ETV Bharat / state

ग्वालियर की सबसे बड़ी गौशाला का रियलटी चेक, सर्दी में खुला आसमान बना गायों का आशियाना

शिवराज सरकार ने गोधन संरक्षण और संवर्धन के लिए 'गौ कैबिनेट' का गठन किया है, जिसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ग्वालियर की सबसे बड़ी गौशाला की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने पहुंची.

gwalior
ग्वालियर
author img

By

Published : Nov 19, 2020, 12:55 PM IST

ग्वालियर। गायों की रक्षा और सुरक्षा के लिए अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार गोधन संरक्षण और संवर्धन के लिए 'गौ कैबिनेट' गठित करने का निर्णय ली है. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ग्वालियर की सबसे बड़ी गौशाला में पहुंची, जहां गायों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

ग्वालियर की सबसे बड़ी गौशाला का रियलटी चेक
अस्थाई गौशाला में एक हजार से ज्यादा गाय

ग्वालियर शहर के बीचो बीच बनी अस्थाई गौशाला में करीब एक हजार से अधिक गायें रहती हैं, इस गौशाला की देखरेख करने के लिए संत समाज को जिम्मेदारी दी गई है, जहां महंत हरदास गिरी देखभाल करते हैं. साथ ही इस गौशाला की नगर निगम की तरफ से भी देखभाल की जाती है. नगर निगम के सहयोग से यहां गायों के लिए चारा और भूसे की व्यवस्था की जाती है. इस गौशाला में गायों के लिए जनभागीदारी भी काफी महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि यहां पर लोग भूसा और गायों की देखरेख के लिए रूपये भी दान करते हैं.

कब कारगर होगी सरकार की कोशिश ?

गौशाला की देखरेख करने वाले महंत हरिदास गिरी ने गौ कैबिनेट को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से 22 नवंबर को बैठक में बुलाया गया है, लेकिन बैठक और चर्चाएं, आयोग और गठन शुरू से होता आया है, लेकिन धरातल पर कब देखने को मिलेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हर सरकार गौवंश की सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी योजनाएं लाती है, उनका धरातल पर कोई उपयोग देखने को नहीं मिलता है.

'कमलनाथ गौवंश के लिए किए थे अच्छे काम'

महंत हरिदास गिरी ने ईटीवी भारत से कहा कि कमलनाथ सरकार गायों के लिए कुछ अच्छा काम की थी, लेकिन जिला प्रशासन का कम सहयोग मिलने के कारण व्यवस्थाएं पूरी तरह ठीक नहीं हो पाई. हालांकि, जिला प्रशासन से मदद मिल रही है, लेकिन ठंड का मौसम आ गया है और इस ठंड के मौसम में गायों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं है.

लाल टिपारा गौशाला में 7 हजार गौवंश

अंचल की सबसे बड़ी लाल टिपारा गौशाला में 7 हजार गायें हैं, लेकिन इनके लिए टीन शेड की व्यवस्था नहीं होने के कारण ठंड में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही बारिश के समय भी गायों को काफी परेशानी होती है. गौशाला में गायों की संख्या अधिक होने के कारण गौवंश को अस्थाई गौशाला में रखा गया है. इस अस्थाई गौशाला में भी एक हजार से अधिक गौवंश है.

सड़कों पर घूम रहे हैं गोवंश

अंचल की सबसे बड़ी लाल टिपारा गौशाला और अस्थाई गौशाला होने के बावजूद भी सैकड़ों की संख्या में गौवंश सड़कों पर घूमता नजर आता है. यही वजह है कि गौवंश दुर्घटना के शिकार होते हैं और वाहनों की टक्कर से घायल हो जाते हैं, जबकि कितने की मौत तक हो जाती है, लेकिन प्रशासन और नगर निगम की तरफ से इन गायों को गौशाला में छोड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है.

गौ-कैबिनेट में ये मंत्री बनाए गए सदस्य

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गौ कैबिनेट का गठन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट में पांच मंत्री सदस्य होंगे. मंत्री परिषद की पहली बैठक गोपाष्टमी 22 नवंबर को आगर स्थित गौ अभयारण्य में होगी. शिवराज सिंह चौहान के एलान के साथ ही गौ कैबिनेट का गठन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पांच मंत्रियों को इसका सदस्य बनाया गया है. इसमें गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल को सदस्य बनाया गया है.

ग्वालियर। गायों की रक्षा और सुरक्षा के लिए अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार गोधन संरक्षण और संवर्धन के लिए 'गौ कैबिनेट' गठित करने का निर्णय ली है. जिसके बाद ईटीवी भारत की टीम ग्वालियर की सबसे बड़ी गौशाला में पहुंची, जहां गायों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

ग्वालियर की सबसे बड़ी गौशाला का रियलटी चेक
अस्थाई गौशाला में एक हजार से ज्यादा गाय

ग्वालियर शहर के बीचो बीच बनी अस्थाई गौशाला में करीब एक हजार से अधिक गायें रहती हैं, इस गौशाला की देखरेख करने के लिए संत समाज को जिम्मेदारी दी गई है, जहां महंत हरदास गिरी देखभाल करते हैं. साथ ही इस गौशाला की नगर निगम की तरफ से भी देखभाल की जाती है. नगर निगम के सहयोग से यहां गायों के लिए चारा और भूसे की व्यवस्था की जाती है. इस गौशाला में गायों के लिए जनभागीदारी भी काफी महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि यहां पर लोग भूसा और गायों की देखरेख के लिए रूपये भी दान करते हैं.

कब कारगर होगी सरकार की कोशिश ?

गौशाला की देखरेख करने वाले महंत हरिदास गिरी ने गौ कैबिनेट को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से 22 नवंबर को बैठक में बुलाया गया है, लेकिन बैठक और चर्चाएं, आयोग और गठन शुरू से होता आया है, लेकिन धरातल पर कब देखने को मिलेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हर सरकार गौवंश की सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी योजनाएं लाती है, उनका धरातल पर कोई उपयोग देखने को नहीं मिलता है.

'कमलनाथ गौवंश के लिए किए थे अच्छे काम'

महंत हरिदास गिरी ने ईटीवी भारत से कहा कि कमलनाथ सरकार गायों के लिए कुछ अच्छा काम की थी, लेकिन जिला प्रशासन का कम सहयोग मिलने के कारण व्यवस्थाएं पूरी तरह ठीक नहीं हो पाई. हालांकि, जिला प्रशासन से मदद मिल रही है, लेकिन ठंड का मौसम आ गया है और इस ठंड के मौसम में गायों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं है.

लाल टिपारा गौशाला में 7 हजार गौवंश

अंचल की सबसे बड़ी लाल टिपारा गौशाला में 7 हजार गायें हैं, लेकिन इनके लिए टीन शेड की व्यवस्था नहीं होने के कारण ठंड में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही बारिश के समय भी गायों को काफी परेशानी होती है. गौशाला में गायों की संख्या अधिक होने के कारण गौवंश को अस्थाई गौशाला में रखा गया है. इस अस्थाई गौशाला में भी एक हजार से अधिक गौवंश है.

सड़कों पर घूम रहे हैं गोवंश

अंचल की सबसे बड़ी लाल टिपारा गौशाला और अस्थाई गौशाला होने के बावजूद भी सैकड़ों की संख्या में गौवंश सड़कों पर घूमता नजर आता है. यही वजह है कि गौवंश दुर्घटना के शिकार होते हैं और वाहनों की टक्कर से घायल हो जाते हैं, जबकि कितने की मौत तक हो जाती है, लेकिन प्रशासन और नगर निगम की तरफ से इन गायों को गौशाला में छोड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है.

गौ-कैबिनेट में ये मंत्री बनाए गए सदस्य

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गौ कैबिनेट का गठन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट में पांच मंत्री सदस्य होंगे. मंत्री परिषद की पहली बैठक गोपाष्टमी 22 नवंबर को आगर स्थित गौ अभयारण्य में होगी. शिवराज सिंह चौहान के एलान के साथ ही गौ कैबिनेट का गठन कर दिया गया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पांच मंत्रियों को इसका सदस्य बनाया गया है. इसमें गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल को सदस्य बनाया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.