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RTI एक्टिविस्ट ने GRMC में असिस्टेंट प्रोफेसर जेएस नामधारी की नियुक्ति को बताया फर्जी - gwalior news

आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने शहर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जेएस नामधारी की नियुक्ति को फर्जी बताया है. आशीष चतुर्वेदी इस संबध में कई दस्तावेज मेडिकल कालेज प्रबंधन को सौंपे है.

RTI एक्टिविस्ट का आरोप
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Published : Oct 3, 2019, 10:50 PM IST

ग्वालियर। आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने शहर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जेएस नामधारी की नियुक्ति को फर्जी बताया है. आशीष चतुर्वेदी ने इस संबंध में कई दस्तावेज मेडिकल कालेज प्रबंधन को सौंपे हैं. इनमें वह दस्तावेज भी शामिल है, जो पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा डॉ. नामधारी के समर्थन में लिखा गया था और उन्हें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था.

RTI एक्टिविस्ट का आरोप

डिप्टी कलेक्टर के एक जांच संबंधी आदेश के बाद गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी को नोटिस जारी किया था और अपनी शिकायत के संबंध में दस्तावेज सौंपने के निर्देश दिए थे. इस नोटिस के बाद आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी गुरुवार को जीआरएमसी पहुंचे और डीन डॉ. भरत जैन को पूर्व मुख्यमंत्री चौहान की लिखी नोट शीट सहित दस्तावेज सौंपे हैं.

आशीष चतुर्वेदी का कहना है कि डॉक्टर जेएस नामधारी संघ के कार्यकर्ता हैं. इसीलिए सभी नियम को ताख पर रखकर उन्हें लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण से स्वास्थ्य विभाग में 2008 में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया. बाद में उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया और रजिस्ट्रार से सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर पदोन्नति दे दी गई. यह एमआईसी के नियमों के विरुद्ध है. आशीष का आरोप है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जानी चाहिए कि, एक ही व्यक्ति को नियमों को ताक पर रखकर किस तरह से उपकृत किया जाता रहा है. वहीं मेडिकल कालेज प्रबंधन ने कहा कि प्रशासनिक आदेश के परिपालन में आशीष को नोटिस दिए गए थे और उनसे दस्तावेजी साक्ष्य जमा करा लिए गए हैं. जिन का परीक्षण किया जाएगा.

ग्वालियर। आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी ने शहर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जेएस नामधारी की नियुक्ति को फर्जी बताया है. आशीष चतुर्वेदी ने इस संबंध में कई दस्तावेज मेडिकल कालेज प्रबंधन को सौंपे हैं. इनमें वह दस्तावेज भी शामिल है, जो पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा डॉ. नामधारी के समर्थन में लिखा गया था और उन्हें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था.

RTI एक्टिविस्ट का आरोप

डिप्टी कलेक्टर के एक जांच संबंधी आदेश के बाद गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी को नोटिस जारी किया था और अपनी शिकायत के संबंध में दस्तावेज सौंपने के निर्देश दिए थे. इस नोटिस के बाद आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी गुरुवार को जीआरएमसी पहुंचे और डीन डॉ. भरत जैन को पूर्व मुख्यमंत्री चौहान की लिखी नोट शीट सहित दस्तावेज सौंपे हैं.

आशीष चतुर्वेदी का कहना है कि डॉक्टर जेएस नामधारी संघ के कार्यकर्ता हैं. इसीलिए सभी नियम को ताख पर रखकर उन्हें लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण से स्वास्थ्य विभाग में 2008 में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया. बाद में उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया और रजिस्ट्रार से सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर पदोन्नति दे दी गई. यह एमआईसी के नियमों के विरुद्ध है. आशीष का आरोप है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जानी चाहिए कि, एक ही व्यक्ति को नियमों को ताक पर रखकर किस तरह से उपकृत किया जाता रहा है. वहीं मेडिकल कालेज प्रबंधन ने कहा कि प्रशासनिक आदेश के परिपालन में आशीष को नोटिस दिए गए थे और उनसे दस्तावेजी साक्ष्य जमा करा लिए गए हैं. जिन का परीक्षण किया जाएगा.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर जेएस नामधारी की नियुक्ति को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता ने कई दस्तावेज मेडिकल कालेज प्रबंधन को सौंपे है इनमें वह दस्तावेज भी शामिल है जो पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा डॉ नामधारी के समर्थन में लिखा गया था और उन्हें लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था।


Body:दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगता है एक बार फिर घेरने की तैयारी शुरू हो गई है डिप्टी कलेक्टर के एक जांच संबंधी आदेश के बाद गजरा राजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी को नोटिस जारी किया था और अपनी शिकायत के संबंध में दस्तावेज सौंपने के निर्देश दिए थे इस नोटिस के बाद आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी गुरुवार को जीआरएमसी पहुंचे और डीन डॉ भरत जैन को पूर्व मुख्यमंत्री चौहान की लिखी नोट शीट सहित को दस्तावेज सौंपे है।


Conclusion:आशीष का कहना है कि डॉक्टर जेएस नामधारी संघ के कार्यकर्ता है इसीलिए सभी नियम और कायदे को ताक पर रखकर उन्हें लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण से स्वास्थ्य विभाग में 2008 में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया बाद में उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया और रजिस्ट्रार से सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर पदोन्नति दे दी गई। यह एम आई सी के नियमों के विरुद्ध है। आशीष का आरोप है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जानी चाहिए कि एक ही व्यक्ति को नियमों को ताक पर रखकर किस तरह से उपकृत किया जाता रहा है। वहीं मेडिकल कालेज प्रबंधन ने कहा कि प्रशासनिक आदेश के परिपालन में आशीष को नोटिस दिए गए थे और उनसे दस्तावेजी साक्ष्य जमा करा लिए गए हैं जिन का परीक्षण किया जाएगा।
बाइट आशीष चतुर्वेदी आरटीआई कार्यकर्ता
बाइट डा भरत जैन डीन गजराराजा राजा मेडिकल कॉलेज
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