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इस वजह से गर्मी में बढ़ते हैं आत्महत्या के मामले - एमपी न्यूज

ग्वालियर अंचल में इन दिनों आत्महत्या के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. तेज गर्मी के कारण लोग आत्महत्या जैसा काम कर रहे हैं.

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Published : May 20, 2019, 10:47 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर संभाग में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. जिसमें विपरीत पर्यावरण या अधिक तापमान का भी अहम योगदान है. जिसकी वजह से लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है. भीषण गर्मी से परेशान होकर लोग मौत को गले लगा रहे हैं.

वातारण के विपरित होने पर बढ़ते आत्महत्या के मामले

मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कमलेश उदैनिया ने बताया कि आत्महत्या के मामलों की बात की जाएं तो इसमें चिड़चिड़ापन, रिश्तों का टूटना, आर्थिक परेशानी नशा और वर्क प्लेस की परेशानी आत्महत्या के लिए कॉमन कारण है. इसके अलावा एकाकीपन, मोरल सर्पोट की कमी भी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है.

कमलेश उदैनिया ने कहा कि मानव शरीर का संबध सीधा तापमान से रहता है. यदि हमारे अनुकूल वातावरण रहता है तो हम प्रसन्न रहते हैं. काम करने की क्षमता ज्यादा बढ़ जाती है. नींद भी पूरी हो जाती है और वातावरण अनुकूल नहीं होने पर गर्मी की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति की कार्य क्षमता घटती है, चिड़चिड़ापन ज्यादा रहता है. नींद भी प्रभावित होती है और छोटी-छोटी चीजों में चिड़चिड़ाना आदि व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाते हैं.

ग्वालियर। ग्वालियर संभाग में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. जिसमें विपरीत पर्यावरण या अधिक तापमान का भी अहम योगदान है. जिसकी वजह से लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है. भीषण गर्मी से परेशान होकर लोग मौत को गले लगा रहे हैं.

वातारण के विपरित होने पर बढ़ते आत्महत्या के मामले

मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कमलेश उदैनिया ने बताया कि आत्महत्या के मामलों की बात की जाएं तो इसमें चिड़चिड़ापन, रिश्तों का टूटना, आर्थिक परेशानी नशा और वर्क प्लेस की परेशानी आत्महत्या के लिए कॉमन कारण है. इसके अलावा एकाकीपन, मोरल सर्पोट की कमी भी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार है.

कमलेश उदैनिया ने कहा कि मानव शरीर का संबध सीधा तापमान से रहता है. यदि हमारे अनुकूल वातावरण रहता है तो हम प्रसन्न रहते हैं. काम करने की क्षमता ज्यादा बढ़ जाती है. नींद भी पूरी हो जाती है और वातावरण अनुकूल नहीं होने पर गर्मी की वजह से शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति की कार्य क्षमता घटती है, चिड़चिड़ापन ज्यादा रहता है. नींद भी प्रभावित होती है और छोटी-छोटी चीजों में चिड़चिड़ाना आदि व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाते हैं.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर चंबल संभाग में इन दिनों आत्महत्या के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। मौजूदा दौर में जीवन की चुनौतियां और अभाव में लोगों को पलायन वादी सोच का आदी बना दिया है। लेकिन तेज गर्मी के कारण इस सोच को और ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। अकेले ग्वालियर में ही रोजाना 2 लोग जीवन से तंग आकर उसे खत्म कर रहे हैं।


Body:ग्वालियर में रविवार का दिन आत्महत्याओं के नाम रहा। 4 लोगों ने अलग अलग स्थानों और कारणों से अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इनमें एक हाई क्वालिफाइड नवविवाहिता शिप्रा मंडेलिया नमक युवती, एमसीए के टॉपर रहे सचिन झा, शंकरपुर में रहने वाली विवाहिता किरण गुर्जर और महाराजपुरा इलाके में पेड़ से लटके मिले संजय बाल्मीकि आपसी विवाद प्रेम प्रसंग और आर्थिक हालातों के चलते सुसाइड कर लिया। शिप्रा मंडेलिया D.Ed में 82 फ़ीसदी नंबर लाकर अपने इलाके में टॉप रही थी उसने एम एस सी गणित में भी 75 फ़ीसदी से ज्यादा अंक लाकर नाम रोशन किया था। शादी भी पुलिस कर्मी के साथ हुई थी बावजूद इसके आपसी संबंधों में खटास, एमसीए छात्र के प्रेम प्रसंग और ड्राइवर पति के अक्सर घर से बाहर रहने से परेशान करण गुर्जर ने आत्महत्या की ।इन दिनों जब पारा 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर जाता है तब मनुष्य की प्रवृत्ति में सोचने समझने की क्षीणता, पलायन वादी सोच में बढ़ोतरी सहित डिप्रेशन के कई मामले आसानी से बढ जाते हैं।


Conclusion:जानकार बताते हैं कि अस्पताल में रोजाना आत्महत्या के प्रयास के पांच मामले सामने आ रहे हैं वहीं दो से तीन मामले आत्महत्या के सामने आने से सामाजिक तानाबाना छिन्न भिन्न होता दिखाई देता है। वहीं पारिवारिक पृष्ठभूमि ,एकांकी जीवन और छोटे परिवार भी आत्महत्या के कारणों को बढ़ा रहे हैं। जानकार मानते हैं कि इसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है क्योंकि जीवन अनमोल है। मनोचिकित्सक कहते हैं कि मूलहीनता समस्याओं का लंबे समय तक समाधान नहीं निकलना ,नशा सहित कैरियर संबंधी कुछ ऐसे कारण होते हैं जो इन दिनो सोच पर हावी हो जाते हैं ।पारिवारिक सपोर्ट सिस्टम भी नहीं रहने से इस प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है ।
बाइट अंशुमान शर्मा सदस्य हैप्पीनेस अवेयरनेस मिशन ग्वालियर
बाइट डॉक्टर कमलेश उदैनिया विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा विभाग जीआरएमसी ग्वालियर
पीटीसी महेश शिवहरे ईटीवी भारत ग्वालियर
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