्मी के मौसम में दिक्कत ना हो इसके चलते चिड़ियाघर परिसर के अंदर शैड लगी हुई बैठक व्यवस्था, ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर जैसे इंतजामात कर दिए गए हैं वहीं दो अतिरिक्त वाटर कूलर के लिए भी प्रस्ताव ऊपर के अधिकारियों को भेज दिया गया है।
Conclusion:वीओ-- आपको बता दें कि बीते वर्ष ग्वालियर अंचल में तापमान 47 डिग्री से ऊपर पहुंच गया था जिसके चलते चिड़ियाघर प्रबंधन द्वारा पशु और पक्षियों की देखभाल व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया है और धीरे-धीरे उन्हें खाने से लेकर रहने तक की सभी व्यवस्थाओं में गर्मी के अनुसार साधन व आहार उपलब्ध कराया जाने लगा है


बाइट--डॉ उपेन्द्र यादव--जू प्रभारी एवं चिकित्सक
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