ग्वालियर। 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया था. जिसमें बीमा कंपनियों और बैंकों के निजीकरण करने का ऐलान किया गया. जिसके खिलाफ बैंक की कर्मचारी यूनियन और एलआईसी के कर्मचारी एकजुट हो रहे हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सिटी सेंटर स्थित भारतीय स्टेट बैंक पर जमकर प्रदर्शन किया गया और सरकार की नीयत पर सवाल उठाए.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन का प्रदर्शन
बैंक कर्मचारियों ने सिटी सेंटर स्थित एसबीआई के जोनल ऑफिस पर देर शाम प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को आम बजट में की गई घोषणा के साथ ही देश के 2 सरकारी बैंकों के निजीकरण बैंकों के एनपीए की वसूली के लिए प्राइवेट कंपनी को ठेका देने पर गंभीर सवाल उठाए गए. कर्मचारियों का कहना है कि यह निजीकरण की दिशा में केंद्र सरकार का एक और कदम है.
आंदोलन की दी चेतावनी
इसी तरह बैंक कर्मचारियों का कहना है कि भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार की हिस्सेदारी को निरंतर कम किया जा रहा है और विदेशी निवेश को इसमें 79 फीसदी तक बढ़ाया जा रहा है. यह भी निजीकरण की दिशा में एक बडा कदम है. बैंक कर्मचारियों ने कहा है कि यदि सरकार ने अपने प्रस्ताव को वापस नहीं लिया तो उनका आंदोलन दिन पर दिन तेज होगा.