ग्वालियर। जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति हर दिन भयानक होती जा रही है. ऐसे में जीवन रक्षक मानी जा रही रेमडेसिविर को लेकर भी अब लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है. पिछले 2 दिनों से कलेक्ट्रेट में मरीजों के कई परिजन चक्कर लगा रहे हैं. कई लोगों को इंतजार करते हुए 30 घंटे से भी ज्यादा का समय कलेक्ट्रेट में हो गया है. इन लोगों को आस है कि देर से ही सही लेकिन उनके परिजनों को इंजेक्शन जरूर मिलेगा.
30 घंटे से कलेक्ट्रेट के बाहर डटे हुए लोग
बुधवार और गुरुवार के दिन भर इंतजार करने के बाद इंजेक्शन की उपलब्धता पर मरीजों के परिजनों को अधिकारियों की तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिला. हैरानी की बात यह है कि ग्वालियर के अस्पतालों में भर्ती मरीजों के अलावा दूसरे महानगरों जैसे दिल्ली, भोपाल, आगरा, कानपुर, जयपुर, अहमदाबाद, सूरत और मुंबई से भी नोडल अधिकारी के पास इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए फोन आ रहे हैं. बुधवार को दक्षिण अफ्रीका से एक व्यक्ति का नोडल अफसर को फोन कर कहा कि उनका मरीज आरोग्यधाम अस्पताल में एडमिट है और गंभीर हालात में है. इसलिए उन्हे इंजेक्शन उपलब्ध करवाया जाए.
दक्षिण अफ्रीका से आया था फोन
कलेक्ट्रेट में इंजेक्शन बांटने का काम देख रहे नोडल अधिकारी ने बताया कि दो दिनों में उनके पास करीब डेढ़ हजार इंजेक्शन की डिमांड आ चुकी है. लेकिन उनके पास इंजेक्शन नहीं है. जैसे ही इंजेक्शन आएंगे वैसे ही डिमांड के हिसाब से उन्हें बांट दिया जाएगा. नोडल अधिकारी ने बताया कि उनके पास पूरे देश से इंजेक्शन की डिमांड के लिए फोन आ रहे हैं. लेकिन वो सिर्फ ग्वालियर जिले में ही इंजेक्शन उपलब्ध करवा सकते हैं. उनसे पास दक्षिण अफ्रीका से भी एक कॉल आया था. जिनसे परिजन ग्वालियर के एक अस्पताल में भर्ती हैं.