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घूसखोर सफाई दरोगा रंगे हाथ गिरफ्तार, कर्मचारी से वेतन निकालने की एवज में की रिश्वत की डिमांड - safai daroga arrested

रिश्वतखोरी के मामले में ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. अचानक पड़े छापे से भौंचक्के सफाई दरोगा ने पहले तो टीम के साथ बदसलूकी की फिर सच्चाई जाहिर होने पर बगले झांकने लगा.

caught red handed
घूसखोर सफाई दरोगा
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Published : Jul 15, 2021, 2:31 PM IST

ग्वालियर। जिले की लोकायुक्त पुलिस ने नगर निगम के सफाई दरोगा को 5000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. 3 साल से लटकी अपनी पगार को लेकर सफाई कर्मचारी से दरोगा ने यह रिश्वत मांगी थी.

लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी सफाई दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक सफाई कर्मचारी लक्ष्मण का 2018 में दो महीने का वेतन किसी कारण से रुका हुआ है. जिसको निकलवाने के लिए सफाई दरोगा अशोक धवल 10 हजार रुपए की डिमांड कर रहा था.

सफाई दरोगा अशोक धवल निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण में सीएसआई(CSI) के पद पर हैं. सफाई दरोगा से कर्मचारी लक्ष्मण का रुका वेतन निकलवाने का सौदा 5 हजार रुपए में तय हो गया था. जिसके बाद मामले की जानकारी लोकायुक्त को दी गई.

लोकायुक्त की टीम ने पहले सफाई दरोगा को ट्रैप किया. जिसके बाद पड़ाव स्थित डफरन सराय निगम वार्ड कार्यालय से उसे रंगे हाथों सफाई कर्मचारी से 5 हजार रुपए की रिश्वत देते दबोच लिया. इस औचक छापेमारी से अनभिज्ञ घूसखोर दरोगा बहस करने लगा, हालांकि जब उसे सच्चाई का पता चला तो उसके होश उड़ गए.

प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है, कि सफाई दरोगा हाजिरी लगाने के एवज में भी सफाई कर्मचारियों से 1 से 2 हजार रुपए हर महीने लिया करता था. फिलहाल अब सफाई दरोगा पर लोकायुक्त का शिकंजा कस गया है और कार्रवाई की जा रही है.

ग्वालियर। जिले की लोकायुक्त पुलिस ने नगर निगम के सफाई दरोगा को 5000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. 3 साल से लटकी अपनी पगार को लेकर सफाई कर्मचारी से दरोगा ने यह रिश्वत मांगी थी.

लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी सफाई दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक सफाई कर्मचारी लक्ष्मण का 2018 में दो महीने का वेतन किसी कारण से रुका हुआ है. जिसको निकलवाने के लिए सफाई दरोगा अशोक धवल 10 हजार रुपए की डिमांड कर रहा था.

सफाई दरोगा अशोक धवल निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण में सीएसआई(CSI) के पद पर हैं. सफाई दरोगा से कर्मचारी लक्ष्मण का रुका वेतन निकलवाने का सौदा 5 हजार रुपए में तय हो गया था. जिसके बाद मामले की जानकारी लोकायुक्त को दी गई.

लोकायुक्त की टीम ने पहले सफाई दरोगा को ट्रैप किया. जिसके बाद पड़ाव स्थित डफरन सराय निगम वार्ड कार्यालय से उसे रंगे हाथों सफाई कर्मचारी से 5 हजार रुपए की रिश्वत देते दबोच लिया. इस औचक छापेमारी से अनभिज्ञ घूसखोर दरोगा बहस करने लगा, हालांकि जब उसे सच्चाई का पता चला तो उसके होश उड़ गए.

प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है, कि सफाई दरोगा हाजिरी लगाने के एवज में भी सफाई कर्मचारियों से 1 से 2 हजार रुपए हर महीने लिया करता था. फिलहाल अब सफाई दरोगा पर लोकायुक्त का शिकंजा कस गया है और कार्रवाई की जा रही है.

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