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लालफीताशाही में अटका काम, 6 माह से बंद पड़ा रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण - न्यू कलेक्ट्रेट और नाका चंद्रबदनी

ग्वालियर के न्यू कलेक्ट्रेट और नाका चंद्रबदनी को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण बड़े जोर शोर से 5 साल पहले शुरू किया गया था. लेकिन बीते 6 माह से ये काम अटका पड़ा है और जिम्मेदारों को इस बारे में कुछ जानकारी ही नहीं है.

Incomplete bridge
अधूरा पड़ा ब्रिज
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Published : May 20, 2020, 4:02 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर के तीन निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज में से एक विवेकानंद नीडम के पास बन रहे करीब 1 किलोमीटर लंबे आरओबी का काम पिछले 6 माह से बंद पड़ा है. इसके पीछे केंद्रीय विद्यालय संगठन की उस जमीन का विवाद है, जिसे लोक निर्माण विभाग के आधीन किया जाना है. लेकिन फाइल कलेक्टर और संभागीय आयुक्त कार्यालय के चक्कर लगा रही है. गौर करने वाली बात है कि वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस गड़बड़ी की जानकारी तक नहीं है.

विकास पर भारी लालफीताशाही

दरअसल ग्वालियर के न्यू कलेक्ट्रेट और नाका चंद्रबदनी को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण बड़े जोर शोर से 5 साल पहले शुरू किया गया था. 927 मीटर लंबे इस पुल का कुछ ही निर्माण का हिस्सा बना है, जिस जगह नए पिलर बनाए जाने हैं वह जमीन केंद्रीय विद्यालय संगठन के नाम खसरे में दर्ज है. करीब 111 वर्ग मीटर की इस जमीन का हस्तांतरण लोक निर्माण विभाग के आधीन होना है. कलेक्टर कार्यालय से ये फाइल संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंची तो खसरा नंबर गलत होने से फाइल को वापस कर दिया गया, तब से ये फाइल टेबलों के चक्कर लगा रही है.

आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस लेटलतीफी की जानकारी तक नहीं है. अधिकारी मामले के संज्ञान में आने के बाद जल्द ही बाधा को दूर करने की बात कह रहे हैं. तो वहीं जनप्रतिनिधि इसे छोटी मोटी बाधा बताकर जल्द पुल का निर्माण शुरू करने की बात कर रहे हैं.

ग्वालियर। ग्वालियर के तीन निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज में से एक विवेकानंद नीडम के पास बन रहे करीब 1 किलोमीटर लंबे आरओबी का काम पिछले 6 माह से बंद पड़ा है. इसके पीछे केंद्रीय विद्यालय संगठन की उस जमीन का विवाद है, जिसे लोक निर्माण विभाग के आधीन किया जाना है. लेकिन फाइल कलेक्टर और संभागीय आयुक्त कार्यालय के चक्कर लगा रही है. गौर करने वाली बात है कि वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस गड़बड़ी की जानकारी तक नहीं है.

विकास पर भारी लालफीताशाही

दरअसल ग्वालियर के न्यू कलेक्ट्रेट और नाका चंद्रबदनी को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण बड़े जोर शोर से 5 साल पहले शुरू किया गया था. 927 मीटर लंबे इस पुल का कुछ ही निर्माण का हिस्सा बना है, जिस जगह नए पिलर बनाए जाने हैं वह जमीन केंद्रीय विद्यालय संगठन के नाम खसरे में दर्ज है. करीब 111 वर्ग मीटर की इस जमीन का हस्तांतरण लोक निर्माण विभाग के आधीन होना है. कलेक्टर कार्यालय से ये फाइल संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंची तो खसरा नंबर गलत होने से फाइल को वापस कर दिया गया, तब से ये फाइल टेबलों के चक्कर लगा रही है.

आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस लेटलतीफी की जानकारी तक नहीं है. अधिकारी मामले के संज्ञान में आने के बाद जल्द ही बाधा को दूर करने की बात कह रहे हैं. तो वहीं जनप्रतिनिधि इसे छोटी मोटी बाधा बताकर जल्द पुल का निर्माण शुरू करने की बात कर रहे हैं.

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