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निलंबित कर्मचारियों को हाजिरी लगाने के आदेश पर बवाल, शिक्षा विभाग ने लिया यू-टर्न - suspended officers

ग्वालियर के शिक्षा अधिकारी ने समस्त प्राचार्य को एक आदेश जारी किया, जिसमें सभी निलंबित कर्मचारियों के बैठने के लिए अलग स्थान नियत करने की बात कही गई थी. जब ये आदेश मीडिया की सुर्खियां बनी तो इसे निरस्त कर दिया गया.

Ruckus over suspended staff orders, officer withdraws order in gwalior
अधिकारी ने लिया आदेश वापस
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Published : Feb 25, 2020, 6:15 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 6:45 PM IST

ग्वालियर। अधिकारियों ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी कर दिया और जब मामले ने तूल पकड़ा तो उसे वापस भी ले लिया. ग्वालियर के शिक्षा अधिकारी ने समस्त प्राचार्य को एक आदेश जारी कर दिया, जिसमें कहा गया है कि उनकी संस्था के जो भी निलंबित कर्मचारी हैं, उनके बैठने के लिए अलग स्थान नियत किया जाए, जब निलंबित कर्मचारी वहां बैठे तो उनकी फोटो खींचकर विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में भी भेजा जाए. जैसे ही कर्मचारियों के लिए लिखी गई अपमानजनक चिट्ठी मीडिया की सुर्खियां बनी, तत्काल प्रशासन ने इस आदेश को निरस्त करने का निर्देश जारी कर दिया.

अधिकारी ने लिया आदेश वापस

लिखित निर्देश जरूर निरस्त हो गया है, लेकिन ग्वालियर के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी ये मानने को तैयार नहीं हैं कि इसमें कुछ भी गलत था? जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी का कहना है कि ये व्यवस्था पूर्व से ही चली आ रही है. निलंबित कर्मचारियों के बैठने के लिए पहले से ही डीयू और बीईओ ऑफिस में स्थान निर्धारित है. जिला शिक्षा अधिकारी का ये निर्देश तो निरस्त हो गया, लेकिन ग्वालियर कलेक्टर ने भी कुछ इसी तरह का प्रावधान कलेक्ट्रेट में किया है.

यहां निलंबित कर्मचारियों के लिए एक कक्ष निर्धारित किया गया है, जहां पर साफ-साफ लिखा है कि ये स्थान निलंबित कर्मचारियों के लिए बैठने के लिए नियत है. इसके साथ ही निलंबित कर्मचारियों के नाम की पर्ची भी वहां चिपकाई गई है.

ग्वालियर। अधिकारियों ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी कर दिया और जब मामले ने तूल पकड़ा तो उसे वापस भी ले लिया. ग्वालियर के शिक्षा अधिकारी ने समस्त प्राचार्य को एक आदेश जारी कर दिया, जिसमें कहा गया है कि उनकी संस्था के जो भी निलंबित कर्मचारी हैं, उनके बैठने के लिए अलग स्थान नियत किया जाए, जब निलंबित कर्मचारी वहां बैठे तो उनकी फोटो खींचकर विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में भी भेजा जाए. जैसे ही कर्मचारियों के लिए लिखी गई अपमानजनक चिट्ठी मीडिया की सुर्खियां बनी, तत्काल प्रशासन ने इस आदेश को निरस्त करने का निर्देश जारी कर दिया.

अधिकारी ने लिया आदेश वापस

लिखित निर्देश जरूर निरस्त हो गया है, लेकिन ग्वालियर के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी ये मानने को तैयार नहीं हैं कि इसमें कुछ भी गलत था? जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी का कहना है कि ये व्यवस्था पूर्व से ही चली आ रही है. निलंबित कर्मचारियों के बैठने के लिए पहले से ही डीयू और बीईओ ऑफिस में स्थान निर्धारित है. जिला शिक्षा अधिकारी का ये निर्देश तो निरस्त हो गया, लेकिन ग्वालियर कलेक्टर ने भी कुछ इसी तरह का प्रावधान कलेक्ट्रेट में किया है.

यहां निलंबित कर्मचारियों के लिए एक कक्ष निर्धारित किया गया है, जहां पर साफ-साफ लिखा है कि ये स्थान निलंबित कर्मचारियों के लिए बैठने के लिए नियत है. इसके साथ ही निलंबित कर्मचारियों के नाम की पर्ची भी वहां चिपकाई गई है.

Last Updated : Feb 25, 2020, 6:45 PM IST
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