ग्वालियर। ग्वालियर संभाग में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. जिसमें विपरीत पर्यावरण या अधिक तापमान का भी अहम योगदान है. जिसकी वजह से लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है. भीषण गर्मी से परेशान होकर लोग मौत को गले लगा रहे हैं.
मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कमलेश उदैनिया ने बताया कि आत्महत्या के मामलों की बात की जाएं तो इसमें चिड़चिड़ापन, रिश्तों का टूटना, आर्थिक परेशानी नशा और वर्क प्लेस की परेशानी आत्महत्या के लिए कॉमन कारण है. इसके अलावा एकाकीपन, मोरल सर्पोट की कमी भी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है.
कमलेश उदैनिया ने कहा कि मानव शरीर का संबध सीधा तापमान से रहता है. यदि हमारे अनुकूल वातावरण रहता है तो हम प्रसन्न रहते हैं. काम करने की क्षमता ज्यादा बढ़ जाती है. नींद भी पूरी हो जाती है और वातावरण अनुकूल नहीं होने पर गर्मी की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति की कार्य क्षमता घटती है, चिड़चिड़ापन ज्यादा रहता है. नींद भी प्रभावित होती है और छोटी-छोटी चीजों में चिड़चिड़ाना आदि व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाते हैं.