ग्वालियर। चंबल अंचल में महिला अपराधों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने नया तरीका निकाला है. छेड़छाड़, अश्लील कमेंट, प्रताड़ना, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस ने 'बेटी की पेटी' लॉन्च की है. स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, कोचिंग, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मंदिर और सार्वजनिक चौराहे पर 'बेटी की पेटी' लगवाना शुरू कर दिया है. इस पेटी में छात्राएं, महिलाएं अपनी शिकायतें लिखकर डाल सकती हैं. इन शिकायतों के आधार पर पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई करेगी.
ग्वालियर रेंज के आईजी एडीजीपी राजा बाबू सिंह ने 'बेटी की पेटी' की शुरुआत की है. ग्वालियर के साथ ही शिवपुरी, दतिया, गुना, अशोकनगर जिले में बेटी की पेटियां लगाई जा रही हैं. जानकारी के मुताबिक, थानों में रोजाना शाम को पेटी खुलेगी और शिकायतों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पूरे संभाग की 'बेटी की पेटी' में आई शिकायतों के निवारण और रणनीति का ब्योरा रोजाना एडीजीपी राजा बाबू के पास पहुंचेगा.
लगातार बढ़ रहा महिला अपराध का ग्राफ
ग्वालियर में महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. जिले में 24 घंटे में अलग-अलग स्थानों में छेड़छाड़, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज, अपहरण और रेप के लगभग 12 मामले दर्ज हुए. यही वजह है कि जब पुलिस ने 'बेटी की पेटी' योजना की पहल की तो छात्राओं, युवतियों और महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई.
एक नजर यहां भी
जिले में महिला अपराध पर नजर डालें तो जनवरी से अक्टूबर तक 10 महीने में 339 छेड़छाड़ की घटनाएं और 143 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं. इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि ग्वालियर में महिला अपराध किस कदर बढ़ रहा है. पुलिस को उम्मीद है कि 'बेटी की पेटी' के सहारे बढ़ते महिला अपराध पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकेगी.