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अपने तीनों बच्चों के दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे माता-पिता, नहीं हो रही सुनवाई - gwalior news

ग्वालियर के बहोड़पुर के विष्णु शर्मा अपने तीनों दिव्यांग बेटों के दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे परिजन
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Published : Oct 19, 2019, 10:16 AM IST

Updated : Oct 19, 2019, 1:47 PM IST

ग्वालियर। सरकार चाहे कितनी भी योजनाएं जनहित के लिए ले आए, लेकिन जनता को उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए हमेशा पापड़ बेलना ही पड़ता है. एक ऐसा ही मामला है ग्वालियर के बहोड़पुर का. इस इलाके के विष्णु शर्मा के तीन बेटे हैं और तीनों ही बेटे एक पैर से दिव्यांग हैं. विष्णु शर्मा ने मदद के लिए कई जगह गुहार लगाई, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं. यहां तक कि अपने बच्चों का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भी विष्णु शर्मा सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

बच्चों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं

दरअसल, विष्णु शर्मा के तीन बेटे 3, 5 और 7 साल के हैं. तीनों ही बेटे जन्म से ही एक पैर से दिव्यांग हैं. विष्णु शर्मा ने अपनी फरियाद सीएम हेल्पलाइन पर भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक वहां से भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. विष्णु शर्मा ट्रांसपोर्ट नगर में मजदूरी करते हैं और अपने स्तर पर इन्होंने इलाज भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

ये बच्चे न तो ढंग से खेल से पाते हैं और न ही चल पाते हैं. इनके परिजनों को हर समय इनकी फिक्र सताती है. बच्चों की मां बताती है कि जब वे स्कूल जाते हैं, तो उन्हें हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि कहीं वे गिर न जाएं. लगभग 18 महीने पहले एसडीएम ने इस परिवार की स्थिति देखते हुए बीपीएल कार्ड जारी किया था, लेकिन उस राशन कार्ड से आज तक विष्णु शर्मा के परिवार को एक दाना भी नसीब नहीं हुआ है.

विष्णु शर्मा और उसकी पत्नी की प्रशासन से बस इतनी सी मांग है कि इन बच्चों का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा दें, ताकि भविष्य में उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके. इसके साथ ही प्रशासन ने जो राशन कार्ड दिया है, उससे उन्हें राशन मिलने लगे. वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि ये मेरी जानकारी में नहीं है. अब अवगत कराया गया है, तो मैं इसकी जानकारी लेकर परिवार की हरसंभव मदद करूंगा.

ग्वालियर। सरकार चाहे कितनी भी योजनाएं जनहित के लिए ले आए, लेकिन जनता को उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए हमेशा पापड़ बेलना ही पड़ता है. एक ऐसा ही मामला है ग्वालियर के बहोड़पुर का. इस इलाके के विष्णु शर्मा के तीन बेटे हैं और तीनों ही बेटे एक पैर से दिव्यांग हैं. विष्णु शर्मा ने मदद के लिए कई जगह गुहार लगाई, लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं. यहां तक कि अपने बच्चों का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भी विष्णु शर्मा सरकारी ऑफिसों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

बच्चों के पास दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं

दरअसल, विष्णु शर्मा के तीन बेटे 3, 5 और 7 साल के हैं. तीनों ही बेटे जन्म से ही एक पैर से दिव्यांग हैं. विष्णु शर्मा ने अपनी फरियाद सीएम हेल्पलाइन पर भी दर्ज कराई, लेकिन अब तक वहां से भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. विष्णु शर्मा ट्रांसपोर्ट नगर में मजदूरी करते हैं और अपने स्तर पर इन्होंने इलाज भी कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

ये बच्चे न तो ढंग से खेल से पाते हैं और न ही चल पाते हैं. इनके परिजनों को हर समय इनकी फिक्र सताती है. बच्चों की मां बताती है कि जब वे स्कूल जाते हैं, तो उन्हें हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि कहीं वे गिर न जाएं. लगभग 18 महीने पहले एसडीएम ने इस परिवार की स्थिति देखते हुए बीपीएल कार्ड जारी किया था, लेकिन उस राशन कार्ड से आज तक विष्णु शर्मा के परिवार को एक दाना भी नसीब नहीं हुआ है.

विष्णु शर्मा और उसकी पत्नी की प्रशासन से बस इतनी सी मांग है कि इन बच्चों का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा दें, ताकि भविष्य में उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके. इसके साथ ही प्रशासन ने जो राशन कार्ड दिया है, उससे उन्हें राशन मिलने लगे. वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि ये मेरी जानकारी में नहीं है. अब अवगत कराया गया है, तो मैं इसकी जानकारी लेकर परिवार की हरसंभव मदद करूंगा.

Intro:ग्वालियर- भले ही सरकार दिव्यांग लोगों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाकर उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने की बात करती हो। लेकिन सरकार की सारी योजनाएं धरातल पर दम तोड़ती नजर आ रही है।ग्वालियर के बहोड़ापुर इलाके में रहने वाले विष्णु शर्मा के तीन बेटे हैं और तीनों एक पैर से विकलांग है। विष्णु शर्मा मजदूरी करके अपने घर का गुजारा करते हैं उनके पास इतना पैसा नहीं है कि इन बच्चों का इलाज करा सकें। बच्चों के इलाज के लिए विष्णु ने कई जगह मदद की गुहार लगाई। लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी यहां तक कि बच्चों का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भी किसानों से चक्कर काट रही है। लेकिन अब तक बच्चों का दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नहीं बन पाया है।


Body:लगभग 18 महीने पहले एक एसडीएम ने इस परिवार की स्थिति को देखते हुए बीपीएल कार्ड जारी जरूर कर दिया। लेकिन उस पर राशन कार्ड से आज तक विष्णु शर्मा के परिवार को एक दाना तक नहीं मिल पाया है। इन सबके बाद विष्णु शर्मा ने अपनी फरियाद सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई है लेकिन अब तक वहां से भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। दरअसल सूबे के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर की विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर की लक्ष्मी पुरम में रहने वाली विष्णु शर्मा ट्रांसपोर्ट नगर में मजदूरी करते हैं। उनके तीन बेटे हैं जिनकी उम्र क्रमश 7,5 और 3 साल है यह तीनों बच्चे जन्म से ही एक पैर से दिव्यांग पैदा हुए हैं। दिव्यांग बच्चों का विष्णु ने कई अस्पतालों में अपने स्तर पर इलाज भी कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यह बच्चे ना तो ढंग से खेल पाते हैं और नहीं पढ़ पाते हैं। बच्चों की मां का कहना है कि जब स्कूल भी जाते हैं तो उन्हें हमेशा एक इस बात की चिंता सताए रहती है कि कहीं वह गिर न जाएं। विष्णु शर्मा और उसकी पत्नी प्रशासन से बस इतनी सी को है इन बच्चों का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा दे ताकि भविष्य में उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके। इसके साथ ही प्रशासन ने उन्हें जो राशन कार्ड दिया है उससे उन्हें राशन मिलने लगे। ताकि उनका परिवार का भरण पोषण हो सके। वही इस बारे में कलेक्टर का भी कहना है कि यह मेरी जानकारी में नहीं है आपने यह अवगत कराया है कि मैं इसकी सूचना लेकर परिवार को अपने पास बुला कर उसकी मदद करूंगा।


Conclusion:बाइट - विष्णु शर्मा , बच्चों के पिता

बाइट - मीना शर्मा, बच्चों की मां

वाइट - अनुराग चौधरी, कलेक्टर
Last Updated : Oct 19, 2019, 1:47 PM IST
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