ग्वालियर। उपचुनाव में वोटिंग के बाद राजनीतिक दलों ने चैन की सांस ली है. अब उन्हें 10 तारीख को रिजल्ट का इंतजार है. इसी बीच ग्वालियर चंबल में बीते एक महीने में धुआंधार प्रचार में लगे कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बुधवार सुबह से ही रिलैक्स मूड में नजर आए. कैबिनेट मंत्री ने सुबह उठने के बाद मंदिर में पूजा की और मां का आशीर्वाद लिया. इसके बाद अपने इलाके की जनता से मिलने के लिए साइकिल से ही घर से निकले और लोगों से उनका हालचाल जाना. तोमर इस दौरान अपने साथियों और कार्यकर्ताओं के साथ पोहा और चाय की चुस्की लेते हुए नजर आए. इस दौरान ईटीवी भारत से कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बात की और मतदान समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की.
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जताया जनता पर भरोसा
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उनके लिए जनता भगवान की तरह है. उन्हें उम्मीद है कि जनता ने भरपूर आशीर्वाद दिया है. मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से सवाल किया कि उन्हें चुनावी नतीजों को लेकर कोई प्रेशर है, तो उन्होंने कहा कि नतीजे का प्रेशर उन नेताओं के लिए होता है, जो जनता के बीच में नहीं जाते हैं. मुझे कोई चिंता नहीं है. मेरा तो चुनाव जनता तो जनता ने लिया है. 10 नवंबर को जो नतीजे आएंगे, उसमें जनता की विजय होगी.
दो दफा जीत चुके हैं चुनाव
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. इस सीट से अब तक वो दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. वहीं इस बार उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा है. तोमर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का हाथ थामा था.
आमने सामने रहे सिंधिया के करीबी
2018 में कांग्रेस में रहे प्रद्युमन सिंह तोमर ने बीजेपी के दिग्गज नेता जयभान सिंह पवैया को 20 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था. लेकिन बदली परस्थितियों में तोमर अब बीजेपी के प्रत्याशी हैं. तो कांग्रेस ने उनके खिलाफ यहां कभी सिंधिया के करीबी रहे सुनील शर्मा को मैदान में उतारा है.
ग्वालियर विधानसभा सीट का इतिहास
ग्वालियर विधानसभा सीट के सियासी इतिहास की बात की जाए तो 1957 से अस्तित्व में आई, इस सीट पर कभी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा. कांग्रेस और बीजेपी समय-समय पर यहां जीत दर्ज करती रही है. अब तक ग्वालियर विधानसभा सीट पर 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 6 बार जनसंघ और बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. तो पांच बार बाजी कांग्रेस के हाथ लगी. जबकि तीन बार अन्य दलों के प्रत्याशियों को जीत का स्वाद मिला.
ग्वालियर विधानसभा के जातिगत समीकरण
ग्वालियर विधानसभा ब्राह्मण और क्षत्रिय बाहुल्य क्षेत्र है. लेकिन शहरी आबादी होने की वजह से इस सीट पर ओबीसी, अनुसूचित जाति के साथ अन्य जातियां भी प्रभावी भूमिका में नजर आती है. ब्राह्मण और क्षत्रिय लगभग 30 से 35 मतदाता हैं. लिहाजा बीजेपी ने क्षत्रिय वर्ग के प्रत्याशी को टिकट दिया है. तो वहीं कांग्रेस ने ब्राह्मण वर्ग के प्रत्याशी को मैदान में उतारा है