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घूसखोर पटवारी को चार साल की जेल, अब बन चुका है रेवेन्यू इंस्पेक्टर - जमीन की ऋण पुस्तिका तैयार

ग्वालियर की विशेष अदालत ने एक हजार की रिश्वत लेने वाले पटवारी को चार साल की सजा सुनाई है और 12 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.

Patwari sentenced to four years for taking bribe in Gwalior
ग्वालियर जिला अदालत
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Published : Dec 19, 2019, 10:16 PM IST

ग्वालियर। शहर की विशेष अदालत ने घाटीगांव विकास खंड के पटवारी को रिश्वतखोरी के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. पटवारी राम निवास जोनवार को कोर्ट ने एक हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 4 साल के सश्रम कारावास की सजा और 12 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. जानकारी के मुताबिक दोषी पटवारी ने 5 साल पहले ग्रामीण की ऋण पुस्तिका तैयार करने के एवज में एक हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी.

रिश्वत लेने की मिली सजा


मामला करीब 5 साल पुराना है, घाटीगांव विकास खंड में रहने वाले ओम प्रकाश पांडे ने अपने हिस्से की जमीन की ऋण पुस्तिका तैयार करवाने के लिए पटवारी से संपर्क किया था. पटवारी ने इस काम के लिए पीड़ित से चार हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, बाद में मामला एक हजार रुपए में तय हुआ था. 7 अक्टूबर 2014 को शहर के बहोडापुर शील नगर में अपने घर में रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी रामनिवास जोनवार को पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह घर के बाथरूम में घुस गया था, साथ ही रिश्वत के नोटों को जला दिया था.

ओम प्रकाश के लड़के जीतेंद्र ने बाथरूम के रोशनदान से उसका नोट जलाते हुए वीडियो बना लिया था. इस वीडियो को कोर्ट में पेश किया गया था. रिश्वत के नोटों में फार्मोलिन पाउडर लगाया गया था और रूई से बाथरूम धुलवाने पर उसका रंग लाल हो गया था. खास बात ये है कि फरियादी ओम प्रकाश पांडे और उसका बेटा जितेंद्र पांडे बाद में पक्ष विरोधी घोषित हो गए थे क्योंकि उन्होंने तत्कालीन पटवारी के समर्थन में बयान दिया था, लेकिन पुख्ता सबूत के चलते पटवारी को 4 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में फरियादी के खिलाफ भी कोर्ट ने संज्ञान लिया और उन्हें नोटिस जारी किया है. सजा सुनाए जाने के बाद पटवारी को जेल भेज दिया गया. दोषी पटवारी वर्तमान में रेवेन्यू इंस्पेक्टर के रूप में पदोन्नत हो चुका है.

ग्वालियर। शहर की विशेष अदालत ने घाटीगांव विकास खंड के पटवारी को रिश्वतखोरी के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. पटवारी राम निवास जोनवार को कोर्ट ने एक हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 4 साल के सश्रम कारावास की सजा और 12 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है. जानकारी के मुताबिक दोषी पटवारी ने 5 साल पहले ग्रामीण की ऋण पुस्तिका तैयार करने के एवज में एक हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी.

रिश्वत लेने की मिली सजा


मामला करीब 5 साल पुराना है, घाटीगांव विकास खंड में रहने वाले ओम प्रकाश पांडे ने अपने हिस्से की जमीन की ऋण पुस्तिका तैयार करवाने के लिए पटवारी से संपर्क किया था. पटवारी ने इस काम के लिए पीड़ित से चार हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, बाद में मामला एक हजार रुपए में तय हुआ था. 7 अक्टूबर 2014 को शहर के बहोडापुर शील नगर में अपने घर में रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी रामनिवास जोनवार को पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह घर के बाथरूम में घुस गया था, साथ ही रिश्वत के नोटों को जला दिया था.

ओम प्रकाश के लड़के जीतेंद्र ने बाथरूम के रोशनदान से उसका नोट जलाते हुए वीडियो बना लिया था. इस वीडियो को कोर्ट में पेश किया गया था. रिश्वत के नोटों में फार्मोलिन पाउडर लगाया गया था और रूई से बाथरूम धुलवाने पर उसका रंग लाल हो गया था. खास बात ये है कि फरियादी ओम प्रकाश पांडे और उसका बेटा जितेंद्र पांडे बाद में पक्ष विरोधी घोषित हो गए थे क्योंकि उन्होंने तत्कालीन पटवारी के समर्थन में बयान दिया था, लेकिन पुख्ता सबूत के चलते पटवारी को 4 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में फरियादी के खिलाफ भी कोर्ट ने संज्ञान लिया और उन्हें नोटिस जारी किया है. सजा सुनाए जाने के बाद पटवारी को जेल भेज दिया गया. दोषी पटवारी वर्तमान में रेवेन्यू इंस्पेक्टर के रूप में पदोन्नत हो चुका है.

Intro:ग्वालियर
भ्रष्टाचार निरोधी विशेष अदालत में घाटीगांव विकासखंड में पटवारी रहे रामनिवास जोनवार को 1000 रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 4 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है उस पर 12000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है यह रिश्वत ग्रामीण की ऋण पुस्तिका तैयार करने के एवज में तत्कालीन पटवारी द्वारा मांगी गई थी।



Body:घटना करीब 5 साल पुरानी है घाटीगांव विकासखंड में रहने वाले ओमप्रकाश पांडे ने अपने हिस्से की जमीन की ऋण पुस्तिका तैयार करवाने के लिए पटवारी से संपर्क किया था जिसने उनसे 4000 रुपए की रिश्वत मांगी थी बाद में मामला 1000 रुपए में तय हुआ ।7 अक्टूबर 2014 को शहर के बहोडापुर शील नगर में अपने घर में रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी रामनिवास जोनवार को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह घर के बाथरूम में घुस गया और उसने रिश्वत के नोटों को जला दिया लेकिन ओम प्रकाश के लड़के जीतेंद्र ने बाथरूम के रोशनदान से उसका नोट जलाते हुए वीडियो बना लिया था उसे भी कोर्ट में पेश किया गया रिश्वत में फार्मोलिन पाउडर लगा हुआ था रुई से बाथरूम धुलवाने पर उसका रंग लाल हो गया था।


Conclusion:इस मामले में खास बात यह है कि फरियादी ओम प्रकाश पांडे और उसका बेटा जितेंद्र पांडे बाद में पक्ष विरोधी घोषित हो गए थे यानी उन्होंने तत्कालीन पटवारी के समर्थन में बयान दिए थे लेकिन पुख्ता सबूत के चलते पटवारी को 4 साल की सजा सुनाई गई इस मामले में फरियादी के खिलाफ भी कोर्ट ने संज्ञान लिया और उन्हें नोटिस जारी किए है। सजा सुनाए जाने के बाद पटवारी को जेल भेज दिया गया। पटवारी वर्तमान में रेवेन्यू इंस्पेक्टर के रूप में पदोन्नत हो चुका है ।
अरविंद श्रीवास्तव... लोकायुक्त जिला न्यायालय ग्वालियर
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