ग्वालियर। सरकार चाहे कितनी भी योजनाएं जनहित के लिए ले आए, लेकिन जनता को उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए हमेशा पापड़ बेलना ही पड़ता है. एक ऐसा ही मामला है ग्वालियर के बहोड़पुर का. इस इलाके के विष्णु शर्मा के तीन बेटे हैं और तीनों ही बेटे एक पैर से दिव्यांग हैं. विष्णु शर्मा ने मदद के लिए कई जगह गुहार लगाई, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं. यहां तक कि अपने बच्चों का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भी विष्णु शर्मा सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
दरअसल, विष्णु शर्मा के तीन बेटे 3, 5 और 7 साल के हैं. तीनों ही बेटे जन्म से ही एक पैर से दिव्यांग हैं. विष्णु शर्मा ने अपनी फरियाद सीएम हेल्पलाइन पर भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक वहां से भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. विष्णु शर्मा ट्रांसपोर्ट नगर में मजदूरी करते हैं और अपने स्तर पर इन्होंने इलाज भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
ये बच्चे न तो ढंग से खेल से पाते हैं और न ही चल पाते हैं. इनके परिजनों को हर समय इनकी फिक्र सताती है. बच्चों की मां बताती है कि जब वे स्कूल जाते हैं, तो उन्हें हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि कहीं वे गिर न जाएं. लगभग 18 महीने पहले एसडीएम ने इस परिवार की स्थिति देखते हुए बीपीएल कार्ड जारी किया था, लेकिन उस राशन कार्ड से आज तक विष्णु शर्मा के परिवार को एक दाना भी नसीब नहीं हुआ है.
विष्णु शर्मा और उसकी पत्नी की प्रशासन से बस इतनी सी मांग है कि इन बच्चों का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा दें, ताकि भविष्य में उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके. इसके साथ ही प्रशासन ने जो राशन कार्ड दिया है, उससे उन्हें राशन मिलने लगे. वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि ये मेरी जानकारी में नहीं है. अब अवगत कराया गया है, तो मैं इसकी जानकारी लेकर परिवार की हरसंभव मदद करूंगा.