ग्वालियर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब केवल 4 माह बचे हैं. ऐसे में प्रदेश के प्रमुख दोनों दल कांग्रेस व बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. महाकौशल में रैली करने के बाद प्रियंका गांधी अब ग्वालियर में 21 जुलाई को आ रही हैं. पहली बार प्रियंका गांधी सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में पहुंच रही हैं. सबसे पहले प्रियंका गांधी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर पहुंचकर आशीर्वाद लेकर पुष्पांजलि अर्पित करेंगी. इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल पर पहुंच रहा है. इससे पहले गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां नहीं पहुंचा. (Priyanka Gandhi Visit Gwalior)
पिछले साल सिंधिया भी पहुंचे समाधि स्थल : वीरांगना लक्ष्मीबाई के साथ गद्दारी के आरोप को देखते हुए सिंधिया परिवार का कोई सदस्य कभी समाधिस्थल पर नहीं गया. लेकिन साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली. इसके बाद कुछ सालों से गद्दारी के मुद्दे पर आक्राम बयानबाजी करने वाले बीजेपी नेता बैकफुट पर आ गए. वहीं कांग्रेस अब इस मुद्दे पर हमलावर हो गई. अब कांग्रेस के प्रदेश स्तर से लेकर केंद्र स्तर के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दारी के मुद्दे पर घेर रहे हैं. हालांकि पिछले साल ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की थी. इस प्रकार सिंधिया घराने का कोई सदस्य पहली बार समाधिस्थल पर पहुंचा .
पहली बार गांधी परिवार का सदस्य समाधिस्थल पर : गांधी-नेहरू परिवार से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, राजीव गांधी, राहुल गांधी ग्वालियर में कई बार आए. इस दौरान उनके कार्यक्रम भी आयोजित हुए. लेकिन ये लोग कभी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधिस्थल नहीं गए. लेकिन अब पहली बार गांधी परिवार का सदस्य यानी प्रियंका गांधी रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर जा रही हैं. वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो गांधी परिवार और सिंधिया परिवार की हमेशा से गहरा नाता रहा है. माना जा रहा है इसलिए गांधी परिवार का कोई सदस्य समाधि स्थल पर नहीं गया. (Priyanka Gandhi Visit Gwalior)
सिंधिया घराने पर गद्दारी का ठप्पा : इतिहास के अनुसार 1857 की पहली क्रांति की नायिका रानी लक्ष्मीबाई जब अंग्रेजों से लड़ते हुए ग्वालियर तक पहुंच गईं तो उन्हें उम्मीद थी कि सिंधिया सरकार उनकी मदद करेगी. लेकिन तत्कालीन सिंधिया महाराज और उनका परिवार ग्वालियर किला छोड़कर चला गया. ग्वालियर किले पर कुछ दिनों तक लक्ष्मीबाई और विद्रोहियों का संघर्ष हुआ. हार देखते रानी लक्ष्मी बाई को अपने प्राण त्यागने पड़े. इसके बाद अंग्रेजों ने ग्वालियर की सरकार उन्हें तत्कालीन सिंधिया शासकों को सौंप दी. उसके बाद से ही सिंधिया परिवार पर ये आरोप लगने लगा कि उन्होंने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के साथ गद्दारी की. इसके बाद से ही सिंधिया परिवार ने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल से दूरी बना ली थी.
ये खबरें भी पढ़ें... |
अब बदल गए हैं समीकरण : गौरतलब है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया जब तक जीवित रहीं, तब तक बीजेपी नेता सिंधिया परिवार द्वारा रानी लक्ष्मीबाई के साथ की गई गद्दारी को लेकर कुछ भी कहने से बचते रहे. राजमाता के निधन के बाद बीजेपी के कुछ नेता सिंधिया परिवार पर इस मामले को लेकर हमलावर होने लगे. क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के उस समय बड़े नेता माने जाते थे. लेकिन जैसे ही ज्योतिरादित्य ने बीजेपी का दामन थामा तो अब कांग्रेस के नेता गद्दारी के मुद्दे पर सिंधिया को लगातार घेर रहे हैं. माना जा रहा है कि 21 जुलाई को ग्वालियर में प्रियंका गांधी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर पहुंचेंगी और वहां पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सभा में सिंधिया परिवार के गद्दारी वाले मुद्दे पर दहाड़ेंगी. (Priyanka Gandhi Visit Gwalior)