ग्वालियर। नकली प्लाज्मा केस के उजागर होने के बाद एक बार फिर ग्वालियर शहर में स्वास्थ्य मंत्रालय की आड़ में ठगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस बार दो ठगों ने मिलकर एक निजी पैथोलॉजी लैब के संचालक के अपने जाल में फंसाया और उससे 70 लाख रुपए की मांग की. जिसके बाद लैब संचालक ने ठगों को 39 लाख रुपए दे दिए. फिलहाल इस मामले में पुलिस ने दोनों ठगी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
जानें मामला
राधास्वामी ब्लड बैंक के संचालक कप्तान सिंह कुशवाहा को उनके दोस्त ने ठगा है. पैथोलॉजी लैब संचालक के परिचित देवेंद्र कोली ने इटावा में रहने वाले एक कथित दोस्त डॉक्टर विवेक चक्रवर्ती को बड़ा अधिकारी बताते हुए, उसकी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय में गहरी पैठ बताई थी. इस कारण लैब संचालक उनके झांसे में आ गए और 39 लाख रुपए दे दिए. पैसे देने के बाद वो बेफिक्र होकर अपना कारोबार कर रहे थे.
परिवार सहित जेल जाने की दी थी धमकी
जानकारी के मुताबिक लैब संचालक को ठगों ने परिवार सहित जेल जाने और लैब हमेशा के लिए सील होने की बात कही थी.
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कैसे हुआ खुलासा
8 जनवरी को संचालक कप्तान सिंह कुशवाहा के लैब पर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा. कार्रवाई के दौरान करीब 100 बैग प्लाज्मा का हिसाब-किताब नहीं देने पर उनके खिलाफ नोटिस जारी किया. साथ ही लैब को भी सील कर दिया. तब उन्होंने इस मामले का खुलासा पुलिस के सामने किया. अब पुलिस ने देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है और दूसरे साथी विवेक चक्रवर्ती को भी हिरासत में ले लिया गया है, लेकिन नकद रुपयों का कोई पता नहीं है.
ग्वालियर में कैसे हुआ नकली प्लाजमा का खुलासा
ग्वालियर में नकली प्लाज्मा के कारण दतिया से इलाज कराने आए मनोज गुप्ता की मौत हो गई थी. उनकी मौत पर परिजनों ने डॉक्टरों द्वारा इलाज में लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई गई थी. जब मृतक का पोस्टमार्टम किया गया, तो खुलासा हुआ कि नकली प्लाज्मा के कारण उनकी मौत हुई है. जिसके बाद नकली प्लाज्मा बेचने के रैकेट का खुलासा हुआ.
कैसे हुआ खुलासा
शहर में कोरोना संक्रमित व्यापारी मनोज तिवारी का इलाज जारी था. उनका इलाज प्लाज्मा थैरेपी के जरिए किया जा रहा था. संक्रमित व्यापारी दतिया निवासी थे, जिनका इलाज अपोलो हॉस्पिटल में जारी था. अस्पताल की ओर से मरीज के लिए प्लाज्मा की मांग की गई थी. मरीज के परिजनों ने जब प्लाज्मा की बात की अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने कहा कि वो नंबर दे रहा है, जो कि प्लाज्मा मुहैया करा देगा.
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18 हजार रुपए में बेचते थे प्लाजमा
जब परिजनों ने कर्मचारी ने जो नंबर दिया था, उस पर कॉल करके प्लाज्मा की बात की तो दलाल आरोपी ने प्लाज्मा की कीमत 18 हजार रुपए बताई. यहां तक की ये कहकर प्लाज्मा बेचा की वे जेएएच (Jaya Arogya Hospital) से मुहैया करा रहा है. साथ ही असप्ताल की फर्जी रसीद भी थी. ताकि परिजनों को भरोसा रहे.
जानें गिरोह की चेन
- अजय शंकर त्यागी-ये गिरोह का मास्टरमाइंड है. इसने एक और दलाल का नाम बताया है, जिसकी तलाश की जा रही है.
- जगदीश भदकारिया-ये अपोलो अस्पताल का कर्मचारी है. इसने परिजनों को दलाल महेश मौर्या का नंबर दिया था.
- महेश मौर्या-वेदांश हॉस्पिटल का कर्मचारी और अजय शंकर त्यागी का दलाल है. वो कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों को यह कहकर पहुंचाता है कि वे जेएएच की लैब का कर्मचारी है और प्लाज्मा उपलब्ध करा देगा.
- हेमंत-ये एक निजी अस्पताल का कर्मचारी है, जो कि महेश मौर्या की तरह दलाली करता है.